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आगरा में प्रसव और गर्भपात करा रहे झोलाछाप, 2 महीने में 11 पर FIR, कई क्लीनिक सील - AGRA UNREGISTERED DOCTORS

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने अभियान चलाकर की कार्रवाई. दस्तावेज उपलब्ध न कराने पर दर्ज होंगे और मुकदमे.

आगरा में झोलाछाप के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई.
आगरा में झोलाछाप के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

आगरा : शहर और देहात में झोलाझाप क्लीनिक खोलकर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग 2 माह से झोलाझापों की धर-पकड़ के लिए अभियान चला रहा है. बिना डिग्री व लाइसेंस के प्रसव और गर्भपात कराने वाले कई झोलाछाप पकड़े जा चुके हैं. टीम ने मौके से दवाएं और उपकरण भी जब्त किए. नोटिस दिए गए. जो झोलाझाप अपने चिकित्सक होने का कोई प्रमाण नहीं दे पाए, उनके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने तहरीर दी. जिले में ऐसे ही 11 झोलाछापों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है.

सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में करीब दो माह में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापे मारे. शहर और देहात में 20 से अधिक झोलाछाप और उनके अवैध अस्पताल-क्लीनिक संचालित होते पकड़े गए. स्वास्थ्य विभाग की टीम को इन क्लीनिक पर गर्भपात-प्रसव कराने के उपकरण और दवाएं भी मिली थीं. सभी जब्त किए गए. वहां पर सील लगाई गई थी.

शासन को भेजी गई रिपोर्ट : सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि छापामार कार्रवाई के बाद सभी को नोटिए दिए गए. 11 क्लीनिक और अस्पतालों बिना चिकित्सकीय डिग्री के चल रहे थे. क्लीनिक व अस्पताल का लाइसेंस भी नहीं था. एनओसी का प्रमाण नहीं भी नहीं लिया गया था. इसके बाद इन 11 झोलाझाप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस कमिश्नर और संबंधित थानों में तहरीर दी गई. इन पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इसकी रिपोर्ट शासन को भी भेजी गई है. बाकी के भी रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराने पर एफआईआर कराई जाएगी.

इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा : कसाव पॉली क्लीनिक किरावली, गणपति हॉस्पिटल शमसाबाद, प्रीति हॉस्पिटल जगनेर, न्यू राधिका हॉस्पिटल शमसाबाद, जीएस पैथोलॉजी लैब शमसाबाद, शन्नो क्लीनिक अछनेरा, राकेश क्लीनिक किरावली, स्नेहलता क्लीनिक ताजगंज, ज्योति हॉस्पिटल बाह, संगीता जादौन क्लीनिक पिनाहट, अमिता मसीह क्लीनिक शाहगंज.

रिकॉर्ड नहीं मिलने पर इन पर भी होगी कार्रवाई : सीएमओ ने बताया कि छापामार कार्रवाई में ट्रांस यमुना कॉलोनी स्थित जेपी हॉस्पिटल, महादेव हॉस्पिटल, लोकहितम हॉस्पिटल, शिवशक्ति हॉस्पिटल, आकाश हॉस्पिटल, ग्लोबल हॉस्पिटल, कमला नगर स्थित ओम अशोका हॉस्पिटल, भाटिया क्रिटिकल केयर यूनिट, हृदयम हॉस्पिटल में छापे के दौरान चिकित्सक नहीं मिले थे. ट्रांस यमुना कॉलोनी स्थित सूर्य उदय हॉस्पिटल में डॉक्टर नहीं थे. अवैध मेडिकल स्टोर मिला था. लाइसेंस का नवीनीकरण भी नहीं कराया गया था. इनको नोटिस देकर चिकित्सक-पैरामेडिकल स्टाफ की चिकित्सकीय डिग्री, लाइसेंस, विभिन्न विभाग से एनओसी मांगी. अभी तक इन चिकित्सा संस्थान से कोई डिटेल्स नहीं मिली है. इसके चलते इन पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है.

हर मर्ज का इलाज करते मिले थे झोलाछाप : आगरा में बीते दो माह तक चले अभियान में शहर और देहात में झोलाछाप सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, डेंगू, मलेरिया के साथ ही अन्य मर्ज के मरीजों का इलाज करते मिले. महिला झोलाछाप तो घर पर प्रसव कराती मिली थी. छापामार कार्रवाई में झोलाछाप मौके से धरे गए. मगर, उन्हें गिरफ्तार नहीं किया. अपंजीकृत हॉस्पिटल और क्लीनिक खेल के प्रभारी डॉ. जितेंद्र लवानिया ने बताया कि छापे के दौरान झोलाछाप के मिलने पर उसे पुलिस को सौंप दिया जाता है. इसके बाद नोटिस और तहरीर भी दी गई थी.

