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रेललाइन के लिए अनोखा घंटानाद आंदोलन, 1263 दिन एक ही समय सीएम की तस्वीर के सामने बजाया घंटा

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 13, 2024, 7:06 PM IST

Unique Ghantanaad Movement अब वो दिन दूर नहीं जब अंबिकापुर से निकलने वाली गाड़ियां चिरमिरी होकर मनेंद्रगढ़ जाएंगी. इस सपने को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने साल 2018 में नागपुर हॉल्ट पाराडोल तक नई रेल लाइन बिछाने की मंजूरी दी थी.लेकिन इसके लिए राशि पांच साल बाद जारी करने का ऐलान हुआ है.इस रेल लाइन के लिए मनेंद्रगढ़ के एडवोकेट विजय पटेल ने 1263 दिन का लंबा आंदोलन भी किया.जिसे वित्त मंत्री ओपी चौधरी के बजट भाषण के बाद खत्म किया गया.

Unique Ghantanaad movement
रेललाइन के लिए अनोखा घंटानाद आंदोलन

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : अंबिकापुर और चिरमिरी को एक दूसरे से जोड़ने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर एक परियोजना बनाई थी.जिसमें नागपुर हॉल्ट से पाराडोल स्टेशन तक रेललाइन बिछानी थी.इस रेललाइन के लिए रेलमंत्री पीयूष गोयल ने २४ सितंबर २०१८ को कोरबा-हरदीबाजार की आमसभा में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोरिया में पाराडोल-नागपुर हाल्ट स्टेशन के बीच नई रेलवे लाइन बिछाने भूमिपूजन किया था. केंद्र-राज्य सरकार 17 किलोमीटर तक बिछने वाली नई रेलवे लाइन पर ५०-५० प्रतिशत अंशदान से 241 करोड़ रुपए खर्च होने थे. जिसके लिए रेलवे बोर्ड ने नवंबर 2019 को केंद्र के हिस्से की 50 फीसदी राशि 120.50 करोड़ रुपए जारी कर दिया था. लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य ने अपने हिस्से की 50 फीसदी राशि जारी नहीं की.जिसके कारण रेल लाइन का काम अटका रहा.

रेल लाइन के लिए 1263 दिन घंटानाद आंदोलन : छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने इस रेल लाइन के लिए 50 फीसदी राज्यांश नहीं दिया.जिसके कारण अंबिकापुर को चिरमिरी से जोड़ने का प्रोजेक्ट अटक गया. प्रोजेक्ट अटकने के बाद मनेंद्रगढ़ के सीनियर एडवोकेट विजय प्रकाश पटेल जो कि एसइसीआर बिलासपुर के पूर्व डीआरयूसीसी(मंडल रेलवे उपभोक्ता सलाहकर समिति) मेंबर भी रह चुके हैं,एक अनोखा सत्याग्रह आंदोलन शुरु किया. जो 25 अगस्त 2020 से निरंतर जारी था.लेकिन पिछले दिनों वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने जैसे ही इस परियोजना के लिए बजट का ऐलान किया,वैसे ही 1263 दिन बाद विजय प्रकाश पटेल के चेहरे में चमक आ गई. विजय प्रकाश पटेल ने लगभग साढ़े तीन साल चले इस सत्याग्रह को समाप्त कर मिठाईयां बांटी.

पूर्व सीएम भूपेश बघेल से भी की थी बात : आपको बता दें घंटानाद सत्याग्रह के दो साल पूरे होने पर मनेन्द्रगढ़ के व्यापारी, सामाजिक संगठन के लोगों ने सीएम भूपेश से राज्य के हिस्से का 50 फीसदी फंड जारी करने की मांग भी की थी.लेकिन मनेंद्रगढ़ वासियों की हर मांग को दरकिनार कर दिया गया.फिर भी विजय पटेल को उम्मीद थी कि उनकी मांग पूरी होगी.लेकिन इसके लिए उन्होंने अनोखे तरीके से विरोध करने का फैसला किया.विजय पटेल के मुताबिक वो मनेंद्रगढ़ के हजारी चौक पर सीएम की तस्वीर के सामने रोजाना शाम 5 बजे घंटा बजाने लगे.ताकि उनके अनोखे आंदोलन की ओर सरकार का ध्यान जाए.

