देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2024 का मॉनसून के बाद दूसरा चरण शुरू हो चुका है. मॉनसून के दौरान घटी तीर्थयात्रियों की संख्या अब धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही है. इसी बीच यातायात निदेशालय ने 2025 में होने वाली चारधाम यात्रा की तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं. यातायात निदेशालय चारधाम यात्रियों और स्थानीय व्यापारियों के हितों को देखते हुए 2025 की यात्रा में टोकन सिस्टम शुरू करने जा रहा है. इसके लिए निदेशालय ने अभी से परीक्षण करना शुरू कर दिया है.
चारधाम यात्रा प्रबंधक अरुण मोहन जोशी का कहना है कि 10 मई से शुरू हुई उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 की शुरुआत में बड़ी संख्या में यात्रियों के पहुंचने से कई प्रकार की अव्यवस्था सामने आई थी. अव्यवस्थाओं का आलम ये रहा कि यात्रियों से लेकर स्थानीय जनता को भी परेशानियों से जूझना पड़ा. लेकिन 2025 की यात्रा में इन सब चुनौतियों से सबक लेते हुए अब यात्रा में कई प्रकार के बदलाव होने की संभावना है. जिसके लिए तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं. इसमें सबसे पहले टोकन सिस्टम लागू किया जाना है, जिससे धामों में लंबी लाइनों से राहत मिलेगी. डिस्प्ले के माध्यम से टोकन नंबर को प्रदर्शित करने की व्यवस्था पर भी कार्य किया जाएगा. इससे यात्रियों को अनावश्यक खड़े रहने से निजात मिलेगी और अपने नंबर आने की दशा में यात्री विश्राम के साथ धामों में अन्य जगहों का भी दीदार कर सकेंगे.
टोकन सिस्टम की होगी पूरी तैयारी: अरुण मोहन जोशी ने कहा कि, हालांकि चारधाम यात्रा में टोकन सिस्टम पहले भी आनन-फानन में शुरू किया गया था. लेकिन यह ज्यादा फायदेमंद नहीं रहा और इस सिस्टम को बंद कर दिया गया. लेकिन इस बार साल 2025 में होने वाली चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले टोकन सिस्टम की तैयारी शुरू की जा रही है. इसके बाद चारधाम यात्रा में दुकानदारों से वार्ता की जाएगी और किस तरह से टोकन सिस्टम शुरू किया जा सकता है? उसका परीक्षण किया जाएगा. साथ ही चारधाम यात्रा में आने जाने वाले मार्गों का भी परीक्षण किया जाएगा. कुल मिलाकर इस बार टोकन सिस्टम शुरू करने से पहले पूरी तरह से तैयारी की जाएगी, जिससे यात्रा शुरू होने के बाद यह सिस्टम फेल न हो जाए और बाहरी राज्यों आने वाले पर्यटकों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े.
यातायात पर भी रहेगा विशेष ध्यान: वहीं चारधाम यात्रा मार्ग पर पार्किंग व्यवस्था, स्लाइडिंग जोन, ट्रैफिक, दुर्घटना संभावित क्षेत्र, बोटल नेक प्वाइंट और जाम वाले स्थानों पर वैकल्पिक मार्ग प्लानिंग शुरू हो गई है, जिससे किसी भी यात्री को घंटों के जाम में न फंसना पड़े. इसके लिए सभी विभागों से भी मदद ली जाएगी. वहीं यात्रा मार्गों में सड़कों की स्थिति को देखते हुए वाहनों का भी आकलन कर एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है. स्थानीय लोगों को आर्थिकी से कैसे जोड़ा जाए? इस बिंदु पर भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है.
गौर है कि उत्तराखंड में इस साल की चारधाम यात्रा में करीब 34 लाख श्रद्धालु अब तक दर्शन कर चुके हैं. माना जा रहा है कि आगामी यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी, जिसके लिए तैयारियां अभी से शुरू होने लगी हैं.
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