भोपाल। प्रदेश सरकार ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4892 रुपए क्विंटल किया है, लेकिन सरकार का यह फैसला किसानों को रास नहीं आ रहा है. किसान संगठन सोयाबीन का समर्थन मूल्य 6 हजार रुपए किए जाने की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. अब संयुक्त किसान मोर्चा अपनी इस मांग को लेकर 1 अक्टूबर को पूरे देश में 3 घंटे के लिए स्टेट और नेशनल हाईवे पर चक्काजाम करने की घोषणा की है. किसान मोर्चा ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांग न मांगी तो राजधानी भोपाल का घेराव किया जाएगा.
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में बनी रणनीति
सोयाबीन का समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की भोपाल में बैठक हुई. बैठक में किसानों से जुड़े एक दर्जन संगठनों ने हिस्सा लिया. संयुक्त किसान मोर्चा के सचिव डीपी धाकड़ ने कहा "सरकार ने 4892 रुपए क्विंटल सोयाबीन का दाम तय किया है. इसमें कुछ नया नहीं है. इस दाम पर भी सोयाबीन खरीदे जाने पर किसानों को नुकसान ही हो रहा है. सोयाबीन की लागत पहले के मुकाबले काफी बढ़ गई है. इसलिए सरकार से सोयाबीन का समर्थन मूल्या 6 हजार रुपए किए जाने की लगातार मांग की जा रही है. धरना प्रदर्शन कर सरकार तक अपनी बात पहुंचाई जा रही है."
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गांवों में एक सप्ताह तक मशाल जुलूस
बुधवार को हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि सोयाबीन का समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने की मांग को लेकर प्रदेश भर में 24 से 30 सितंबर सभी गांवों में मशाल जुलूस निकाला जाएगा. इसके बाद भी सरकार ने उनकी मांग पर विचार नहीं किया तो 1 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में तहसील और जिला स्तर पर दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक स्टेट और नेशनल हाईवे पर चक्काजाम किया जाएगा. इसके बाद भी सरकार नहीं मानी तो अपनी मांग को लेकर राजधानी भोपाल में आदोलन होगा. किसान संगठनों ने आरोप लगाया कि एमएसपी का ऐलान केन्द्र सरकार द्वारा किया जाता है. वर्तमान एमएसपी का ऐलान जून माह में केन्द्र सरकार द्वारा किया जा चुका है. ऐसे में राज्य सरकार द्वारा एमएसपी का श्रेय लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है.