कानपुर : क्या आप सोच सकते हैं कि जिस खाकी में एक सिपाही का वेतन बहुत न्यूनतम होता है और अगर वो 12 साल में 5.10 करोड़ रुपये की कमाई कर ले तो यह चौंकाने वाली बात तो जरूर होगी. हालांकि ऐसा हकीकत में हुआ है. सिपाही श्याम सुशील मिश्रा को कानपुर के चर्चित बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड में बर्खास्त किया गया था. इसके बाद भ्रष्टाचार निवारण संगठन की ओर से साल 2007 से लेकर 2018 तक हुई जांच में यह खुलासा हुआ. खास बात यह भी है कि पुलिस की नौकरी में सिपाही ने कमाई तो 5.10 करोड़ रुपये की, लेकिन खर्च 8.21 करोड़ रुपये किए. इसमें उसने कई संपत्तियां खरीदी हैं.
जितनी इनकम, उसके मुकाबले 60 प्रतिशत अधिक खर्च किया : भ्रष्टाचार निवारण संगठन की कानपुर इकाई के इंस्पेक्टर चतुर सिंह ने जांच में पाया कि 2007 से लेकर 2018 तक सिपाही ने ज्ञात व वैध स्रोतों से इनकम के मुकाबले 60 प्रतिशत ज्यादा खर्च किया. आय और व्यय के बीच करीब 3.11 करोड़ रुपये का अंतर पाया गया. जांच में सामने आया कि सिपाही कानपुर के जिस मकान में रह रहा था, उसकी कीमत करीब 1.5 करोड़ रुपये है.
उन्नाव में खरीदी जमीन : इसके अलावा सिपाही ने उन्नाव में जमीनें खरीदीं. कुछ समय पहले उसने पेट्रोल पंप भी खरीदा. 1987 में सिपाही पद पर भर्ती होने वाला श्याम सुशील मिश्रा मूल रूप से मिर्जापुर का रहने वाला है. उसे पिंटू सेंगर हत्याकांड में अरेस्ट होने के बाद दिसंबर 2022 में बर्खास्त कर दिया गया था और 2019 में उसके खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति की जांच के आदेश दिए गए थे. सिपाही श्याम सुशील काफी समय तक चकेरी में भी तैनात रहा था.
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