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यूटराइन प्रोलेप्स से कैसे करें खुद का बचाव, जानिए कितनी गंभीर है बीमारी ? - Uterine Prolapse

Uterine Prolapse Symptoms यूटरिन प्रोलेप्स क्या है. यूटराइन प्रोलेप्स क्यों होता है. किस उम्र की महिलाओं में यूटराइन प्रोलेप्स ज्यादा होता है. महिलाओं में ऐसी कौन-कौन से लक्षण दिखाई पड़ते हैं. जिसे यूटराइन प्रोलेप्स कहा जाता है. यूटराइन प्रोलेप्स होने पर महिलाओं को किस तरह की सावधानी रखनी चाहिए. इन सभी बातों का जवाब आज हम आपको देंगे.क्योंकि जानकारी के अभाव में हम कई बार गंभीर बीमारियों के चपेट में आ जाते हैं.ऐसे में महिलाओं को उनसे संबंधित बीमारियों के बारे में जानना बेहद जरुरी है.Diagnosis of Uterine Prolapse

Uterine Prolapse Symptoms
यूटराइन प्रोलेप्स से कैसे करें खुद का बचाव (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 20, 2024, 6:35 AM IST

रायपुर : यूटराइन प्रोलेप्स का मतलब बच्चे दानी का नीचे खिसक जाने को कहते हैं. यूटराइन प्रोलेप्स के अलग-अलग ग्रेड होते हैं. थर्ड डिग्री प्रोलेप्स में बच्चेदानी बाहर निकले रहती है. फोर्थ डिग्री प्रोलेप्स में बच्चेदानी पूरी तरह से बाहर आ जाती है. इन्हीं सब विषयों पर हमने स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सावेरी सक्सेना से बात की.आईए जानते हैं इस बारे में क्या सावधानी बरतनी चाहिए.

यूटराइन प्रोलेप्स से कैसे करें खुद का बचाव (ETV Bharat Chhattisgarh)

किस उम्र में होती है बीमारी ? : स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सावेरी सक्सेना ने बताया कि "यूटराइन प्रोलेप्स ज्यादातर 50, 60 और 70 साल की उम्र की महिलाओं में ज्यादातर दिखाई देता है. यूटराइन प्रोलेप्स सामान्य तौर पर ज्यादा उम्र की महिलाओं में देखने को मिलता है. यूटराइन प्रोलेप्स क्यों होता है इसके पीछे कारण यह है कि जो मांसपेशियां या लीगामेंट के साथ ही मूत्र की थैली को सपोर्ट करके रखे रहते हैं. ऐसी मांसपेशियां और लिगामेंट जब कमजोर हो जाते हैं या फिर इनमें स्ट्रेस आ जाता है तो उसकी वजह से यूटराइन प्रोलेप्स होता है.''

यूटराइन प्रोलेप्स क्यों होता है? : इसके पीछे कारण यह है कि जिन महिलाओं को बार-बार नार्मल डिलीवरी होने के साथ ही प्रेगनेंसी के बाद भी इनमें खिंचाव होता है स्ट्रेचिंग होती है. इसके साथ ही डिलीवरी के दौरान भी इसमें नुकसान पहुंचती है.

''इसके साथ ही जिन महिलाओं की डिफिकल्ट डिलीवरी होती है. डिलीवरी करते समय यदि ज्यादा समय लग रहा है प्रेशर डालना पड़ रहा है या फिर बच्चों की साइज बड़ी है. पहली प्रेग्नेंसी के बाद दूसरी प्रेगनेंसी में ज्यादा अंतर नहीं होता है तब भी यूटराइन प्रोलेप्स होता है."-डॉ. सावेरी सक्सेना, स्त्री रोग विशेषज्ञ

किन महिलाओं में होता होता यूटराइन प्रोलेप्स :यूटराइन प्रोलेप्स ऐसे महिलाओं को होता है जिनका वजन ज्यादा है या फिर जो स्मोकिंग के शौकीन हैं. इसके साथ ही महिलाओं का जब मासिक धर्म रुक जाता है, उस दौरान हारमोंस की कमी हो जाती है. इस वजह से भी यूटराइन प्रोलेप्स होता है. इसके साथ ही प्रेग्नेंट महिला को बहुत ज्यादा खांसी की समस्या या कब्ज की शिकायत या फिर पेट में बड़ा सा ट्यूमर हो गया है तो भी कभी-कभी महिलाओं को यूटराइन प्रोलेप्स होता है.

