देहरादून: पौड़ी के बीमार अमित की मौत मामले में उत्तराखंड स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. दरअसल अमित की तबीयत खराब होने के बाद परिजनों ने उसे पौड़ी के ही एक अस्पताल ले जाकर इलाज करवाने की कोशिश की थी, लेकिन डॉक्टरों ने उसे एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल और दूसरे अस्पताल से तीसरे-चौथे अस्पताल रेफर करते हुए अंत में उसे दिल्ली रेफर किया, तभी रास्ते में अमित ने दम तोड़ दिया.
उत्तराखंड स्वास्थ्य महानिदेशक ने मांगी रिपोर्ट: उत्तराखंड स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह ने बताया कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है और पौड़ी की सीएमओ से उन्होंने इस पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है. यह मामला न्यूरो से जुड़ा हुआ है, क्योंकि प्रदेश ही नहीं पूरे देश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है और यही कारण है कि उसे एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल रेफर किया गया है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इस पूरे मामले की रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजने के लिए कहा गया है. रिपोर्ट मिलने के बाद ही कोई एक्शन लिया जाएगा.
लापरवाही करने वाले को नहीं बख्शेंगे: स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि अगर मामले में किसी की भी लापरवाही सामने आएगी, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में जैसे ही डॉक्टर पीजी करके आ रहे हैं, हम उनकी तैनाती कर रहे हैं. फिलहाल प्रदेश में शत-प्रतिशत एमबीबीएस डॉक्टर तैनात हैं और स्वास्थ्य विभाग लगातार बेहतर करने का प्रयास कर रहा है.
पूजा में शामिल होने के लिए दिल्ली से आया था अमित: बता दें कि कुछ दिनों पहले 24 वर्षीय अमित रावत पूजा में शामिल होने के लिए दिल्ली से गांव आया था. गांव में 22 मई की रात को अमित की तबीयत खराब हो गई, जिससे परिजनों द्वारा उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की शिथिलता के चलते उसे कई अस्पतालों में रेफर किया गया.
विपक्षी पार्टी ने कांग्रेस पर साधा निशाना: वहीं, इस मामले में उत्तराखंड कांग्रेस के प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट ने कहा कि अगर राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बेहतर होती, तो कई अस्पतालों से युवक को रेफर नहीं करना पड़ता और ना ही उसकी जान जाती. लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की वजह से गर्भवती महिलाओं को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुधारने की जिम्मेदारी सरकार की बनती है. उन्होंने कहा कि राज्य की प्रतिष्ठा से जुड़ी चारधाम यात्रा में अभी तक 56 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है. ऐसे में चारधाम यात्रा मार्गों के सभी अस्पतालों को अपग्रेड करते हुए ऑक्सीजन और बेहतर स्वास्थ्य उपकरण की व्यवस्था करनी चाहिए.
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