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यूपी पुलिस की प्रेम कहानी; जेल से बाहर आई महिला इंस्पेक्टर को घर से निकालकर पीटने वाली दारोगा की पत्नी - Agra Police Love Story

मामला तीन अगस्त 2024 का है. मेरठ निवासी इंस्पेक्टर पवन कुमार की पत्नी गीता नागर अपने परिजन के साथ आगरा आईं. गीता और उसके परिजन आगरा पुलिस कमिश्नरेट के रकाबगंज थाना प्रभारी शैली राणा के सरकारी आवास पर पहुंचे. जहां पर थाना प्रभारी शैली राणा और उनके प्रेमी इंस्पेक्टर को सरकारी आवास से पकड़ा था.

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यूपी पुलिस की प्रेम कहानी. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 9, 2024, 2:02 PM IST

आगरा: ताजनगरी आगरा के रकाबगंज थाना परिसर के सरकारी आवास में प्रेमी इंस्पेक्टर संग पकड़ी गईं थाना प्रभारी निरीक्षक शैली राणा से मारपीट करने वाले आरोपियों को जमानत मिल गई है. प्रेमी इंस्पेक्टर पवन कुमार की पत्नी गीता नागर ने भाइयों और बेटे के साथ थाना प्रभारी के सरकारी आवास पर मारपीट की थी. खींचतान और हंगामा हुआ था.

इस मामले में पुलिस कमिश्नर जे रविंदर गौड ने जहां इस्पेक्टर शैली राणा को निलंबित कर दिया था और इंस्पेक्टर पवन के खिलाफ रिपोर्ट विजीलेंस भेजी थी. जबकि, निलंबित इंस्पेक्टर शैली राणा की शिकायत पर प्रेमी इंस्पेक्टर की पत्नी गीता नागर, उसके भाई, भाभी, भतीजा के खिलाफ जानलेवा हमले समेत अन्य गंभीर धारों में मुकदमा दर्ज किया था. जिस पर रकाबगंज थाना पुलिस ने गीता नागर, उसके भाई ज्वाला और भाभी सोनिया को जेल भेजा था. जिनकी जमानत हो गई.

मामला तीन अगस्त 2024 का है. मेरठ निवासी इंस्पेक्टर पवन कुमार की पत्नी गीता नागर अपने परिजन के साथ आगरा आईं. गीता और उसके परिजन आगरा पुलिस कमिश्नरेट के रकाबगंज थाना प्रभारी शैली राणा के सरकारी आवास पर पहुंचे. जहां पर थाना प्रभारी शैली राणा और उनके प्रेमी इंस्पेक्टर को सरकारी आवास से पकड़ा था.

जिस पर इंस्पेक्टर पवन की पत्नी गीता और उसके परिजन ने सरकारी आवास से थाना प्रभारी शैली राणा और इंस्पेक्टर पति पवन को पीटते हुए बाहर लाए. दोनों के साथ खींचतान और मारपीट की. खूब हंगामा हुआ. जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए. पुलिस महकमा की किरकिरी होने पर पुलिस कमिश्नर जे रविंदर गौड ने तत्काल प्रभाव से थाना प्रभारी निरीक्षक शैली राणा को निलंबित कर दिया था.

रकाबगंज थाने में निलंबित इंस्पेक्टर शैली राणा की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया. इस मामले में रकाबगंज थाना के दो मुंशी निलंबित किए गए और छह पुलिसकर्मी लाइन हाजिर किए गए.

बता दें कि, रकाबगंज थाना पुलिस ने निलंबित थाना प्रभारी शैली राणा की तहरीर पर गीता नागर, उसके भाई ज्वाला नागर, भाभी सोनिका, भतीजे दिग्विजय समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. जिसमें पुलिस ने चार अगस्त को गीता, ज्वाला और सोनिका को कोर्ट में पेश करके जानलेवा हमले में रिमांड मांगा था. मगर, कोर्ट ने रिमांड नहीं दिया. जिससे तीनों जेल चले गए.

इस मामले में दिग्विजय समेत अन्य आरोपी फरार हैं. जेल गए आरोपियों की पैरवी अधिवक्ता मुकुल कुलश्रेष्ठ और अनुराधा दीक्षित ने की. अधिवक्ताओं की पैरवी पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने गीता, ज्वाला और सोनिका की जमानत याचिका स्वीकार की गई.

अधिवक्ता मुकुल कुलश्रेष्ट ने बताया कि गीता नागर, उसके भाई ज्वाला नागर, भाभी सोनिका को गुरुवार जमानत मिल गई. तीनों 20-20 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी गई है. गुरुवार देर शाम जेल से रिहा हो गए. इस मामले में अधिवक्ता अनुराधा दीक्षित के साथ पैरवी की थी.