अनोखे आंदोलन से खींचा सबका ध्यान : विजय पटेल की माने तो जब रेल लाइन का इंतजार बढ़ने लगा तो उन्होंने फैसला किया कि ऐसा कुछ किया जाए ताकि ये रेललाइन सरकारी फाइलों में कहीं ना खोए.इसलिए उन्होंने सीएम की तस्वीर के आगे सत्याग्रह करने का फैसला किया. विजय पटेल के मुताबिक सत्याग्रह भी ऐसा करने की ठानी कि लोग उन्हें देखे और उनके आंदोलन को ना भूले.इसके लिए विजय पटेल ने घंटानाद आंदोलन करने की ठानी. विजय पटेल ने मनेंद्रगढ़ के सबसे व्यस्ततम हजारी चौक के सामने सीएम की तस्वीर लगाते और फिर शाम पांच बजे उसके आगे घंटानाद करते.

आंधी तूफान बारिश और ठंड में नहीं रूका आंदोलन : इसे विजय पटेल की हठधर्मिता कहे या कुछ और क्योंकि साल के बारह महीने हर रोज एक ही समय में अपने सारे जरूरी काम को छोड़कर लगातार एक ही जगह प्रदर्शन करना आसान नहीं था. पहले तो कुछ लोग विजय पटेल के साथ आते.लेकिन धीरे-धीरे साथ खड़ा होने वालों की भीड़ कम हो गई.लेकिन विजय पटेल का हौंसला बढ़ता गया. 1263 दिन तक चले इस सत्याग्रह के बीच पीतल की घंटी टूटी, बजाने वाले 3 डंडे तक टूट गए. लेकिन ठंड,बारिश और गर्मी हर मौसम में विजय पटेल का घंटा शाम पांच बजे बजता.रोजाना शाम के पांच बजे पांच मिनट तक सीएम की तस्वीर के आगे ये घंटा बजता रहा.प्रदेश में जब सरकार बदली और विष्णुदेव साय सीएम बने तो विजय पटेल ने अपना बैनर बदलकर अपना आंदोलन जारी रखा.आखिरकार बीजेपी सरकार ने पहले बजट में नागपुर हाल्ट और पाराडोल रेल लाइन के लिए बजट जारी कर दिया. जो मनेंद्रगढ़ भरतपुर चिरमिरी जिले को एक बड़ी सौगात दी.

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मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : अंबिकापुर और चिरमिरी को एक दूसरे से जोड़ने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर एक परियोजना बनाई थी.जिसमें नागपुर हॉल्ट से पाराडोल स्टेशन तक रेललाइन बिछानी थी.इस रेललाइन के लिए रेलमंत्री पीयूष गोयल ने २४ सितंबर २०१८ को कोरबा-हरदीबाजार की आमसभा में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोरिया में पाराडोल-नागपुर हाल्ट स्टेशन के बीच नई रेलवे लाइन बिछाने भूमिपूजन किया था. केंद्र-राज्य सरकार 17 किलोमीटर तक बिछने वाली नई रेलवे लाइन पर ५०-५० प्रतिशत अंशदान से 241 करोड़ रुपए खर्च होने थे. जिसके लिए रेलवे बोर्ड ने नवंबर 2019 को केंद्र के हिस्से की 50 फीसदी राशि 120.50 करोड़ रुपए जारी कर दिया था. लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य ने अपने हिस्से की 50 फीसदी राशि जारी नहीं की.जिसके कारण रेल लाइन का काम अटका रहा.

