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दो मांझी और एक पासवान.. इमामगंज में दलित वोट पर कब्जे के लिए बनाना होगा ऐसा 'जिताऊ' समीकरण

इमामगंज सीट पर एनडीए-महागठबंधन के साथ-साथ प्रशांत किशोर की भी साख दांव पर है. दलित वोटबैंक को साधने के लिए समीकरण बिठाना बड़ी चुनौती है.

Bihar By Election 2024
इमामगंज उपचुनाव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 21, 2024, 1:26 PM IST

पटना: बिहार की जिन 4 विधानसभी सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें इमामगंज इसलिए भी खास है क्योंकि यह आरक्षित सीट है. इमामगंज से दो बार विधायक रह चुके जीतनराम मांझी सांसद बन चुके हैं और केंद्र की मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. उनके इस्तीफे के बाद खाली हुई इस सीट पर 'हम' के लिए राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उनके पुत्र संतोष मांझी की पत्नी दीपा मांझी के कंधों पर है. मांझी ने अपनी बहू को प्रत्याशी बनाया है.

आरजेडी ने रौशन मांझी पर लगाया दांव: इमामगंज विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय जनता दल ने इस बार हम पार्टी को चकमा देने की कोशिश की है. आरजेडी की ओर से भी मांझी जाति के नेता रौशन मांझी को उम्मीदवार बनाया गया है. हालांकि इस बार पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी को बेटिकट कर दिया गया है. 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में उनको जीतनराम मांझी के हाथों शिकस्त मिली थी. इसलिए इस बार पार्टी ने रणनीति बदली है.

Imamganj Assembly By Election
दीपा मांझी इमामगंज से हम उम्मीदवार (ETV Bharat)

जितेंद्र पासवान जन सुराज के 'पहलवान': वहीं, जन सुराज पार्टी ने इमामगंज में डॉ. जितेंद्र पासवान को टिकट दिया है. वह पेशे से ग्रामीण चिकित्सक हैं. 24 साल की उम्र से ही ग्रामीण क्षेत्रों में रहकर असहाय और गरीब मरीजों की चिकित्सीय सेवा करते रहे हैं. कोरोना काल में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर लोगों का उपचार किया था.

Imamganj Assembly By Election
जन सुराज पार्टी प्रत्याशी जितेंद्र पासवान (ETV Bharat)

मांझी वोटर होंगे निर्णायक: इमामगंज विधानसभा सीट पर मांझी जाति के वोटर निर्णायक साबित होते हैं. मांझी जाति के वोटरों की संख्या इमामगंज में 70,000 के आसपास है. सबसे अधिक मांझी मतदाता इमामगंज क्षेत्र में है. मांझी वोट बैंक में सेंधमारी कर लालू यादव इमामगंज सीट को अपने कब्जे में करना चाहेंगे.

माय समीकरण भी मजबूत: माय समीकरण लालू प्रसाद यादव की ताकत मानी जाती है. इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में यादव मतदाताओं की संख्या 24000 के आसपास है तो मुस्लिम मतदाता 28000 से अधिक हैं. 17000 चमार वोट पर भी राष्ट्रीय जनता दल की नजर है. अगर मांझी वोटबैंक में रौशन मांझी डेंट कर देते हैं तो लड़ाई कठिन हो सकती है.

Bihar By Election 2024
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और जगदानंद सिंह (ETV Bharat)

पासवान वोटर कर सकते हैं 'खेल': इमामगंज में पासवान वोट बैंक भी राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण है. लगभग 18000 पासवान वोटर हैं. यही वजह है कि प्रशांत किशोर ने पासवान जाति के उम्मीदवार जितेंद्र पासवान को मैदान में उतारा है. हालांकि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने दावा किया है कि पासवान वोटर पूरी तरह हमारे साथ इंटैक्ट है और इमामगंज में एनडीए प्रत्याशी की जीत होगी.

Bihar By Election 2024
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (ETV Bharat)

इमामगंज में जातिगत समीकरण?: इमामगंज में कुल मतदाताओं की संख्या 3,10,448 है. इनमें सबसे अधिक मांझी यानी मुसहर जाति के मतदाता हैं. उनकी संख्या 70000 है. यादव 24000, दांगी 40000, पासवान 18000, चमार 17000, वैश्य 24000, राजपूत 9000, भूमिहार 9500, ब्राह्मण 7200, मुस्लिम 28000 के अलावे लोहार, पासी, कहार, नाई, बढ़ई और भोक्ता समेत अन्य जातियाों के मतदाताओं की संख्या 63748 है.

ETV Bharat GFX
ETV Bharat GFX (ETV Bharat GFX)

क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?: बिहार के चर्चित राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार के मुताबिक इमामगंज सीट जीतने या हारने का मतलब दलित वोट बैंक से है. जीतने वाला यह दावा करेगा कि दलित उनके साथ हैं. इसी वजह से इमामगंज सीट महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि जीतनराम मांझी के सामने जहां प्रतिष्ठा बचाने की चुनौती है, वहीं आरजेडी लंबे अरसे के बाद वहां पर जीत का स्वाद चखना चाहेगा, जबकि प्रशांत किशोर का दावा है कि उनको सभी जाति-धर्म का समर्थन मिलेगा.

