नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद नगर निगम की तरफ से उत्तर प्रदेश सरकार के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट सेफ सिटी प्रोजेक्ट को धरातल पर उतरने की कवायद की जा रही है. सेफ सिटी प्रोजेक्ट से शहर की सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता बनाया जाएगा. इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम के माध्यम से शहर के 10 हजार इलाकों में नजर रखी जाएगी. कमिश्नरेट पुलिस और निगम की टीम इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम से शहर के विभिन्न पॉइंट्स को मॉनिटर करेगी.
अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार यादव के मुताबिक, प्रदेश के सभी शहरों में योगी सरकार के सेफ सिटी प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारा जा रहा है. सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत गाजियाबाद में दुकानों, पेट्रोल पंप, रेजिडेंशियल इलाके, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन आदि स्थान पर लगे सीसीटीवी कैमरा को इंटीग्रेटेड किया जाएगा. सभी कैमरा का एक्सेस निगम स्थित इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम में होगा. इसके अतिरिक्त निगम द्वारा विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से शहर के मुख्य स्थान आदि पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे.
अरुण कुमार यादव आगे कहा कि इस प्रोजेक्ट का मकसद शहर में सर्विलांस बढ़ाकर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना है. इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम के माध्यम से सभी स्थानों पर नजर रखी जाएगी. इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम में पुलिस स्टाफ समेत निगम के कर्मचारी मौजूद रहेंगे, जो 24 घंटे शहर के विभिन्न स्थानों को मॉनिटर करेंगे. सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत 1250 कैमरे लगाकर प्रोजेक्ट की शुरुआत कर दी गई है. धीरे-धीरे निगम सीसीटीवी कैमरों की संख्या को और बढ़ाएगा.
बता दें कि पहले चरण के तहत 1250 कैमरे, दूसरे चरण में 2500 कैमरे, तीसरे चरण में 5000 और चौथे चरण में इस संख्या को बढ़ाकर 10 हजार तक ले जाया जाएगा. वहीं, अरुण यादव के मुताबिक, सेफ सिटी प्रोजेक्ट लागू होने के बाद शहर की सुरक्षा व्यवस्था और अधिक पुख्ता हो सकेगी. इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतरने के लिए निगम के साथ पुलिस अधिकारियों, सामाजिक संगठनों, व्यापारिक संगठनों समेत सिविल डिफेंस आदि का सहयोग लिया जाएगा.