रेल लाइन के लिए 1263 दिन घंटानाद आंदोलन : छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने इस रेल लाइन के लिए 50 फीसदी राज्यांश नहीं दिया.जिसके कारण अंबिकापुर को चिरमिरी से जोड़ने का प्रोजेक्ट अटक गया. प्रोजेक्ट अटकने के बाद मनेंद्रगढ़ के सीनियर एडवोकेट विजय प्रकाश पटेल जो कि एसइसीआर बिलासपुर के पूर्व डीआरयूसीसी(मंडल रेलवे उपभोक्ता सलाहकर समिति) मेंबर भी रह चुके हैं,एक अनोखा सत्याग्रह आंदोलन शुरु किया. जो 25 अगस्त 2020 से निरंतर जारी था.लेकिन पिछले दिनों वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने जैसे ही इस परियोजना के लिए बजट का ऐलान किया,वैसे ही 1263 दिन बाद विजय प्रकाश पटेल के चेहरे में चमक आ गई. विजय प्रकाश पटेल ने लगभग साढ़े तीन साल चले इस सत्याग्रह को समाप्त कर मिठाईयां बांटी.

पूर्व सीएम भूपेश बघेल से भी की थी बात : आपको बता दें घंटानाद सत्याग्रह के दो साल पूरे होने पर मनेन्द्रगढ़ के व्यापारी, सामाजिक संगठन के लोगों ने सीएम भूपेश से राज्य के हिस्से का 50 फीसदी फंड जारी करने की मांग भी की थी.लेकिन मनेंद्रगढ़ वासियों की हर मांग को दरकिनार कर दिया गया.फिर भी विजय पटेल को उम्मीद थी कि उनकी मांग पूरी होगी.लेकिन इसके लिए उन्होंने अनोखे तरीके से विरोध करने का फैसला किया.विजय पटेल के मुताबिक वो मनेंद्रगढ़ के हजारी चौक पर सीएम की तस्वीर के सामने रोजाना शाम 5 बजे घंटा बजाने लगे.ताकि उनके अनोखे आंदोलन की ओर सरकार का ध्यान जाए.

अनोखे आंदोलन से खींचा सबका ध्यान : विजय पटेल की माने तो जब रेल लाइन का इंतजार बढ़ने लगा तो उन्होंने फैसला किया कि ऐसा कुछ किया जाए ताकि ये रेललाइन सरकारी फाइलों में कहीं ना खोए.इसलिए उन्होंने सीएम की तस्वीर के आगे सत्याग्रह करने का फैसला किया. विजय पटेल के मुताबिक सत्याग्रह भी ऐसा करने की ठानी कि लोग उन्हें देखे और उनके आंदोलन को ना भूले.इसके लिए विजय पटेल ने घंटानाद आंदोलन करने की ठानी. विजय पटेल ने मनेंद्रगढ़ के सबसे व्यस्ततम हजारी चौक के सामने सीएम की तस्वीर लगाते और फिर शाम पांच बजे उसके आगे घंटानाद करते.

आंधी तूफान बारिश और ठंड में नहीं रूका आंदोलन : इसे विजय पटेल की हठधर्मिता कहे या कुछ और क्योंकि साल के बारह महीने हर रोज एक ही समय में अपने सारे जरूरी काम को छोड़कर लगातार एक ही जगह प्रदर्शन करना आसान नहीं था. पहले तो कुछ लोग विजय पटेल के साथ आते.लेकिन धीरे-धीरे साथ खड़ा होने वालों की भीड़ कम हो गई.लेकिन विजय पटेल का हौंसला बढ़ता गया. 1263 दिन तक चले इस सत्याग्रह के बीच पीतल की घंटी टूटी, बजाने वाले 3 डंडे तक टूट गए. लेकिन ठंड,बारिश और गर्मी हर मौसम में विजय पटेल का घंटा शाम पांच बजे बजता.रोजाना शाम के पांच बजे पांच मिनट तक सीएम की तस्वीर के आगे ये घंटा बजता रहा.प्रदेश में जब सरकार बदली और विष्णुदेव साय सीएम बने तो विजय पटेल ने अपना बैनर बदलकर अपना आंदोलन जारी रखा.आखिरकार बीजेपी सरकार ने पहले बजट में नागपुर हाल्ट और पाराडोल रेल लाइन के लिए बजट जारी कर दिया. जो मनेंद्रगढ़ भरतपुर चिरमिरी जिले को एक बड़ी सौगात दी.

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