ETV Bharat / state

देश में एक जुलाई से लागू होंगे 3 नए कानून, उत्तराखंड की तैयारी पूरी, पुलिस हैंडबुक तैयार - new criminal laws

author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 21, 2024, 8:16 PM IST

Updated : May 21, 2024, 8:35 PM IST

Police Handbook देश में लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों के लिए उत्तराखंड शासन की तैयारी पूरी हो चुकी है. आज मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने केंद्रीय गृह सचिव को इसकी तैयारियों को लेकर जानकारी दी.

Police Handbook
लागू होने वाले आपराधिक कानूनों के लिए उत्तराखंड पुलिस हस्तपुस्तिका तैयार की गई (PHOTO- Uttarakhand Information Department)

देहरादूनः देशभर में एक जुलाई 2024 से लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों के लिए उत्तराखंड शासन की तैयारी पूरी हो चुकी है. दरअसल, भारत सरकार के गृह सचिव ने मंगलवार को देश के सभी राज्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की. बैठक के दौरान उत्तराखंड सीएस राधा रतूड़ी ने भारत सरकार के गृह सचिव को बताया कि एक जुलाई 2024 से लागू होने वाले 3 नए आपराधिक कानून (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023, भारतीय न्याय संहिता-2023, भारतीय सुरक्षा अधिनियम- 2023) के लिए उत्तराखंड ने सारी तैयारियां पूरी कर ली है.

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि नए आपराधिक कानूनों के पास होने के बाद, सेंट्रल डिटेक्टिव ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और ब्यूरो फॉर पैरानॉर्मल रिसर्च एंड डिफेंस से समन्वय स्थापित कर पीटीसी/एटसीटी समेत अन्य प्रशिक्षण केंद्रों से 50 अधिकारियों को गाजियाबाद और जयपुर से मास्टर ट्रेनर का कोर्स कराया गया है. इसके साथ ही 18 परिवीक्षाधीन अधिकारी (Probationary Officer) को भी मास्टर ट्रेनर के रूप में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है. इसके अलावा, उत्तराखंड पुलिस हस्तपुस्तिका तैयार की गई है, जिसके आधार पर सभी कोर्स का संचालन किया जा रहा है. इसमें कानूनों को सरल तरीके से पढ़ने की विधि भी तैयार की गई है.

उत्तराखंड पुलिस हस्तपुस्तिका की कॉपी सभी पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को दी जा रही है. करीब 25 हजार हस्तपुस्तिका पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को दी जा रही है. ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए 3 मॉड्यूल तैयार किए जा रहे हैं. मुख्य सचिव ने बताया कि कानून लागू होने में बेहद कम समय बचा है. ऐसे में ट्रेनिंग को जिला स्तर पर विकेंद्रीकरण किया गया है. सभी मास्टर ट्रेनर्स और अभियोजन अधिकारियों की ज्वाइंट टीम की ओर से ऑफलाइन के जरिए सिविल पुलिस के विवेचना से संबंधित अधिकारियों की ट्रेनिंग करवाई जा रही है.

ऐसे कर्मचारी जिनका पुलिस विवेचना में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं होता है. उन्हें ऑनलाइन मोड में प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए एआई बेस्ड ऑनलाइन मॉड्यूल तैयार किया जा रहा है. जिन्हें मई महीने के अंत तक भारत सरकार की ओर से बनाए गए आई गोट कर्मायोगी पोर्टल (iGOT Karmayogi Portal) पर होस्ट किया जाएगा. इसके बाद सभी पुलिस कर्मचारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण पूरा करने के लिए एक महीने का समय दिया जाएगा. इसी क्रम में कॉन्स्टेबल और हेड कॉन्स्टेबल को चारधाम यात्रा के मद्देनजर करीब 20 दिन का समय दिया जाएगा, ताकि वो पोर्टल पर उपलब्ध 18 लेक्चर्स के मॉड्यूल का अध्ययन कर टेस्ट देने के बाद प्रशिक्षित हो जाएंगे.

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि आरटीसी में संचालित नागरिक पुलिस के करीब 1000 रिक्रूट आरक्षियों को 3 दिन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है. इसके अलावा, करीब 500 मुख्य आरक्षियों को पदोन्नति के लिए भी नए आपराधिक कानूनों का प्रशिक्षण दिया गया है. सभी आईपीएस अधिकारियों और जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के असिस्टेंट प्रोफेसर की ओर से 19 मार्च 2024 से 2 दो दिन का प्रशिक्षण दिया गया है जो ब्यूरो फॉर पैरानॉर्मल रिसर्च एंड डिफेंस से मिले सिलेबस पर आधारित है.

नए आपराधिक कानूनों के प्रशिक्षण के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों में ट्रेनिंग दी जानी है. ऑफलाइन ट्रेनिंग चार चरण में पूरी होनी थी, जिसमें अभी तक 3 चरण पूरे हो चुके हैं. बागेश्वर, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग में यह ट्रेनिंग समाप्त भी हो चुकी है. 75 फीसदी ऑफलाइन मोड का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है. आगामी एक हफ्तों में ऑफलाइन प्रशिक्षण भी पूरा कर लिया जाएगा. ई गोट कर्मयोगी पोर्टल पर सभी पुलिस कर्मियों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है.

राधा रतूड़ी ने कहा, 20 जून तक सभी तरह के प्रशिक्षण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. साथ ही द क्राइण एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम सॉफ्टवेयर संबंधित अपडेट का प्रशिक्षण भी 31 मई तक पूरा कर लिया जाएगा.