यह भी पढ़ें : BJP कार्यकर्ता के इलाज में देरी पर सीएचसी पहुंचे MLA, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को फोन लगाकर बोले- कठोर कार्रवाई करा दीजिए

आगरा : शहर और देहात में झोलाझाप क्लीनिक खोलकर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग 2 माह से झोलाझापों की धर-पकड़ के लिए अभियान चला रहा है. बिना डिग्री व लाइसेंस के प्रसव और गर्भपात कराने वाले कई झोलाछाप पकड़े जा चुके हैं. टीम ने मौके से दवाएं और उपकरण भी जब्त किए. नोटिस दिए गए. जो झोलाझाप अपने चिकित्सक होने का कोई प्रमाण नहीं दे पाए, उनके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने तहरीर दी. जिले में ऐसे ही 11 झोलाछापों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है.

सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में करीब दो माह में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापे मारे. शहर और देहात में 20 से अधिक झोलाछाप और उनके अवैध अस्पताल-क्लीनिक संचालित होते पकड़े गए. स्वास्थ्य विभाग की टीम को इन क्लीनिक पर गर्भपात-प्रसव कराने के उपकरण और दवाएं भी मिली थीं. सभी जब्त किए गए. वहां पर सील लगाई गई थी.

शासन को भेजी गई रिपोर्ट : सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि छापामार कार्रवाई के बाद सभी को नोटिए दिए गए. 11 क्लीनिक और अस्पतालों बिना चिकित्सकीय डिग्री के चल रहे थे. क्लीनिक व अस्पताल का लाइसेंस भी नहीं था. एनओसी का प्रमाण नहीं भी नहीं लिया गया था. इसके बाद इन 11 झोलाझाप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस कमिश्नर और संबंधित थानों में तहरीर दी गई. इन पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इसकी रिपोर्ट शासन को भी भेजी गई है. बाकी के भी रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराने पर एफआईआर कराई जाएगी.

इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा : कसाव पॉली क्लीनिक किरावली, गणपति हॉस्पिटल शमसाबाद, प्रीति हॉस्पिटल जगनेर, न्यू राधिका हॉस्पिटल शमसाबाद, जीएस पैथोलॉजी लैब शमसाबाद, शन्नो क्लीनिक अछनेरा, राकेश क्लीनिक किरावली, स्नेहलता क्लीनिक ताजगंज, ज्योति हॉस्पिटल बाह, संगीता जादौन क्लीनिक पिनाहट, अमिता मसीह क्लीनिक शाहगंज.

रिकॉर्ड नहीं मिलने पर इन पर भी होगी कार्रवाई : सीएमओ ने बताया कि छापामार कार्रवाई में ट्रांस यमुना कॉलोनी स्थित जेपी हॉस्पिटल, महादेव हॉस्पिटल, लोकहितम हॉस्पिटल, शिवशक्ति हॉस्पिटल, आकाश हॉस्पिटल, ग्लोबल हॉस्पिटल, कमला नगर स्थित ओम अशोका हॉस्पिटल, भाटिया क्रिटिकल केयर यूनिट, हृदयम हॉस्पिटल में छापे के दौरान चिकित्सक नहीं मिले थे. ट्रांस यमुना कॉलोनी स्थित सूर्य उदय हॉस्पिटल में डॉक्टर नहीं थे. अवैध मेडिकल स्टोर मिला था. लाइसेंस का नवीनीकरण भी नहीं कराया गया था. इनको नोटिस देकर चिकित्सक-पैरामेडिकल स्टाफ की चिकित्सकीय डिग्री, लाइसेंस, विभिन्न विभाग से एनओसी मांगी. अभी तक इन चिकित्सा संस्थान से कोई डिटेल्स नहीं मिली है. इसके चलते इन पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है.

हर मर्ज का इलाज करते मिले थे झोलाछाप : आगरा में बीते दो माह तक चले अभियान में शहर और देहात में झोलाछाप सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, डेंगू, मलेरिया के साथ ही अन्य मर्ज के मरीजों का इलाज करते मिले. महिला झोलाछाप तो घर पर प्रसव कराती मिली थी. छापामार कार्रवाई में झोलाछाप मौके से धरे गए. मगर, उन्हें गिरफ्तार नहीं किया. अपंजीकृत हॉस्पिटल और क्लीनिक खेल के प्रभारी डॉ. जितेंद्र लवानिया ने बताया कि छापे के दौरान झोलाछाप के मिलने पर उसे पुलिस को सौंप दिया जाता है. इसके बाद नोटिस और तहरीर भी दी गई थी.

यह भी पढ़ें : BJP कार्यकर्ता के इलाज में देरी पर सीएचसी पहुंचे MLA, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को फोन लगाकर बोले- कठोर कार्रवाई करा दीजिए

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