पटना: लोकसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने MY समीकरण से आगे बढ़कर 'बाप' समीकरण दिया था. अब मुस्लिम-यादव-कुशवाहा नया समीकरण गढ़ रहे हैं. विधानसभा चुनाव से पहले 5 सितंबर को जगदेव प्रसाद की पुण्यतिथि पर लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने कुशवाहा और यादव समीकरण के साथ एक मैसेज देने की कोशिश की थी. इसके बाद बिहार की राजनीति में खलबली मच गयी. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष ने इसे दिखावटी बताया.
"लालू यादव का कुशवाहा प्रेम दिखावटी है. लालू यादव की राजनीति परिवार से शुरू होती है और भ्रष्टाचार पर समाप्त होती है या फिर भ्रष्टाचार से शुरू होती है और परिवार पर समाप्त हो जाती है. बिहार की जनता जानती है. कुशवाहा समाज का असली घर जदयू है, हमारे नेता नीतीश कुमार सभी जाति धर्म को लेकर चलते हैं."- उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू
क्या कहा था लालू यादव ने: जगदेव प्रसाद के शहादत दिवस के मौके पर राजद कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव भी शामिल हुए थे. तेजस्वी यादव ने यादव-कुशवाहा भाई-भाई का नया नारा दिया था. उन्होंने, कहा कि यादव कुशवाहा में अब लड़ाई नहीं होगी. लालू यादव ने कहा था कि जगदेव बाबू को सच्ची श्रद्धांजलि तभी साकार किया जा सकता है, जब हम उनके विचारों और उनकी बातों को आगे बढ़ाएं और एकजुट रहेंगे.
कुशवाहा वोट बैंक पर नजरः बता दें कि बिहार में कुशवाहा समुदाय की आबादी लगभग 4.27 फीसदी है. 70 से ज्यादा विधानसभा सीटों और 15 लोकसभा सीटों के चुनाव नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं. यही कारण है कि बिहार में हमेशा से लव-कुश समुदाय को साधने की कोशिश सभी दल करते हैं. लोकसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव ने कुशवाहा नेताओं को टिकट दिया था. जदयू से राजद में आये अभय कुशवाहा औरंगाबाद से चुनाव जीत भी गए और लोकसभा में राजद संसदीय दल के नेता भी बनाए गए हैं.
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