उज्जैन: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो को लेकर महाकाल मंदिर के पुजारियों ने नाराजगी जताई है. यह वीडियो शिव के अपमान से जुड़ा है. इस वीडियो में एक कथित भगवाधारी भगवान शिव का अपमान कर रहा है और उसके आसपास कुछ लोग भी खड़े हैं. वीडियो में बज रहे संगीत की भाषा से अनुमान लगाया जा रहा है कि ये वीडियो दक्षिण भारत का हो सकता है लेकिन इसकी किसी ने पुष्टि नहीं की है कि ये कहां का है और कब का वीडियो है.
भगवान शिव के अपमान से जुड़ा है वीडियो
भगवान शिव के अपमान से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो को देखकर लोग अंदाज लगा रहे हैं कि यह दक्षिण भारत की किसी जगह का है. वहीं इस वीडियो को देखकर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रिया भी लिख रहे हैं. इस वीडियो में एक भगवाधारी शिव का अपमान करते नजर आ रहा है. यहां कुछ पूजा चल रही है. जिसमें कुछ लोग हाथ जोड़े खड़े हैं. भगवान शिव की बड़ी पिंडी के सामने यह भगवाधारी बैठे हैं और उनका अपमान करता नजर आ रहा है. वीडियो में संगीत बज रहा है. जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह दक्षिण भारत की किसी जगह का वीडियो है.
महाकाल मंदिर के पुजारियों में आक्रोश
महाकाल के पुजारियों ने इसे सनातन धर्म का अपमान बताया है. शिव भक्तों ने भी जमकर नाराजगी जताई है. महाकाल मंदिर के महेश पुजारी ने कहा कि यह घमंड और अहंकार का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि वीडियो में भगवा कपड़े पहने व्यक्ति ने सबसे पहले तो सनातन धर्म का अपमान किया है और जो दिख रहा है वह राक्षसी प्रवृत्ति है. ऐसे ही लोग सनातन धर्म को रसातल में ले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये बड़े दुख का विषय है कि इस वीडियो को कई धर्माचार्यों ने देखा होगा लेकिन इसे देखने के बाद किसी की नींद नहीं खुली और ना ही उन्होंने किसी तरह की निंदा की. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को माफ नहीं करना चाहिए साथ ही जो वहां अनुयायी दिखाई दे रहे हैं वे भी इस अपमान के दोषी हैं.
'साधु-संतों के लिए कानून बनाने की मांग'
ऐसे साधु संत ढोंगी हैं और इन पर लगाम लगनी चाहिए. उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि साधु संतों के लिए भी एक कानून बने और उस दायरे में साधु संत अपने सनातन धर्म को चला सकें. उन्होंने कहा कि मैं खुद इस घटना की पुलिस में शिकायत दर्ज कराउंगा ताकि पुलिस के संज्ञान में आने के बाद कार्रवाई हो सके. उज्जैन अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और महामंडलेश्वर रविन्द्र पुरी ने भी इस घटना की निंदा की है. उन्होंने भी संतों के लिए कानून बनाए जाने की मांग की है.