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यूडीएच मंत्री ने दिए संकेत: जयपुर, जोधपुर, कोटा में फिर होगा एक निगम, सभी निकायों में वार्डों का होगा दोबारा परिसीमन - UDH Minister on Delimitation

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 21, 2024, 10:11 PM IST

जयपुर, जोधपुर और कोटा में फिर से एक ही निगम की मांग के सवाल पर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा है कि इस संबंध में ​सकारात्मक फैसला लिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि निकायों के वार्डों की जनसंख्या में अधिकतम अंतर को कम किया जाएगा.

UDH Minister on Delimitation
यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा (ETV Bharat Jaipur)
यूडीएच मंत्री ने एक निगम को लेकर दिए ये संकेत (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: प्रदेश के सभी नगरीय निकायों का नए सिरे से परिसीमन होगा. नगरीय निकायों के वार्डों में जनसंख्या और मतदाताओं की संख्या में 300% तक अंतर मिलने के चलते यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने निकायों में वार्डों के परिसीमन की बात कही है. साथ ही पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की ओर से जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो नगर निगम किए जाने के फैसले को भी रिव्यू करते हुए दोबारा एक निगम करने की ओर इशारा किया है.

प्रदेश की भजनलाल सरकार सूबे में पूर्ववर्ती कांग्रेस की गहलोत सरकार के समय बनाए गए 86 नए निकायों की आवश्यकता और मापदंडों का परीक्षण कराया जा रहा है. यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने यूडीएच और एलएसजी विभाग के अधिकारियों से वार्ता करते हुए इस संबंध में निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि कई निकायों के गठन को लेकर सरकार को शिकायतें मिली हैं. इस संबंध में सीएम के निर्देश पर विभाग से रिपोर्ट मांगी है.

पढ़ें: नवगठित 86 नगरीय निकायों में वार्डवार परिसीमन के निर्देश, चुनाव से पहले सरकार की तैयारियां तेज - Ward Wise Delimitation

उन्होंने बताया कि प्रदेश में नवगठित नगर पालिकाओं के वार्ड परिसीमन को देकर यूडीएच मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जितने भी नगरीय निकाय हैं सभी को लेकर जो आंकड़े एकत्रित करवाए हैं, उनमें वार्डों में जनसंख्या या मतदाताओं की संख्या में करीब 300% तक का अंतर है. कोई वार्ड 1000 का है, तो कोई वार्ड 4000 का है. जबकि वो चाहते हैं कि अधिकतम 10% से ज्यादा का अंतर ना आए. साथ ही उन्होंने बताया कि जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो निगम बनाए जाने के विरोध के चलते स्थानीय जनप्रतिनिधियों और आम जनता से चर्चा करने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ बैठकर कोई ना कोई सकारात्मक फैसला लिया जाएगा.

पढ़ें: कोटा में दो नगर निगम के फैसले पर बोली भाजपा, कहा- कांग्रेस ने हार के डर से लिया फैसला

आपको बता दें कि भजनलाल सरकार ने इससे पहले गहलोत राज में बनाए गए नए जिलों की समीक्षा करवाना भी शुरू किया है. इसके लिए चार मंत्रियों की कमेटी गठित की जा चुकी है. हालांकि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में बनाए गए नए 22 जिलों में से तीन की तो अधिसूचना ही जारी नहीं हुई थी. ऐसे में उन जिलों के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है. जिलों की समीक्षा के मसले पर कांग्रेस पहले ही बीजेपी पर कई आरोप लगा चुकी है और अब नगरीय निकायों की समीक्षा के मसले पर राजनीति गरमाना तय है.

यूडीएच मंत्री ने एक निगम को लेकर दिए ये संकेत (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: प्रदेश के सभी नगरीय निकायों का नए सिरे से परिसीमन होगा. नगरीय निकायों के वार्डों में जनसंख्या और मतदाताओं की संख्या में 300% तक अंतर मिलने के चलते यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने निकायों में वार्डों के परिसीमन की बात कही है. साथ ही पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की ओर से जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो नगर निगम किए जाने के फैसले को भी रिव्यू करते हुए दोबारा एक निगम करने की ओर इशारा किया है.

प्रदेश की भजनलाल सरकार सूबे में पूर्ववर्ती कांग्रेस की गहलोत सरकार के समय बनाए गए 86 नए निकायों की आवश्यकता और मापदंडों का परीक्षण कराया जा रहा है. यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने यूडीएच और एलएसजी विभाग के अधिकारियों से वार्ता करते हुए इस संबंध में निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि कई निकायों के गठन को लेकर सरकार को शिकायतें मिली हैं. इस संबंध में सीएम के निर्देश पर विभाग से रिपोर्ट मांगी है.

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उन्होंने बताया कि प्रदेश में नवगठित नगर पालिकाओं के वार्ड परिसीमन को देकर यूडीएच मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जितने भी नगरीय निकाय हैं सभी को लेकर जो आंकड़े एकत्रित करवाए हैं, उनमें वार्डों में जनसंख्या या मतदाताओं की संख्या में करीब 300% तक का अंतर है. कोई वार्ड 1000 का है, तो कोई वार्ड 4000 का है. जबकि वो चाहते हैं कि अधिकतम 10% से ज्यादा का अंतर ना आए. साथ ही उन्होंने बताया कि जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो निगम बनाए जाने के विरोध के चलते स्थानीय जनप्रतिनिधियों और आम जनता से चर्चा करने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ बैठकर कोई ना कोई सकारात्मक फैसला लिया जाएगा.

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आपको बता दें कि भजनलाल सरकार ने इससे पहले गहलोत राज में बनाए गए नए जिलों की समीक्षा करवाना भी शुरू किया है. इसके लिए चार मंत्रियों की कमेटी गठित की जा चुकी है. हालांकि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में बनाए गए नए 22 जिलों में से तीन की तो अधिसूचना ही जारी नहीं हुई थी. ऐसे में उन जिलों के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है. जिलों की समीक्षा के मसले पर कांग्रेस पहले ही बीजेपी पर कई आरोप लगा चुकी है और अब नगरीय निकायों की समीक्षा के मसले पर राजनीति गरमाना तय है.

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