"इमामगंज सीट जीतने या हारने का मतलब दलित वोट बैंक से है. जो जीतेगा, वह दावा करेगा कि दलित उसके साथ है. जीतनराम मांझी के समक्ष जहां प्रतिष्ठा बचाने की चुनौती है, वहीं राष्ट्रीय जनता दल लंबे अरसे बाद सूख को खत्म करना चाहेगा. उधर प्रशांत किशोर को सभी जाति-धर्म से उम्मीद है. ऐसे में यह सीट सभी दलों के लिए महत्वपूर्ण है."- डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

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24 वर्ष की उम्र से समाज सेवा के लिए समर्पित, अब इमामगंज में जन सुराज ने इस डॉक्टर पर लगाया दांव

उपचुनाव के लिए महागठबंधन के उम्मीदवार घोषित, बेलागंज-इमामगंज और रामगढ़ से RJD और तरारी से माले का प्रत्याशी

पटना: बिहार की जिन 4 विधानसभी सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें इमामगंज इसलिए भी खास है क्योंकि यह आरक्षित सीट है. इमामगंज से दो बार विधायक रह चुके जीतनराम मांझी सांसद बन चुके हैं और केंद्र की मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. उनके इस्तीफे के बाद खाली हुई इस सीट पर 'हम' के लिए राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उनके पुत्र संतोष मांझी की पत्नी दीपा मांझी के कंधों पर है. मांझी ने अपनी बहू को प्रत्याशी बनाया है.

आरजेडी ने रौशन मांझी पर लगाया दांव: इमामगंज विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय जनता दल ने इस बार हम पार्टी को चकमा देने की कोशिश की है. आरजेडी की ओर से भी मांझी जाति के नेता रौशन मांझी को उम्मीदवार बनाया गया है. हालांकि इस बार पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी को बेटिकट कर दिया गया है. 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में उनको जीतनराम मांझी के हाथों शिकस्त मिली थी. इसलिए इस बार पार्टी ने रणनीति बदली है.

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दीपा मांझी इमामगंज से हम उम्मीदवार (ETV Bharat)

जितेंद्र पासवान जन सुराज के 'पहलवान': वहीं, जन सुराज पार्टी ने इमामगंज में डॉ. जितेंद्र पासवान को टिकट दिया है. वह पेशे से ग्रामीण चिकित्सक हैं. 24 साल की उम्र से ही ग्रामीण क्षेत्रों में रहकर असहाय और गरीब मरीजों की चिकित्सीय सेवा करते रहे हैं. कोरोना काल में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर लोगों का उपचार किया था.

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जन सुराज पार्टी प्रत्याशी जितेंद्र पासवान (ETV Bharat)

मांझी वोटर होंगे निर्णायक: इमामगंज विधानसभा सीट पर मांझी जाति के वोटर निर्णायक साबित होते हैं. मांझी जाति के वोटरों की संख्या इमामगंज में 70,000 के आसपास है. सबसे अधिक मांझी मतदाता इमामगंज क्षेत्र में है. मांझी वोट बैंक में सेंधमारी कर लालू यादव इमामगंज सीट को अपने कब्जे में करना चाहेंगे.

माय समीकरण भी मजबूत: माय समीकरण लालू प्रसाद यादव की ताकत मानी जाती है. इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में यादव मतदाताओं की संख्या 24000 के आसपास है तो मुस्लिम मतदाता 28000 से अधिक हैं. 17000 चमार वोट पर भी राष्ट्रीय जनता दल की नजर है. अगर मांझी वोटबैंक में रौशन मांझी डेंट कर देते हैं तो लड़ाई कठिन हो सकती है.

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आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और जगदानंद सिंह (ETV Bharat)

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इमामगंज में जातिगत समीकरण?: इमामगंज में कुल मतदाताओं की संख्या 3,10,448 है. इनमें सबसे अधिक मांझी यानी मुसहर जाति के मतदाता हैं. उनकी संख्या 70000 है. यादव 24000, दांगी 40000, पासवान 18000, चमार 17000, वैश्य 24000, राजपूत 9000, भूमिहार 9500, ब्राह्मण 7200, मुस्लिम 28000 के अलावे लोहार, पासी, कहार, नाई, बढ़ई और भोक्ता समेत अन्य जातियाों के मतदाताओं की संख्या 63748 है.

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क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?: बिहार के चर्चित राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार के मुताबिक इमामगंज सीट जीतने या हारने का मतलब दलित वोट बैंक से है. जीतने वाला यह दावा करेगा कि दलित उनके साथ हैं. इसी वजह से इमामगंज सीट महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि जीतनराम मांझी के सामने जहां प्रतिष्ठा बचाने की चुनौती है, वहीं आरजेडी लंबे अरसे के बाद वहां पर जीत का स्वाद चखना चाहेगा, जबकि प्रशांत किशोर का दावा है कि उनको सभी जाति-धर्म का समर्थन मिलेगा.

"इमामगंज सीट जीतने या हारने का मतलब दलित वोट बैंक से है. जो जीतेगा, वह दावा करेगा कि दलित उसके साथ है. जीतनराम मांझी के समक्ष जहां प्रतिष्ठा बचाने की चुनौती है, वहीं राष्ट्रीय जनता दल लंबे अरसे बाद सूख को खत्म करना चाहेगा. उधर प्रशांत किशोर को सभी जाति-धर्म से उम्मीद है. ऐसे में यह सीट सभी दलों के लिए महत्वपूर्ण है."- डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

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