उज्जैन। 29 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया की पहली विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का वर्चुअली लोकार्पण किया था. विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के ऐप पर लॉन्चिंग से पहले ही साइबर अटैक हुआ है. वैदिक घड़ी को बनाने वाले आरोह श्रीवास्तव के मुताबिक, इस हमले को तकनीकी भाषा में डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (डीडीओएस) अटैक कहा जाता है. इसको ठीक करने में करीब 1 महीने का समय लग सकता है.'' उन्होंने बताया कि यह सोची समझी एक साजिश है, हमला किसी और दिन भी हो सकता था, लेकिन तभी क्यों हुआ जब हम इसे लॉन्च करने वाले थे.''
वैदिक घड़ी पर मिलेंगी यह जानकारियां
उज्जैन के जंतर मंतर पर लगे 85 फीट ऊंचे टावर पर दुनिया की पहली वैदिक घड़ी में वैदिक समय, IST, GMT के साथ भारतीय काल गणना विक्रम संवत् की जानकारी मिल सकती है. विक्रम संवत् पंचांग (भारतीय प्राचीन कैलेंडर) शामिल रहेगा. सूर्योदय से सूर्यास्त के साथ ग्रह, योग, भद्रा, चंद्र स्थिति, नक्षत्र, चौघड़िया, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण की जानकारी देता है. अभिजीत मुहूर्त, ब्रह्म मुहूर्त, अमृत काल और मौसम से जुड़ी सभी जानकारी मिलती है.
दुरुस्त होने में लगेगा 1 महीना
वैदिक घड़ी मोबाइल कंप्यूटर पर भी दिखे इसके लिए घड़ी के इनोवेटर आरोह श्रीवास्तव ने पब्लिक सर्वर बनाया था. इसी पर गुरुवार रात 11:45 बजे (ddos) डिस्ट्रीब्यूटेड डीनाइल ऑफ सर्विस सायबर अटैक हो गया. हालांकि लोकल सर्वर लगा होने से घड़ी पर तो ज्यादा असर नहीं हुआ, लेकिन इसे फिलहाल मोबाइल और कंप्यूटर पर नहीं देखा जा सकेगा. लेकिन पब्लिक सर्वर पर दिखाने के लिए इसके सुधार में करीब एक महीना लग सकता है.
अभी मोबाइल पर ऐप नहीं करेगा काम
घड़ी इनवर्टर आरोह श्रीवास्तव ने बताया कि ''वैदिक घड़ी के लिए स्थानीय स्तर पर सरवर लगा था, जिसका एक्सेस सिर्फ मेरे पास है. इसलिए उस पर असर नहीं पड़ा. लेकिन पब्लिक सर्वर https://Vedicstandardtime.com पर अज्ञात हैकर्स द्वारा अभी भी लाखों बोट्स छोड़े जा रहे हैं. ऐप सही कर दिया है पर फिलहाल मोबाइल ऐप पर नहीं देखा जा सकेगा. इसे पूरी तरह दुरुस्त करने में एक माह लगेगा.''