दुमका: जिले के जरमुंडी में आयुष स्वास्थ्य मेला के आयोजन का आज दूसरा दिन है. इस मेले में लोगों को आयुष चिकित्सा पद्धति के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है. 26 जनवरी को इस मेले का उद्घाटन प्रखंड विकास पदाधिकारी नीलम कुमारी ने फीता काटकर किया. इस स्वास्थ्य मेले का आज समापन होगा.
जरमुंडी प्रखंड कार्यालय के सामने दो दिवसीय आयुष स्वास्थ्य मेला का आयोजन किया गया है. मेले के पहले दिन इसका विधिवत उद्घाटन प्रखंड विकास पदाधिकारी नीलम कुमारी ने फीता काटकर किया. इस मौके पर डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे.
आयुष उपचार का नहीं होता कोई साइड इफेक्ट
बीडीओ नीलम कुमारी ने कहा कि जरमुंडी के लोग इस स्वास्थ्य मेले में आकर नि:शुल्क चिकित्सीय सलाह व दवा प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस मेले में लोगों को होम्योपैथिक दवाओं के साथ-साथ आयुर्वेदिक दवाएं भी उपलब्ध होंगी. झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसे शिविरों का आयोजन किया जाता है, जहां एक ही स्थान पर विभिन्न प्रकार की चिकित्सीय सलाह प्राप्त की जा सकती है. उन्होंने कहा कि आयुष उपचार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है, इसलिए बीमारी की स्थिति में लोगों को हमेशा आयुर्वेदिक औषधियों का प्रयोग करना चाहिए. एलोपैथिक दवाओं का सेवन करने से शरीर में कई हार्मोन नष्ट हो जाते हैं.
आयुष औषधि से बीमारी होती है जड़ से खत्म
आयुष चिकित्सकों ने बताया कि आयुष पद्धति से इलाज करने और आयुष औषधि के प्रयोग से शरीर में बीमारी जड़ से खत्म हो जाती है, लेकिन लोग इसका प्रयोग नहीं करते और एलोपैथिक दवा का सेवन करते हैं जिससे तुरंत तो राहत मिल जाती है लेकिन बाद में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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