नई दिल्ली: नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई नवंबर 2024 में तीन महीने के निचले स्तर 1.89 फीसदी पर आ गई, जबकि अक्टूबर में यह 2.36 फीसदी थी. नवंबर में खाद्य वस्तुओं, खासकर सब्जियों की कीमतों में कमी आने के कारण WPI महंगाई में गिरावट आई है. बता दें कि पिछले साल नवंबर में थोक महंगाई 0.39 फीसदी थी.
सरकार ने सोमवार 16 दिसंबर को नवंबर महीने के लिए थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के आंकड़े जारी किए. कोर महंगाई महीने-दर-महीने 0.3 फीसदी के मुकाबले 0.5 फीसदी रही. अक्टूबर में थोक महंगाई 2.36 फीसदी और सितंबर में 1.84 फीसदी रही.
सरकार ने नवंबर में सकारात्मक महंगाई रेट का श्रेय खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, कपड़ा, मशीनरी और उपकरण आदि की कीमतों में बढ़ोतरी को दिया.
अक्टूबर 2024 की तुलना में नवंबर 2024 में खनिजों (2.10 फीसदी), गैर-खाद्य वस्तुओं (0.56 फीसदी) और खनिज तेलों (0.72 फीसदी) की कीमतों में बढ़ोतरी हुई. दूसरी ओर, खाद्य वस्तुओं (-1.83 फीसदी), कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस (-0.41 फीसदी) और बिजली उत्पादन (-0.07 फीसदी) की कीमत में पिछले महीने की तुलना में नवंबर में गिरावट आई.
थोक महंगाई क्या है?
थोक मूल्य सूचकांक या WPI थोक व्यापारियों द्वारा अन्य कंपनियों के साथ थोक में बेची और कारोबार की गई वस्तुओं की कीमतों में बदलाव को मापता है. CPI के उलटा जो उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी गई वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को ट्रैक करता है, WPI फैक्ट्री गेट कीमतों और खुदरा कीमतों को ट्रैक करता है.