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बांधवगढ़ में नहीं रुक रहा बाघों की मौत का सिलसिला, फिर हुई एक बाघ की मौत - Tiger dies in Bandhavgarh Tiger Reserve - TIGER DIES IN BANDHAVGARH TIGER RESERVE

टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त मध्य प्रदेश में बाघों की लगातार मौत से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में फिर एक बाघ की मौत से भले ही टाइगर रिजर्व प्रबंधन में हड़कंप हैं लेकिन बाघों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है.

TIGER DIES IN BANDHAVGARH TIGER RESERVE
बांधवगढ़ में फिर हुई बाघ की मौत (Getty image)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 7, 2024, 5:32 PM IST

उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को बाघों के दीदार के लिए जाना जाता है और अक्सर ही पर्यटक यहां इसलिए पहुंचते हैं कि उन्हें आसानी से बाघों के दीदार हो जाते हैं, लेकिन इसी उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की मौत का सिलसिला भी नहीं थम रहा है. एक बार फिर से एक और बाघ की मौत हो गई है जिसके बाद टाइगर रिजर्व प्रबंधन में हड़कंप मच गया है.

दो साल के नर बाघ की मौत

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर क्षेत्र में वन कर्मी गश्त कर रहे थे, जैसे ही वनकर्मी पनपथा बीट के आरएफ 407 में घूम रहे थे तभी उन्हें एक बाघ मृत अवस्था में दिखाई दिया. जिसके बाद तुरंत ही इसकी सूचना वन विभाग के आला अधिकरियों को दी गई. जिस बाघ की मौत हुई है उसके बारे में बताया जा रहा है कि लगभग दो साल का नर बाघ है.

बाघ की मौत के कारणों का खुलासा नहीं

बाघ की मौत के कारणों का पता अब तक नहीं लग पाया है. अब तक ये साफ नहीं हो पाया है कि इस बाघ की मौत कैसे हुई है लेकिन प्रथम दृष्टया बाघ की बॉडी को देखकर ये कहा जा रहा है कि बाघ की मौत दूसरे बाघ से लड़ाई से हुई होगी, हालांकि बाघ की मौत कैसे हुई इसकी जांच की जा रही है.

नहीं रूक रहा बाघों की मौत का सिलसिला

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को ऐसा माना जाता है कि यहां अगर सफारी की जाए तो बाघ के दीदार हो ही जाते हैं क्योंकि यहां बहुतायत में बाघ हैं. पिछले कुछ सालों से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में आए दिन बाघों की मौत की खबरें भी सामने आ रही हैं. ज्यादा दिन नहीं हुए एक बार फिर से बांधवगढ़ में बाघ की मौत की खबर आ गई है जिसके बाद ये सवाल भी खड़ा होता है कि बांधवगढ़ में आखिर बाघों की मौत का सिलसिला कब थमेगा.

ये भी पढ़ें:

टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में बाघों की मौत का सिलसिला जारी, बांधवगढ़ में बीते दो माह में 7 मौतों ने झकझोरा

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की मौत का सिलसिला जारी, दो शावकों की डेडबॉडी मिली

जनवरी से मार्च 2024 तक बाघों की मौत

  • 10 जनवरी 2024 को पतोर रेंज चिल्हारी बीट के आर 421 के कुशहा नाल में 15-16 महीने के बाघ शावक का एक महीना पुराना कंकाल पाया गया.
  • 16 जनवरी 2024 को धमोखर परिक्षेत्र के ग्राम बरबसपुर से करीब एक किमी दूर नर बाघ शावक 12 से 15 माह का शव मिला.
  • 23 जनवरी 2024 को मानपुर बफर रेंज के पटपरिया हार पीएफ 313 में एक बाघिन का शव पाया गया.
  • 31 जनवरी 2024 बांधवगढ टाइगर रिजर्व के कल्लवाह परिक्षेत्र के आरएफ क्रमांक 255 में गश्ती के दौरान मृत अवस्था में बाघ मिला.
  • 29 फरवरी 2024 को पनपथा कोर के बघड़ो बीट में मिला मृत बाघ.
  • 02 मार्च 2024 को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की पतौर रेंज चपटा पटेरा, आरएफ 435, बीट पिटोर, रेंज पतौर में 2 साल का मृत बाघ पाया गया.
  • 05 मार्च को वन परिक्षेत्र पनपथा कोर की बीट हरदी के कक्ष क्रमांक RF-455 में मिला.
  • 25 मार्च 2024 को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा और खितौली रेंज में 2 बाघ शावकों की मौत.

उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को बाघों के दीदार के लिए जाना जाता है और अक्सर ही पर्यटक यहां इसलिए पहुंचते हैं कि उन्हें आसानी से बाघों के दीदार हो जाते हैं, लेकिन इसी उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की मौत का सिलसिला भी नहीं थम रहा है. एक बार फिर से एक और बाघ की मौत हो गई है जिसके बाद टाइगर रिजर्व प्रबंधन में हड़कंप मच गया है.

दो साल के नर बाघ की मौत

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर क्षेत्र में वन कर्मी गश्त कर रहे थे, जैसे ही वनकर्मी पनपथा बीट के आरएफ 407 में घूम रहे थे तभी उन्हें एक बाघ मृत अवस्था में दिखाई दिया. जिसके बाद तुरंत ही इसकी सूचना वन विभाग के आला अधिकरियों को दी गई. जिस बाघ की मौत हुई है उसके बारे में बताया जा रहा है कि लगभग दो साल का नर बाघ है.

बाघ की मौत के कारणों का खुलासा नहीं

बाघ की मौत के कारणों का पता अब तक नहीं लग पाया है. अब तक ये साफ नहीं हो पाया है कि इस बाघ की मौत कैसे हुई है लेकिन प्रथम दृष्टया बाघ की बॉडी को देखकर ये कहा जा रहा है कि बाघ की मौत दूसरे बाघ से लड़ाई से हुई होगी, हालांकि बाघ की मौत कैसे हुई इसकी जांच की जा रही है.

नहीं रूक रहा बाघों की मौत का सिलसिला

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को ऐसा माना जाता है कि यहां अगर सफारी की जाए तो बाघ के दीदार हो ही जाते हैं क्योंकि यहां बहुतायत में बाघ हैं. पिछले कुछ सालों से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में आए दिन बाघों की मौत की खबरें भी सामने आ रही हैं. ज्यादा दिन नहीं हुए एक बार फिर से बांधवगढ़ में बाघ की मौत की खबर आ गई है जिसके बाद ये सवाल भी खड़ा होता है कि बांधवगढ़ में आखिर बाघों की मौत का सिलसिला कब थमेगा.

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जनवरी से मार्च 2024 तक बाघों की मौत

  • 10 जनवरी 2024 को पतोर रेंज चिल्हारी बीट के आर 421 के कुशहा नाल में 15-16 महीने के बाघ शावक का एक महीना पुराना कंकाल पाया गया.
  • 16 जनवरी 2024 को धमोखर परिक्षेत्र के ग्राम बरबसपुर से करीब एक किमी दूर नर बाघ शावक 12 से 15 माह का शव मिला.
  • 23 जनवरी 2024 को मानपुर बफर रेंज के पटपरिया हार पीएफ 313 में एक बाघिन का शव पाया गया.
  • 31 जनवरी 2024 बांधवगढ टाइगर रिजर्व के कल्लवाह परिक्षेत्र के आरएफ क्रमांक 255 में गश्ती के दौरान मृत अवस्था में बाघ मिला.
  • 29 फरवरी 2024 को पनपथा कोर के बघड़ो बीट में मिला मृत बाघ.
  • 02 मार्च 2024 को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की पतौर रेंज चपटा पटेरा, आरएफ 435, बीट पिटोर, रेंज पतौर में 2 साल का मृत बाघ पाया गया.
  • 05 मार्च को वन परिक्षेत्र पनपथा कोर की बीट हरदी के कक्ष क्रमांक RF-455 में मिला.
  • 25 मार्च 2024 को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा और खितौली रेंज में 2 बाघ शावकों की मौत.
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