मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में खून का काला खेल चल रहा है. पुलिस ने एक चश्मा दुकानदार और एक लड़की को हिरासत में लिया है. इनके निशाने पर ज्यादातर बच्चे और टीनएजर्स हैं. फिलहाल दोनों से पुलिस पूछताछ कर रही है. बताया जा रहा है कि यह गिरोह खासकर एसकेएमसीएच कैंपस से लेकर बाहर तक सक्रिय है. खून के जरूरतमंदों से मुंह मांगी रकम लेकर तुरंत ब्लड ग्रुप के अनुसार खून उपलब्ध कराता है.
मुजफ्फरपुर में खून का काला कारोबार: एसकेएमसीएच के बाहर खुली कई दुकानों के दुकानदार भी इस गिरोह में शामिल हैं. एसकेएमसीएच थाने की पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो लोगों को पकड़ा है. इसमें एक पक्कीसराय निवासी चश्मा दुकानदार शामिल है. वह मास्टरमाइंड बताया जा रहा है.
दो गिरफ्तार: जानकारी के अनुसार, एसकेएमसीएच के गेट नंबर-2 के सामने उसकी चश्मे की दुकान है. वहीं, गिरोह में शामिल लड़की बखरी में रहती है. वह मूल रूप से माड़ीपुर की रहने वाली है. फिलहाल दोनों से एसकेएमसीएच थाने पर पूछताछ की जा रही है.
बड़े अस्पतालों में बेचते हैं खून: चश्मा दुकानदार तीन साल पहले भी खून के काले कारोबार में पकड़ा गया था. जेल से छूटने के बाद वह फिर से इस काले धंधे में लग गया. पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में दोनों ने शहर के आधा दर्जन से अधिक बड़े अस्पतालों के ब्लड बैंक के नाम बताए हैं, जिनसे बीते चार साल से दोनों खून की बिक्री कर रहे थे. दोनों के पास से जब्त मोबाइल से भी पुलिस को 200 संदिग्ध नंबर मिले हैं.
साल में कमाया लगभग डेढ़ करोड़: मास्टरमाइंड ने प्रतिदिन औसतन 3 से 4 यूनिट खून की बिक्री की. एक यूनिट खून का सौदा कम से कम 10 हजार रुपए में करते थे. इस तरह एक दिन में 30 से 40 हजार रुपए और पूरे साल के दौरान एक से डेढ़ करोड़ तक की कमाई की.
दो से ढाई हजार में खरीदते है खून: शहर के प्रसिद्ध निजी स्कूलों के बच्चे गिरोह के टारगेट पर होते थे. खासकर 15-17 साल के शरीर से हृष्ट-पुष्ट स्कूली बच्चे. इन बच्चों को ब्लड देने के बदले प्रति यूनिट दो से ढाई हजार रुपए का लालच दिया जाता है. इससे बच्चे खून डोनेट करने के लिए राजी हो जाते थे.
स्कूल के बाहर रेकी करते फिर लालच देते: मास्टरमाइंड ने बताया कि राजी होन के बाद उसका (बच्चों) फोटो ग्रुप में डाला जाता था. फिर ब्लड बैंक में ले जाकर उनका खून निकाल लिया जाता था. इसके अलावा स्मैकियों को भी टारगेट करता था. गिरोह में शामिल माड़ीपुर की लड़की का काम स्कूली बच्चों और स्मैकियों को बहला-फुसलाकर और लालच देकर खून देने के लिए राजी करना था. इसके लिए वह स्कूलों के आसपास मंडराती रहती थी.
"खून के कारोबार करने की सूचना पर एक लड़की और दुकानदार को पूछताछ के लिए लाया गया है. फिलहाल, पूछताछ चल रही है. पूछताछ के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी."-बिनीता सिन्हा, नगर एसडीपीओ 2
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