उज्जैन. देश भर में गर्मी के कारण आम आदमी का जीवन बेहाल हो रहा है. लोग गर्मी से बचने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे हैं. इसी बीच भगवान महकाल को भी ठंडक देने की व्यवस्था मंदिर प्रबंध समिति ने की है. बुधवार से परंपरानुसार वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से 22 जून (ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा) तक श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर 11 मिट्टी के कलशों से सतत जलधारा का प्रवाह होगा. इससे ज्योतिर्लिंग पर लगातार ठंडा जल अर्पित होता रहेगा.
11 नदियों के नाम से बांधी गईं मटकियां
महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन में भस्म आरती के बाद से गर्भगृह में मिट्टी की 11 मटकियों के शिवलिंग के ऊपर स्थापित कर दिया गया है. रोजाना अलसुबह 4 बजे भस्मारती से लेकर शाम 5 बजे तक होने वाले संध्या आरती तक भगवान को ठंडा जल अर्पित किया जाएगा. जो 11 मटकियां बांधी गई हैं, उन्हें अलग-अलग नदियों जेसे गंगा, शिप्रा, गोदावरी, नर्मदा, यमुना जैसे नाम दिए गए हैं. इसे गलंतिका भी कहते हैं. ये ज्योतिर्लिंग को दो महीने तक ठंडक देती रहेंगी. इस दौरान सभी नदियों के नाम से मंत्रोच्चार कर मटकियों में जल भरा जाएगा.
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भगवान को भी लगती है गर्मी
मान्यता है कि जिस तरह आम श्रद्धालुओं को गर्मी लगती है और वे बचने के लिए कूलर, एसी ,पंखे का उपयोग करते हैं. ठीक उसी प्रकार भगवन को भी गर्मी लगती है और उन्हें भी ठंडक देने के लिए मटकिया लगाई जाती हैं. ऐसे ही अलग-अलग मंदिरों में अलग-अलग तरह के उपाय भगवानों के लिए किए जाते हैं. बता दें कि इस्कॉन मंदिर में भगवान के लिए हमेशा ऐसी चालू रखा जाता है. वहीं अन्य मंदिरों में भगवान के लिए कूलर-पंखे लगाए जाते हैं.