लखनऊ: बीते दिनों 31 जुलाई को राजधानी के गोमती नगर इलाके में करीब आधे घंटे तक मनबढ़ युवक हुड़दंग करते रहे, लेकिन पुलिस को खबर ही नहीं लग सकी. अब इस तरह अपराध से निपटने ले लिए लखनऊ में यूपी की पहली ड्रोन चौकी बनाई जा रही है, जहां 24*7 ड्रोन कैमरे एक्टिव मोड पर रहेंगे. इस चौकी से ट्रैफिक व्यवस्था, कानून व्यवस्था और क्रिमिनल्स को रोकने में सहायता मिलेगी.
खास मौकों पर ही दिखते थे ड्रोन : ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था अमित वर्मा ने बताया कि अब तक हमारे पास पहले से मौजूद पांच ड्रोन कैमरों के जरिए प्रमुख मौकों पर जैसे मोहर्रम, जुलूस, धरना या किसी बड़े आयोजन के दौरान ट्रेंड टीम ड्रोन नजर रखती थी.उसके बाद वापस रख दिए जाते थे. लेकिन बीते कुछ समय में अपराधियों के अपराध करने का तरीका बदला है. क्षेत्रफल में भी बढ़ौतरी हुई है. चेन स्नेचिंग की घटनाओं में अपराधी संकरी गलियों से भाग जाते हैं. इसके अलावा लंबा ट्रैफिक जाम भी कई बार लगता है. इनसे निपटने के लिए पुलिसिंग को हाईटेक करने की जरूरत थी.
बनेगी यूपी की पहली ड्रोन चौकी, हर वक्त ड्रोन से होगी पेट्रोलिंग : ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था के मुताबिक, यही वजह है कि हमने एक प्रस्ताव पुलिस कमिश्नर को भेजा है, जो शासन को भी उनके स्तर से भेजा जाएगा. जिसके मुताबिक, राजधानी में पांच ड्रोन चौकी बनाई जाएगी. इस चौकी में शुरुवाती स्तर पर एक ड्रोन कैमरा, एक सब इंस्पेक्टर और दो कांस्टेबल मौजूद रहेंगे. ये पांचों ड्रोन चौकियां सभी जोन में एक-एक स्थापित होंगी. बताया कि जैसे पुलिसकर्मी और अफसर फील्ड पर भ्रमणशील रहते हैं, वैसे ही ड्रोन चौकी के कर्मी और ड्रोन पेट्रोलिंग करेंगे. इसके लिए रोजाना चौकी प्रभारी ड्यूटी चार्ट बनाएगा. इसके अलावा ये सभी पांच चौकियों को एक प्राइवेट ड्रोन स्पेशलिस्ट कंसल्ट करेंगे.
ड्रोन चौकी बनाने की ये खास वजह
पहला क्राइम कंट्रोल : यूपी में खासकर लखनऊ में चेन स्नेचिंग की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. चेन स्नेचिंग की घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी बाइक से संकरी गलियों से होते हुए फरार हो जाते हैं. इसी तरह अलग-अलग अपराधों को अंजाम देने के बाद अपराधियों के फरार होने पर उनके गिरफ्तार करने में पुलिस को समस्या आती है. यदि ड्रोन चौकी हर जोन में होगी और वह भ्रमणशील भी रहेगी तो ऐसी आपराधिक घटनाओं पर लगाम लग सकेगी.
दूसरा लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखना : राजधानी में पुलिस के सामने लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है. इसी को व्यवस्थित करने में ड्रोन चौकी अहम भूमिका निभा सकती है. बीते दिनों लखनऊ के आंबेडकर पार्क के पास बारिश में हुड़दंग की घटना में यदि ड्रोन कैमरे की व्यवस्था होती तो समय पर प्रभावी ढंग से कार्रवाई हो सकती थी. इतना ही नहीं, किसी धरना-प्रदर्शन, दंगे में लगे तत्वों को ट्रेस करना भी आसान हो जाएगा.
तीसरा ट्रैफिक कंट्रोल : राजधानी में पीक अवर में जैसे सुबह 9 से 11 और शाम 5 से 9 बजे तक लगभग सभी प्रमुख मार्गों पर जाम की स्थिति होती है. जाम इतना लंबा होता है कि चौराहे पर खड़े ट्रैफिक कर्मी को पता ही नहीं चल पाता है. ऐसे में ड्रोन चौकी बनने और फिर उसके पेट्रोलिंग करने से आसानी से यह जानकारी जुटाई जा सकेगी कि जाम कितना लंबा है और क्या कारण है? साथ ही इसे कैसे हटाया जाए? इसके अलावा ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भी ड्रोन से नजर रखी जा सकेगी.