देहरादून: धामी सरकार ने उत्तराखंड आवास नीति नियमावली-2024 को मंजूरी दे दी है. इस नीति में तमाम नए प्रावधान किए गए हैं, जिसके तहत ईडब्ल्यूएस (Economically Weaker Section/आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के लिए तय किए गए 3 लाख रुपए सालाना इनकम के मानक को बढ़ाकर पांच लाख रुपए सालाना इनकम कर दिया गया है. इसके साथ ही आवास खरीदने वाले व्यक्ति को स्टेट सब्सिडी के रूप में दो लाख रुपए दी जाएगी, जबकि पहले डेढ़ लाख रुपए का प्रावधान था. यही नहीं, पहली बार उत्तराखंड सरकार ने आवास नीति में रो हाउसिंग को प्रमोट करने के लिए प्रावधान किया है.
पीएमजीएवाई का लाभ नहीं मिलेगा: भारत सरकार के अनुसार जिनकी वार्षिक इनकम तीन लाख रुपए है, वो EWS यानी इकोनामी वीकर सेक्शन में आएंगे. लेकिन अब उत्तराखंड सरकार ने इकोनामी वीकर सेक्शन के दायरे को तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया है. हालांकि इसका एक नुकसान ये है कि अगर किसी व्यक्ति की आय 3 लाख से अधिक है तो उसे भारत सरकार की योजना पीएमजीएवाई (Pradhan Mantri Gramin Awas Yojana) से मिलने वाली सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा, लेकिन राज्य सरकार से मिलने वाली सब्सिडी का लाभ मिलेगा.
एलआईजी और एलएमआईजी को दी गई तमाम रियायतें: वहीं, ज्यादा जानकारी देते हुए आवास सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि भारत सरकार की पीएमजीएवाई परियोजना में इकोनामी वीकर सेक्शन को टारगेट किया गया है. इसी तरह आवास नीति की पहली पॉलिसी में सिर्फ इकोनामी वीकर सेक्शन को ही टारगेट किया गया था. लेकिन आमतौर पर यह देखा गया है कि एलआईजी और एलएमआईजी (लोअर इनकम ग्रुप एंड लोअर मिडल इनकम ग्रुप) में आवास डिमांड और आवास की सप्लाई में काफी अधिक अंतर है, जिसको पूरा करने के लिए इस आवास नीति में एलआईजी और एलएमआईजी को भी तमाम रियायतें दी गई है.
किफायती आवासीय परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने लिया यह निर्णय।#Uttarakhand pic.twitter.com/ewul7D52HP
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कैटेगरी को ध्यान में रखकर बनाई गई योजना: आवास नीति में अलग-अलग कैटेगरी के लिए अलग-अलग डेफिनेशन तैयार किए गए हैं, जिसके तहत 100 फीसदी इकोनामी वीकर, 15 फीसदी ईडब्ल्यूएस, 15 फीसदी ईडब्ल्यूएस के साथ-साथ 35 फीसदी एलआईजी और एलएमआईजी प्रोजेक्ट को लॉन्च किया जाएगा. ऐसे में अलग-अलग कैटेगरी को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग रियायत दी गई है. इसके साथ ही आवास के सेलिंग प्राइस का भी निर्धारण किया गया है.
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में जनहित के लिए गए मुख्य निर्णय।#Uttarakhand pic.twitter.com/xkVwsmIf8g
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जानिए मकानों को सेलिंग प्राइस: नई आवास नीति के तहत ईडब्ल्यूएस मकान की सेलिंग प्राइस 9 लाख रुपए, एलआईजी मकान की सेलिंग प्राइस 14 लाख रुपए, एलएमआईजी मकान की सेलिंग प्राइस 25 लाख होगा. इसके साथ ही प्रोजेक्ट के साइज के अनुसार कुछ अन्य रियायत भी दिए जाएंगे, जिसके लिए आवास सचिव के अध्यक्षता में स्क्रीनिंग कमेटी भी गठित की जाएगी.
इसके अलावा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मॉनिटरिंग कमेटी गठित की जाएगी, जिसमें निर्णय लिया जाएगा की कौन इस योजना के लिए क्वालीफाई होता है. साथ ही सचिव आवास ने बताया कि जितने भी इंसेंटिव दिए जाएंगे वो रीइंबर्समेंट के रूप में होगा, जिसमें स्टैंप ड्यूटी, लैंड यूज कन्वर्जन चार्जेस समेत अन्य चीज शामिल है.
वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों में एक रो हाउसिंग 'बार्कली' होता है, उसको प्रमोट करने के लिए पहली बार इस पॉलिसी में प्रावधान किया गया है कि अगर कोई डेवलपर इस प्रोजेक्ट को लेकर आ रहे हैं तो उनको, उनका प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद कनेक्टिविटी के लिए जो सड़क की जरूरत होगी, उस सड़क को सरकार डेवलप करके देगी. साथ ही कहा कि बार्कली रो हाउसिंग का प्रोजेक्ट में भी पर यूनिट सब्सिडी का प्रावधान किया गया है.
आवास आवंटन को लेकर नियम: उत्तराखंड सरकार ने जहां एक और नई आवास नीति में तमाम रियायतें दी हैं तो वही, दूसरी ओर नीति में आवास आवंटन प्रावधानों को और अधिक सख्त कर दिया है. नीति में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आवास आवंटन को लेकर सख्त नियम लाए गए हैं. जिसके तहत जहां तक संभव होगा आवास परिवार की महिला सदस्य के नाम पर ही आवंटित की जाएगा. इसके साथ ही जिसको भी आवास आवंटित किए जाएंगे, वो उस आवास को अगले 5 साल तक नहीं बेच सकेगा. इसके साथ ही आवाज की चाबी मिलने के तीन महीने के भीतर गृह प्रवेश करना अनिवार्य होगा. अगर वो तीन महीने के भीतर गृह प्रवेश नहीं करता है तो फिर उस आवास को किसी दूसरे व्यक्ति को आवंटित कर दिया जाएगा. इसके अलावा हर लाभार्थी आवासीय योजना की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन का सदस्य होगा.
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