बता दें कि, नए आपराधिक कानूनों में बड़े बदलाव किए गए हैं. भारतीय न्याय संहिता में 190 छोटे-बड़े बदलाव किए गए हैं. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 360 छोटे-बड़े बदलाव किए गए हैं. साथ ही भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 45 छोटे- बड़े बदलाव किए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः खुलासा: दो साल पहले जिसके लिए छोड़ा था पति, उसी लिव इन पार्टनर ने पत्नी के साथ मिलकर कर दी हत्या

देहरादूनः देशभर में एक जुलाई 2024 से लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों के लिए उत्तराखंड शासन की तैयारी पूरी हो चुकी है. दरअसल, भारत सरकार के गृह सचिव ने मंगलवार को देश के सभी राज्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की. बैठक के दौरान उत्तराखंड सीएस राधा रतूड़ी ने भारत सरकार के गृह सचिव को बताया कि एक जुलाई 2024 से लागू होने वाले 3 नए आपराधिक कानून (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023, भारतीय न्याय संहिता-2023, भारतीय सुरक्षा अधिनियम- 2023) के लिए उत्तराखंड ने सारी तैयारियां पूरी कर ली है.

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि नए आपराधिक कानूनों के पास होने के बाद, सेंट्रल डिटेक्टिव ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और ब्यूरो फॉर पैरानॉर्मल रिसर्च एंड डिफेंस से समन्वय स्थापित कर पीटीसी/एटसीटी समेत अन्य प्रशिक्षण केंद्रों से 50 अधिकारियों को गाजियाबाद और जयपुर से मास्टर ट्रेनर का कोर्स कराया गया है. इसके साथ ही 18 परिवीक्षाधीन अधिकारी (Probationary Officer) को भी मास्टर ट्रेनर के रूप में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है. इसके अलावा, उत्तराखंड पुलिस हस्तपुस्तिका तैयार की गई है, जिसके आधार पर सभी कोर्स का संचालन किया जा रहा है. इसमें कानूनों को सरल तरीके से पढ़ने की विधि भी तैयार की गई है.

उत्तराखंड पुलिस हस्तपुस्तिका की कॉपी सभी पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को दी जा रही है. करीब 25 हजार हस्तपुस्तिका पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को दी जा रही है. ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए 3 मॉड्यूल तैयार किए जा रहे हैं. मुख्य सचिव ने बताया कि कानून लागू होने में बेहद कम समय बचा है. ऐसे में ट्रेनिंग को जिला स्तर पर विकेंद्रीकरण किया गया है. सभी मास्टर ट्रेनर्स और अभियोजन अधिकारियों की ज्वाइंट टीम की ओर से ऑफलाइन के जरिए सिविल पुलिस के विवेचना से संबंधित अधिकारियों की ट्रेनिंग करवाई जा रही है.

ऐसे कर्मचारी जिनका पुलिस विवेचना में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं होता है. उन्हें ऑनलाइन मोड में प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए एआई बेस्ड ऑनलाइन मॉड्यूल तैयार किया जा रहा है. जिन्हें मई महीने के अंत तक भारत सरकार की ओर से बनाए गए आई गोट कर्मायोगी पोर्टल (iGOT Karmayogi Portal) पर होस्ट किया जाएगा. इसके बाद सभी पुलिस कर्मचारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण पूरा करने के लिए एक महीने का समय दिया जाएगा. इसी क्रम में कॉन्स्टेबल और हेड कॉन्स्टेबल को चारधाम यात्रा के मद्देनजर करीब 20 दिन का समय दिया जाएगा, ताकि वो पोर्टल पर उपलब्ध 18 लेक्चर्स के मॉड्यूल का अध्ययन कर टेस्ट देने के बाद प्रशिक्षित हो जाएंगे.

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि आरटीसी में संचालित नागरिक पुलिस के करीब 1000 रिक्रूट आरक्षियों को 3 दिन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है. इसके अलावा, करीब 500 मुख्य आरक्षियों को पदोन्नति के लिए भी नए आपराधिक कानूनों का प्रशिक्षण दिया गया है. सभी आईपीएस अधिकारियों और जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के असिस्टेंट प्रोफेसर की ओर से 19 मार्च 2024 से 2 दो दिन का प्रशिक्षण दिया गया है जो ब्यूरो फॉर पैरानॉर्मल रिसर्च एंड डिफेंस से मिले सिलेबस पर आधारित है.

नए आपराधिक कानूनों के प्रशिक्षण के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों में ट्रेनिंग दी जानी है. ऑफलाइन ट्रेनिंग चार चरण में पूरी होनी थी, जिसमें अभी तक 3 चरण पूरे हो चुके हैं. बागेश्वर, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग में यह ट्रेनिंग समाप्त भी हो चुकी है. 75 फीसदी ऑफलाइन मोड का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है. आगामी एक हफ्तों में ऑफलाइन प्रशिक्षण भी पूरा कर लिया जाएगा. ई गोट कर्मयोगी पोर्टल पर सभी पुलिस कर्मियों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है.

राधा रतूड़ी ने कहा, 20 जून तक सभी तरह के प्रशिक्षण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. साथ ही द क्राइण एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम सॉफ्टवेयर संबंधित अपडेट का प्रशिक्षण भी 31 मई तक पूरा कर लिया जाएगा.

बता दें कि, नए आपराधिक कानूनों में बड़े बदलाव किए गए हैं. भारतीय न्याय संहिता में 190 छोटे-बड़े बदलाव किए गए हैं. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 360 छोटे-बड़े बदलाव किए गए हैं. साथ ही भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 45 छोटे- बड़े बदलाव किए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः खुलासा: दो साल पहले जिसके लिए छोड़ा था पति, उसी लिव इन पार्टनर ने पत्नी के साथ मिलकर कर दी हत्या

Last Updated : May 21, 2024, 8:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.