प्रयागराजः महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर 19 और 20 में रविवार को भीषण आग गई, लेकिन गनीमत रही कोई जनहानि नहीं हुई. हालांकि आग लगने के कारण अभी तक स्पष्ट रूप से पता नहीं लगा है. वैसे तो आग पर काबू पाने और लोगों को बचाने में प्रशासनिक, पुलिस के साथ एनडीआरएफ और अग्निशमन के जवान और अधिकारियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. लेकिन कुछ ऐसे अनसीन हीरो भी हैं, जिन्होंने पूरी घटना में कहीं न कहीं से एक बड़ी भूमिका निभाई और अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला.
महाकुंभ में पहुंचे श्रद्धालुओं ने आग लगे टेंट में घुसकर एलपीजी सिलेंडर्स को अपने कंधों पर उठाकर बाहर लाए. इतना ही नहीं साधु संन्यासियों ने भी अपने जान की परवाह किए बिना आग से लोगों को सुरक्षित बचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. कुछ साधु तो ऐसे भी थे जिन्हें नंगे पैर होने के बावजूद अंगारों पर चलते गए और लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल कर जिंदगी बचाई.
सेक्टर 19 और 20 के दो टेंट में लगी आग की लपटें और धुएं का गुबार देकर हर कोई डर गया था. रविवार होने की वजह से भीड़ भी ज्यादा थी. जब आग लगी और सिलेंडर फटने लगे तो प्रयागराज के निकट नैनी से अपने भतीजे के साथ कुंभ स्नान करने के लिए पहुंचे माता प्रसाद ने अपनी जान की परवाह किए बिना टेंट में घुस गए. दर्जनों सिलेंडर अंदर मौजूद थे, जिसके फटने से आग और विकराल रूप ले सकती है. ऐसे में माता प्रसाद रेस्क्यू टीम के भी टेंट के अंदर घुस गए और उन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर आग की लपटों की बीच सिलेंडर को अपने कंधे पर उठाकर बाहर फेंकना शुरू किया.
माता प्रसाद का कहना है कि उन्हें आज से बिल्कुल डर नहीं लगा, उन्होंने लगभग 15 सिलेंडर बाहर निकाल कर बाहर फेंका. उनके साथ मौजूद कुछ युवकों ने भी उनके साथ दिया और दो-तीन सिलेंडर उन्होंने भी बाहर निकाला, ताकि बाद ब्लास्ट न हो जाए और आग को समय से काबू किया जा सके.
इसके अलावा स्वामी जगदीशानंद और जूना अखाड़े के एक और संत ने अपनी जान की परवाह किए बिना टेंट और आसपास मौजूद लोगों को बाहर सुरक्षित करने का किया. साधु संतों का कहना था कि आग कैसे लगी यह तो नहीं पता लेकिन जांच होनी चाहिए. क्योंकि शॉर्ट सर्किट भी वजह हो सकती है और चिंगारी भी लेकिन इसे देवी प्रकोप कहिए या मानवीय भूल यह देखना होगा. लोगों को आग से बचाते-बचाते जूना अखाड़े के संत का पैर जल गया और गला भी बैठ गया.
अखाड़ा शिविरों में अब रखा जेंगे पानी और रेत के मटके
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि इतनी बड़ी आग पर समय रहते सरकार की व्यवस्था ने काबू कर लिया नहीं तो एक बड़ा हादसा हो जाता. महाकुंभ शुरू होने के पहले ही हर अखाड़े के बाहर एक फायर स्टेशन की व्यवस्था की मांग की थी. इस मांग को सरकार ने मानी थी और अखाड़े में भी छोटे यंत्र आग बुझाने के लगाए गए हैं. अब सभी अखाड़ों में पानी के और रेत के मटके रखे जाएंगे.
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