उज्जैन: उज्जैन में रविवार से 5 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय 'गीता महोत्सव' का आयोजन शुरु हो गया है. जिसका उद्देश्य श्रीमद्भगवद्गीता की महत्ता को आम जनता तक पहुंचाना और इसके संदेश को विश्व स्तर पर प्रसारित करना है. आयोजन की शुरुआत प्रसिद्ध गीतकार मनोज मुंतशिर ने की. उन्होंने कहा कि "महात्मा गांधी ने 'गीता' को मां कहा है." उसके बाद उन्होंने एक शेर कहा, "दुनिया में कोई रिश्ता छोटा या बड़ा नहीं होता, लेकिन मेरी मां के बराबर कोई और खड़ा नहीं होता."
श्रीकृष्ण कभी किसी का अहित नहीं चाहते
मशहूर कवि और गीतकार मनोज मुंतशिर ने गीता का उल्लेख करते हुए कहा कि "अगर कुछ हमारी इच्छा से हो रहा है, तो वह अच्छा है. लेकिन अगर कुछ हमारी इच्छा से नहीं हो रहा तो वह और भी अच्छा है. क्योंकि वह कृष्ण की इच्छा से हो रहा है." उन्होंने बताया कि, ''गीता के माध्यम से संस्कार और जीवन के सही मूल्यों की शिक्षा दी जा सकती है. बच्चों को मोबाइल फोन के जरिए गीता के ज्ञान से जोड़ने का प्रयास करना चाहिए.''
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उज्जैन की धरती पर कृष्ण बने थे श्रीकृष्ण
मनोज मुंतशिर ने कहा कि "बाबा महाकाल की धरती पर गीता और कृष्ण का उत्सव मनाना अद्भुत है. यह वही धरती है जिसने कृष्ण को श्रीकृष्ण बनाया. संदीपनी आश्रम में उन्होंने 64 दिन में 64 कलाओं का ज्ञान अर्जित किया. 11 वर्ष की आयु में कंस वध के बाद यहां आकर योगेश्वर कहलाए."उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव को महाकाल भक्त और गौरवशाली यदुवंश का प्रतिनिधि बताते हुए उनकी उज्जैन से गहरी भावनात्मक जुड़ाव की प्रशंसा की.