देहरादून: उत्तराखंड में नए साल और क्रिसमस के लिए लोग सेलिब्रेशन की तैयारियों में जुटे हैं. वहीं वन विभाग भी अलर्ट मोड पर दिखाई दे रहा है. दरअसल माना जाता है कि तमाम त्योहारों के दौरान जंगलों में शिकारी एक्टिव हो जाते हैं. इसी को देखते हुए नए साल और क्रिसमस को लेकर वन विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है और इसके लिए जंगलों में वन विभाग के कर्मचारियों को राज्य भर में निर्देश जारी किए गए हैं.
इसमें खास तौर पर रिजर्व फॉरेस्ट में विशेष तौर पर ध्यान दिए जाने के लिए कहा गया है. वन विभाग संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने पर जोर दे रहा है. यहां पर वन्यजीवों के शिकार की संभावना को देखते हुए आसपास के इलाकों में भी निगरानी रखी जा रही है. इतना ही नहीं संवेदनशील क्षेत्रों के आसपास रहने वाले लोगों के साथ संदिग्ध गतिविधियों के लिए इंटेलिजेंस को बढ़ाया जा रहा है. इस दौरान सबसे ज्यादा निगरानी कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, राजाजी टाइगर रिजर्व, गोविंद पशु विहार, नंदा देवी रिजर्व जैसे संरक्षित क्षेत्र में रखी जाएगी, जहां वन्यजीवों की बाहुल्यता है.
वन विभाग ने जनवरी पहले हफ्ते तक प्रदेश भर में अलर्ट जारी कर दिया है. इस दौरान फॉरेस्ट क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों पर भी वन विभाग के कर्मचारियों की नजर रहेगी. एक तरफ नए साल के शोर शराबे के बीच अवैध गतिविधियों को रोकने का प्रयास होगा तो ऐसे पर्यटक भी कार्रवाई की जद में होंगे जो नए साल या क्रिसमस के सेलिब्रेशन के नाम पर वन क्षेत्र में हुड़दंग करते हुए दिखाई देंगे. वन विभाग की कोशिश है कि नए साल और क्रिसमस को मनाने के नाम पर जंगलों के भीतर वन्यजीवों को किसी भी तरह की परेशानी ना आए.
वन विभाग इसके लिए कड़ी कार्रवाई करने के लिए भी तैयार दिख रहा है. इस मौके पर वन कर्मचारियों की छुट्टी बेहद जरूरी होने के स्थिति में ही स्वीकार की जाएगी. साथ ही गश्त को पहले के मुकाबले बढ़ाया जाएगा. वन विभाग हर साल त्योहारों के समय पर इस तरह के कदम उठाता है.
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