तीन और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई तय: एसीपी सदर सुकन्या शर्मा ने अपनी जांच रिपोर्ट डीसीपी सिटी सूरज राय को सौंप दी है. जिसमें तीन और पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होना तय है. एसीपी ने अपनी जांच रिपोर्ट में तीनों पुलिसकर्मियों के नाम खोले हैं. तीनों पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध है. तीनों पुलिसकर्मी थाने पर मौजूद थे. मगर, घटना के समय मूकदर्शक बने रहे. इसलिए, तीनों को आरोपित माना गया है.

ये भी पढ़ेंः इंस्पेक्टर की प्रेम कहानी; आगरा के थाने से हुई थी मुखबिरी, मेरठ से दौड़ी चली आई थी पत्नी-बेटा और साला

आगरा: ताजनगरी आगरा के रकाबगंज थाना परिसर के सरकारी आवास में प्रेमी इंस्पेक्टर संग पकड़ी गईं थाना प्रभारी निरीक्षक शैली राणा से मारपीट करने वाले आरोपियों को जमानत मिल गई है. प्रेमी इंस्पेक्टर पवन कुमार की पत्नी गीता नागर ने भाइयों और बेटे के साथ थाना प्रभारी के सरकारी आवास पर मारपीट की थी. खींचतान और हंगामा हुआ था.

इस मामले में पुलिस कमिश्नर जे रविंदर गौड ने जहां इस्पेक्टर शैली राणा को निलंबित कर दिया था और इंस्पेक्टर पवन के खिलाफ रिपोर्ट विजीलेंस भेजी थी. जबकि, निलंबित इंस्पेक्टर शैली राणा की शिकायत पर प्रेमी इंस्पेक्टर की पत्नी गीता नागर, उसके भाई, भाभी, भतीजा के खिलाफ जानलेवा हमले समेत अन्य गंभीर धारों में मुकदमा दर्ज किया था. जिस पर रकाबगंज थाना पुलिस ने गीता नागर, उसके भाई ज्वाला और भाभी सोनिया को जेल भेजा था. जिनकी जमानत हो गई.

मामला तीन अगस्त 2024 का है. मेरठ निवासी इंस्पेक्टर पवन कुमार की पत्नी गीता नागर अपने परिजन के साथ आगरा आईं. गीता और उसके परिजन आगरा पुलिस कमिश्नरेट के रकाबगंज थाना प्रभारी शैली राणा के सरकारी आवास पर पहुंचे. जहां पर थाना प्रभारी शैली राणा और उनके प्रेमी इंस्पेक्टर को सरकारी आवास से पकड़ा था.

जिस पर इंस्पेक्टर पवन की पत्नी गीता और उसके परिजन ने सरकारी आवास से थाना प्रभारी शैली राणा और इंस्पेक्टर पति पवन को पीटते हुए बाहर लाए. दोनों के साथ खींचतान और मारपीट की. खूब हंगामा हुआ. जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए. पुलिस महकमा की किरकिरी होने पर पुलिस कमिश्नर जे रविंदर गौड ने तत्काल प्रभाव से थाना प्रभारी निरीक्षक शैली राणा को निलंबित कर दिया था.

रकाबगंज थाने में निलंबित इंस्पेक्टर शैली राणा की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया. इस मामले में रकाबगंज थाना के दो मुंशी निलंबित किए गए और छह पुलिसकर्मी लाइन हाजिर किए गए.

बता दें कि, रकाबगंज थाना पुलिस ने निलंबित थाना प्रभारी शैली राणा की तहरीर पर गीता नागर, उसके भाई ज्वाला नागर, भाभी सोनिका, भतीजे दिग्विजय समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. जिसमें पुलिस ने चार अगस्त को गीता, ज्वाला और सोनिका को कोर्ट में पेश करके जानलेवा हमले में रिमांड मांगा था. मगर, कोर्ट ने रिमांड नहीं दिया. जिससे तीनों जेल चले गए.

इस मामले में दिग्विजय समेत अन्य आरोपी फरार हैं. जेल गए आरोपियों की पैरवी अधिवक्ता मुकुल कुलश्रेष्ठ और अनुराधा दीक्षित ने की. अधिवक्ताओं की पैरवी पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने गीता, ज्वाला और सोनिका की जमानत याचिका स्वीकार की गई.

अधिवक्ता मुकुल कुलश्रेष्ट ने बताया कि गीता नागर, उसके भाई ज्वाला नागर, भाभी सोनिका को गुरुवार जमानत मिल गई. तीनों 20-20 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी गई है. गुरुवार देर शाम जेल से रिहा हो गए. इस मामले में अधिवक्ता अनुराधा दीक्षित के साथ पैरवी की थी.

तीन और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई तय: एसीपी सदर सुकन्या शर्मा ने अपनी जांच रिपोर्ट डीसीपी सिटी सूरज राय को सौंप दी है. जिसमें तीन और पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होना तय है. एसीपी ने अपनी जांच रिपोर्ट में तीनों पुलिसकर्मियों के नाम खोले हैं. तीनों पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध है. तीनों पुलिसकर्मी थाने पर मौजूद थे. मगर, घटना के समय मूकदर्शक बने रहे. इसलिए, तीनों को आरोपित माना गया है.

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