यूटराइन प्रोलेप्स से कैसे करें खुद का बचाव (ETV Bharat Chhattisgarh)

क्या हैं यूटराइन प्रोलेप्स के लक्षण : यूटराइन प्रोलेप्स होने पर महिलाओं को सामान्य तौर पर पेट के निचले हिस्से में या पीठ में हल्का दर्द होना. ग्रेड 2 में यह भी हो सकता है कि प्रेग्नेंट महिला शौच के लिए जाती है. तो उस समय ऐसा महसूस होता है कि कुछ बाहर आ रहा है. इस दौरान महिला को पैदल चलने में भी परेशानी होती है. यूटराइन प्रोलेप्स होने पर महिला को यूरिन संबंधी भी परेशानी होती है.

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यूटराइन प्रोलेप्स से कैसे करें खुद का बचाव (ETV Bharat Chhattisgarh)

किस उम्र में होती है बीमारी ? : स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सावेरी सक्सेना ने बताया कि "यूटराइन प्रोलेप्स ज्यादातर 50, 60 और 70 साल की उम्र की महिलाओं में ज्यादातर दिखाई देता है. यूटराइन प्रोलेप्स सामान्य तौर पर ज्यादा उम्र की महिलाओं में देखने को मिलता है. यूटराइन प्रोलेप्स क्यों होता है इसके पीछे कारण यह है कि जो मांसपेशियां या लीगामेंट के साथ ही मूत्र की थैली को सपोर्ट करके रखे रहते हैं. ऐसी मांसपेशियां और लिगामेंट जब कमजोर हो जाते हैं या फिर इनमें स्ट्रेस आ जाता है तो उसकी वजह से यूटराइन प्रोलेप्स होता है.''

यूटराइन प्रोलेप्स क्यों होता है? : इसके पीछे कारण यह है कि जिन महिलाओं को बार-बार नार्मल डिलीवरी होने के साथ ही प्रेगनेंसी के बाद भी इनमें खिंचाव होता है स्ट्रेचिंग होती है. इसके साथ ही डिलीवरी के दौरान भी इसमें नुकसान पहुंचती है.

''इसके साथ ही जिन महिलाओं की डिफिकल्ट डिलीवरी होती है. डिलीवरी करते समय यदि ज्यादा समय लग रहा है प्रेशर डालना पड़ रहा है या फिर बच्चों की साइज बड़ी है. पहली प्रेग्नेंसी के बाद दूसरी प्रेगनेंसी में ज्यादा अंतर नहीं होता है तब भी यूटराइन प्रोलेप्स होता है."-डॉ. सावेरी सक्सेना, स्त्री रोग विशेषज्ञ

किन महिलाओं में होता होता यूटराइन प्रोलेप्स :यूटराइन प्रोलेप्स ऐसे महिलाओं को होता है जिनका वजन ज्यादा है या फिर जो स्मोकिंग के शौकीन हैं. इसके साथ ही महिलाओं का जब मासिक धर्म रुक जाता है, उस दौरान हारमोंस की कमी हो जाती है. इस वजह से भी यूटराइन प्रोलेप्स होता है. इसके साथ ही प्रेग्नेंट महिला को बहुत ज्यादा खांसी की समस्या या कब्ज की शिकायत या फिर पेट में बड़ा सा ट्यूमर हो गया है तो भी कभी-कभी महिलाओं को यूटराइन प्रोलेप्स होता है.

यूटराइन प्रोलेप्स से कैसे करें खुद का बचाव (ETV Bharat Chhattisgarh)

क्या हैं यूटराइन प्रोलेप्स के लक्षण : यूटराइन प्रोलेप्स होने पर महिलाओं को सामान्य तौर पर पेट के निचले हिस्से में या पीठ में हल्का दर्द होना. ग्रेड 2 में यह भी हो सकता है कि प्रेग्नेंट महिला शौच के लिए जाती है. तो उस समय ऐसा महसूस होता है कि कुछ बाहर आ रहा है. इस दौरान महिला को पैदल चलने में भी परेशानी होती है. यूटराइन प्रोलेप्स होने पर महिला को यूरिन संबंधी भी परेशानी होती है.

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