देहरादून: वर्तमान में साइबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. साल 2024 में साइबर ठगों ने प्रदेश के लोगों से करीब 210 करोड़ रुपए ठग लिए हैं. ऐसे में अब उत्तराखंड पुलिस अपने रिकॉड को सुधारने के लिए हरियाणा जाएगी, ताकि वो साइबर क्राइम की घटनाओं का खुलासा करने और रिकवरी के गुर सीख सके. कुछ अधिकारी हरियाणा के पंचकूला स्थित कॉल सेंटर की कार्यप्रणाली को देखने लिए जाएंगे, ताकि यहां भी 13 प्रतिशत रिकवरी रेट को बढ़ाकर पीड़ितों की मदद की जा सके.
करीब 210 करोड़ रुपए साइबर ठगों ने पहाड़ों के लोगों से ठगे: साइबर सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि साल 2024 में साइबर ठगों ने प्रदेश के लोगों से करीब 210 करोड़ रुपए ठगे हैं. साल 2024 में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में करीब 23 हजार केस दर्ज हुए हैं. वहीं, इस साल की बात करें, तो अब तक करीब 3 करोड़ रुपए की ठगी प्रदेश में हुई है. उन्होंने कहा कि इनमें बहुत से ऐसे लोग हैं, जिन्होंने एक साथ तीन करोड़ या इससे ज्यादा भी साइबर ठगों के खातों में जमा करा दिए हैं. अगर समय पर किसी पीड़ित ने साइबर वित्तीय हेल्पलाइन 1930 पर कॉल किया होता, तो पुलिस रकम बचाने में कामयाब होती है. हालांकि करीब 28 करोड़ 12 लाख रुपए लोगों के बचाए गए हैं, लेकिन यह कुल ठगी गई रकम का करीब 13 प्रतिशत है.
रकम रिकवरी में लगता है लंबा टाइम: दो साल पहले भी उत्तराखंड पुलिस का रिकवरी रेट करीब 13 प्रतिशत ही था. साथ ही उत्तराखंड पुलिस देश में शीर्ष 10 राज्यों में रैंक आती है. हरियाणा पुलिस अपने विशेष प्रयासों से खुद को आठ प्रतिशत से 36 प्रतिशत पर ले आई है. वहीं, जब किसी के साथ ठगी होती है, तो वह हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करता है. जिसके बाद साइबर पुलिस मुकदमा दर्ज कर बैंकों से डील करती है. कॉल आने पर संबधित बैंक को मेल या फोन कर खातों की जानकारी दी जाती है. इस प्रक्रिया में लंबा समय लगता है.
हरियाणा पुलिस किस तरह से काम करती है: हरियाणा में कुछ ऐसी जगह भी हैं, जहां देश भर के लोगों के साथ ठगी की जाती थी. इनमें मेवात और नूंह का नाम आता था. हरियाणा पुलिस ने सभी प्रदेशों के साथ 1930 हेल्पलाइन शुरू की थी, लेकिन इसमें बैठे पुलिसकर्मी उतना काम नहीं कर पा रहे थे, जितना की होना चाहिए था. ऐसे में उन्होंने अपने कॉल सेंटर में देश के प्रमुख बैंकों के कर्मचारियों को भी पुलिस कर्मियों के साथ तैनात कर दिया.
हरियाणा में 1930 हेल्पलाइन के जरिए होती है रकम की रिकवरी: अब जैसे ही किसी ठगी के शिकार व्यक्ति की कॉल आती है, तो सबसे पहले बैंक खाते को देखा जाता है और संबंधित बैंक से अगर दूसरे बैंक में पैसा ट्रांसफर हुआ है, तो वहीं बैंक का कर्मचारी उसे रोक देता है. यह प्रक्रिया तब तक चलती है, जब तक कि ज्यादा से ज्यादा रकम बचाई ना जा सके. इस तरह हरियाणा का रिकवरी प्रतिशत बढ़ गया है. साइबर ठगी की रकम रिकवर कर पीड़ित को लौटाने में हरियाणा पुलिस देश में नंबर वन पर है. हरियाणा में अब 36 प्रतिशत रकम 1930 हेल्पलाइन के माध्यम से रिकवर की जाती है.
टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ रही उत्तराखंड पुलिस: कानून व्यवस्था के आईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि उत्तराखंड पुलिस टेक्नोलॉजी में काफी आगे बढ़ रहा है. देश में अन्य जगहों पर अगर अच्छी टेक्नोलॉजी आ रही है, तो हमारी टीम वहां पर जा रही है. हरियाणा में 1930 हेल्पलाइन नंबर के जरिए अच्छा कार्य किया जा रहा है, जिसके लिए हरियाणा के मॉडल को देखने के लिए जल्द ही पुलिस अधिकारियों को भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि इस संबध में डीजीपी ने निर्देश जारी किए थे, वहां जो बेहतर प्रयास किए जा जा रहे हैं, उनके आधार पर उत्तराखंड में भी व्यवस्था की जाएगी.
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