पटनाः दिल्ली के आईएएस कोचिंग में हादसे के बाद पटना जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है. पटना डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने सतर्कता के तहत जिले में चल रहे छोटे बड़े 20000 कोचिंग संस्थानों का जांच का आदेश जारी कर दिए हैं. सोमवार को डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने अनुमंडल पदाधिकारियों के नेतृत्व में छह टीमें गठित की हैं.
राउज आईएएस में हादसा के बाद अलर्टः डीएम ने कहा है कि दिल्ली की घटना बहुत ही दुखद है. ऐसी घटनाओं के प्रभावी रोकथाम के लिए जिले में संचालित विभिन्न प्रकार के कोचिंग संस्थानों की जांच आवश्यक है. इन सभी टीमों का नेतृत्व संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी करेंगे. टीम में संबंधित नगर परिषद या नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी, प्रखंड या अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी, थाना प्रभारी, अग्निशमन पदाधिकारी, अंचलाधिकारी को शामिल किया गया है.
"कोचिंग संस्थान में मंगलवार से जांच कार्य शुरू कर रही है. टीम को दो सप्ताह में जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. रिपोर्ट में यदि कोचिंग संस्थान मानक के अनुरूप नहीं मिलते हैं तो उन्हें बंद किया जाएगा. लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी." -डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह, डीएम, पटना
पटना में कोचिंग सेंटर की जांचः गौरतलब है कि दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थिति कोचिंग संस्थान के लाइब्रेरी में अत्यधिक पानी भर जाने की वजह से तीन छात्रों की दुखद मृत्यु हो गई. अन्य छात्रों को रस्सी के माध्यम से कड़ी मशक्कत कर निकाला गया. ऐसे में पटना की कोचिंग संस्थानों में जांच टीम यह तय करेगी की कोचिंग संस्थान की भवन बिल्डिंग बाय लॉज के अनुरूप है अथवा नहीं.
फायर एग्जिट की व्यवस्था जरूरी: इमरजेंसी के दौरान कोचिंग संस्थान में फायर एग्जिट की कोई व्यवस्था है की नहीं. एंट्री और एग्जिट गेट छात्रों के भीड़ के एकोमोडेशन के लिए पर्याप्त है अथवा नहीं. इसके अलावा कोचिंग संस्थानों के निबंध की स्थिति अभी के समय क्या है? इसकी भी जानकारी इकट्ठा होगी.
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