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'नेहरू की आलोचना करने पर मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी को भेजा गया था जेल' - SITHARAMAN ON MAJROOH SULTANPURI

'कांग्रेस ने देश के कवियों को भी जेल भेज दिया था, जब उन्होंने नेहरू की आलोचना की थी.' वित्त मंत्री ने ऐसा क्यों कहा, जानें.

Nirmala Sitharaman
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 16, 2024, 1:19 PM IST

नई दिल्ली : राज्यसभा में संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया. वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस का एक दौर था, जब कवियों को भी जेल में डाल दिया जाता था. उन्होंने हिंदी फिल्मों के मशहूर गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी का जिक्र किया.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि 1949 में मजदूर मिलों की एक बैठक में मजरूह सुल्तानपुरी ने एक कविता पढ़ी थी. इस कविता में जवाहरलाल नेहरू पर टिप्पणी की गई थी और यह टिप्पणी उन्हें पसंद नहीं आई. इसके बाद मजरूह सुल्तान पुरी और बलराज साहनी दोनों को जेल भेज दिया गया. वित्त मंत्री ने कहा कि इन दोनों कलाकारों ने नेहरू से माफी मानने से इनकार कर दिया था, ये था कांग्रेस का शासन और आज पता नहीं क्या-क्या बोल रहे हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल का यह कोई पहला उदाहरण था, ऐसा नहीं है. इस तरह का व्यवहार सिर्फ इन्हीं दोनों कलाकारों के साथ नहीं हुआ, बल्कि ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं.

वित्त मंत्री सीतारमण ने माइकल एडवर्ड की एक पुस्तक का जिक्र किया, जिस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. उन्होंने "नेहरू" नाम से एक किताब लिखी थी. वित्त मंत्री ने "किस्सा कुर्सी का" नाम की फिल्म का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस फिल्म पर भी रोक लगा दी गई थी, क्योंकि इसमें इंदिरा गांधी और उनके बेटे पर सवाल उठाए गए थे.

ये भी पढ़ें : '55 साल में क्या-क्या हुआ...' पीएम मोदी ने बताई गांधी परिवार पर निशाना साधने की वजह - PM MODI SPEECH

नई दिल्ली : राज्यसभा में संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया. वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस का एक दौर था, जब कवियों को भी जेल में डाल दिया जाता था. उन्होंने हिंदी फिल्मों के मशहूर गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी का जिक्र किया.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि 1949 में मजदूर मिलों की एक बैठक में मजरूह सुल्तानपुरी ने एक कविता पढ़ी थी. इस कविता में जवाहरलाल नेहरू पर टिप्पणी की गई थी और यह टिप्पणी उन्हें पसंद नहीं आई. इसके बाद मजरूह सुल्तान पुरी और बलराज साहनी दोनों को जेल भेज दिया गया. वित्त मंत्री ने कहा कि इन दोनों कलाकारों ने नेहरू से माफी मानने से इनकार कर दिया था, ये था कांग्रेस का शासन और आज पता नहीं क्या-क्या बोल रहे हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल का यह कोई पहला उदाहरण था, ऐसा नहीं है. इस तरह का व्यवहार सिर्फ इन्हीं दोनों कलाकारों के साथ नहीं हुआ, बल्कि ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं.

वित्त मंत्री सीतारमण ने माइकल एडवर्ड की एक पुस्तक का जिक्र किया, जिस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. उन्होंने "नेहरू" नाम से एक किताब लिखी थी. वित्त मंत्री ने "किस्सा कुर्सी का" नाम की फिल्म का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस फिल्म पर भी रोक लगा दी गई थी, क्योंकि इसमें इंदिरा गांधी और उनके बेटे पर सवाल उठाए गए थे.

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