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काबिल को मिली 274 रैंक, IAS की उम्मीद में फिर से परीक्षा देने की तैयारी - UPSC CSE 2023 Result

अपने परिणाम को लेकर काबिल भार्गव ने कहा कि इस रैंक पर आईएएस कैडर नहीं मिल सकता है. इसलिए एक साल और जमकर तैयारी करेंगे. काबिल ने साल 2019 में इंजीनियरिंग सर्विस परीक्षा पास कर ली थी. तब से लगातार सीपीडब्ल्यूडी विभाग में नौकरी कर रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 17, 2024, 3:49 PM IST

कानपुर: यूपी के कानपुर शहर के स्वरूप नगर निवासी काबिल भार्गव ने जब मंगलवार को यूपीएससी का परिणाम देखा, तो वह 274वीं रैंक देखकर खुश हुए, मगर आईएएस कैडर न मिलने की बात से थोड़ा नाराज भी दिखे. ऐसे में काबिल ने फौरन ही फैसला किया कि अब वह आगामी एक साल तक फिर से तैयारी करेंगे और आईएएस बनकर ही अपने सपनों को पूरा करेंगे.

काबिल ने ईटीवी भारत संवाददाता से विस्तार से बात की. बताया कि साल 2019 में ही उनका चयन इंजीनियरिंग सर्विस में हो गया था. उन्हें आल इंडिया 6वीं रैंक मिली थी. उन्होंने फौरन ही अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के साथ ही सीपीडब्ल्यूडी विभाग में असिस्टेंट एक्जीक्यूटिव इंजीनियर की नौकरी करना शुरू कर दी.

साल 2021 के बाद से उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की. मंगलवार को यूपीएससी की ओर से जो रिजल्ट जारी हुआ. यह काबिल का तीसरा एटेम्प्ट था. काबिल कहते हैं, कि मेरी मंजिल आईएएस है. इसलिए अब नौकरी से एक साल का एक्सटेंशन लेकर केवल तैयारी करनी है, जिससे मेरा चयन हो सके.

काबिल के पिता अजय भार्गव सीए हैं. माता रचना भार्गव गृहिणी हैं. काबिल की बहन शगुन भार्गव भी यूपीएससी की तैयारी शुरू कर चुकी हैं. काबिल ने शहर के डीपीएस आजाद नगर से जहां 12वीं की पढ़ाई पूरी की, वहीं 2014 से लेकर 2018 तक बिट्स पिलानी इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग की हैं.

सीनियर्स का मिला भरपूर साथ, क्रिकेट बैडमिंटन है खेलों में सबसे अधिक पसंद: काबिल ने बताया कि उन्होंने जब सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की तो सभी सीनियर्स ने उनकी बहुत मदद की. मेरे अभिभावक चाहते हैं कि मैं आईएएस बनूं. काबिल से जब पूछा गया, कि पढ़ाई के अलावा आदतों में क्या-क्या शुमार है? तो जवाब मिला कि खेलों में जहां क्रिकेट और बैडमिंटन बहुत पसंद है. वहीं, फाइनेंशियल मार्केट के क्षेत्र में भी उनकी खासी रुचि है.

ये भी पढ़ेंः पिता IPS मां गृहिणी, पहले बने इंजीनियर अब IAS, सिविल सर्विस के तीसरे एटेम्प्ट में मिली सफलता

कानपुर: यूपी के कानपुर शहर के स्वरूप नगर निवासी काबिल भार्गव ने जब मंगलवार को यूपीएससी का परिणाम देखा, तो वह 274वीं रैंक देखकर खुश हुए, मगर आईएएस कैडर न मिलने की बात से थोड़ा नाराज भी दिखे. ऐसे में काबिल ने फौरन ही फैसला किया कि अब वह आगामी एक साल तक फिर से तैयारी करेंगे और आईएएस बनकर ही अपने सपनों को पूरा करेंगे.

काबिल ने ईटीवी भारत संवाददाता से विस्तार से बात की. बताया कि साल 2019 में ही उनका चयन इंजीनियरिंग सर्विस में हो गया था. उन्हें आल इंडिया 6वीं रैंक मिली थी. उन्होंने फौरन ही अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के साथ ही सीपीडब्ल्यूडी विभाग में असिस्टेंट एक्जीक्यूटिव इंजीनियर की नौकरी करना शुरू कर दी.

साल 2021 के बाद से उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की. मंगलवार को यूपीएससी की ओर से जो रिजल्ट जारी हुआ. यह काबिल का तीसरा एटेम्प्ट था. काबिल कहते हैं, कि मेरी मंजिल आईएएस है. इसलिए अब नौकरी से एक साल का एक्सटेंशन लेकर केवल तैयारी करनी है, जिससे मेरा चयन हो सके.

काबिल के पिता अजय भार्गव सीए हैं. माता रचना भार्गव गृहिणी हैं. काबिल की बहन शगुन भार्गव भी यूपीएससी की तैयारी शुरू कर चुकी हैं. काबिल ने शहर के डीपीएस आजाद नगर से जहां 12वीं की पढ़ाई पूरी की, वहीं 2014 से लेकर 2018 तक बिट्स पिलानी इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग की हैं.

सीनियर्स का मिला भरपूर साथ, क्रिकेट बैडमिंटन है खेलों में सबसे अधिक पसंद: काबिल ने बताया कि उन्होंने जब सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की तो सभी सीनियर्स ने उनकी बहुत मदद की. मेरे अभिभावक चाहते हैं कि मैं आईएएस बनूं. काबिल से जब पूछा गया, कि पढ़ाई के अलावा आदतों में क्या-क्या शुमार है? तो जवाब मिला कि खेलों में जहां क्रिकेट और बैडमिंटन बहुत पसंद है. वहीं, फाइनेंशियल मार्केट के क्षेत्र में भी उनकी खासी रुचि है.

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