आगरा: UPSC Exam Result: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा 2023 का परिणाम जारी कर दिया. जिसमें आगरा में तैनात एसडीएम अंशुल हिंदल ने 48 वीं रैंक हासिल की है. उनकी सफलता पर अधिकारियों और कर्मचारियों ने बधाई दी.
ईटीवी भारत ने एसडीएम से डीएम बने अंशुल हिंदल से एक्सक्लुसिव बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि, तीसरे प्रयास में 48 वीं रैक पाई है. पीसीएस की ट्रेनिंग के दौरान जो समय मिला, उसमें मन लगा कर सेल्फ स्टडी की. इससे अपनी रैंक भी सुधारी है.
UP PCS में मेरी 49 वीं रैंक आई थी. जबकि, यूपीएससी में 48 वीं रैंक आई है. उन्होंने कहा कि, यूथ को फोकस करके तैयारी करनी चाहिए. असफलताओं से निराश ना हों. उससे सबक लें और अपनी तैयारी में उतनी ही मेहनत और बढा दें. खेलें भी, पढें भी. परिवार और दोस्तों से भी मिलते रहें, घूमें भी.
मुजफ्फरनगर जिले के खतौली क्षेत्र के गांव नंगलारूद्र निवासी अंशुल हिंदल ने अपने पहले ही प्रयास में 19 अक्टूबर 2021 को यूपीपीसीएस में 49वीं रैंक हासिल की थी. ट्रेनिंग के बाद उनकी मार्च 2024 में आगरा में एसडीएम पद हुई है. जो अभी हाल में ताज सुरक्षा एसडीएम है.
ईटीवी भारत ने एसडीएम से डीएम बने अंशुल हिंदल ने खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि, मैंने तीसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर ली है. सबसे पहले पिता और मां को वीडियो कॉल करके जानकारी दी. भाई से भी बात की. सभी ने आर्शीवाद दिया है.
देश सेवा को छोडी कॉरपोरेट की नौकरी: एसडीएम अंशुल हिंदल ने बताया कि, मैंने आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है. इसके बाद कॉरपोरेट में नौकरी की. तभी कोरोना आ गया. इसी दौरान मन में सिविल सर्विस की तैयारी करने की इच्छा हुई. जिस पर कॉरपरेट की नौकरी छोड़ दी.
सेल्फ स्टडी की. पहले ही प्रयास में यूपी पीसीएस में 49 वीं रैंक आई. इसके बाद भी अपनी पढाई जारी रखी. यूपीएससी के दूसरे प्रयास में सफलता नहीं मिली. इस पर तैयारी जारी रखी, जो कमियां थी, जिन विषय में कम नंबर आए थे, उन पर पूरा फोकस किया. मेहनत की, मॉक टेस्ट दिए. अपनी कमजोरी को ताकत बनाया. जिससे तीसरे प्रयास में यूपीएससी में 48 वीं रैंक आई है.
पढ़ाई को एन्जॉय किया: एसडीएम अंशुल हिंदल ने बताया कि, सफलता का सूत्र मेहनत है. युवाओं को फोकस करके मेहनत करनी चाहिए. एक बात और ध्यान रखें. आप किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करें. मगर, परिवार और दोस्तों से कटे नहीं. परिवार के साथ बैठें. उनसे बातें करें. ऐसे ही दोस्तों से बात करें. जो खेल पसंद हैं. उसे खेलें भी. घूमने भी जाएं. इससे तैयारी का दिमाग पर लोड नहीं होगा. उसे एन्जॉय करेंगे, तो इसके परिणाम भी बेहतर आएंगे.
हर गांव तक पहुंचे तकनीक: अंशुल हिंदल ने बताया कि, मैं आईआईटी के बाद सिविल सर्वेसेज में आया हूं. अन्य लोग भी टेक्निकल ग्राउंड से आ रहे हैं. इसके साथ ही अन्य बैकग्राउंड के युवा भी इसमें आ रहे हैं. अब हमारी भूमिका पॉलिसी मेकिंग में भी रहेगी. मैं टेक्निकल बैकग्राउंड से ही हूं तो मेरा फोकस टेक्निकल पर रहेगा. मेरा मानना है कि, कस्बा और गांव तक तकनीक पहुंचनी चाहिए. मैं भी इस ओर काम करूंगा.
पिता एलआईसी रिटायर्ड और मां गृहणी: अंशुल हिंदल ने बताया कि, मेरे पिता हरपाल सिंह एलआईसी रिटायर्ड हैं. मां मुनेश गृहिणी है. बडे़ भाई सौरभ बैंक में हैं. सभी ने मेरा परिणाम जानकर मुझे बधाई दी है. जब से रिजल्ट आया है, परिजन, परिचित और दोस्त शुभकामना और बधाई देने के लिए कॉल कर रहे हैं.
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