धमतरी: एक तरफ जहां सरकार पेड़ लगाने के लिए लोगों से अपील कर रही है तो दूसरी ओर धमतरी में हरे भरे पेड़ों की कटाई की जा रही है. पेड़ काटने वाला भी कोई और नहीं बल्कि नगर निगम का दस्ता है. नगर निगम के कर्मचारियों ने हरा भरा महुआ का पेड़ काट दिया. जब मीडिया ने पेड़ काटने का कारण पूछा तो ऊपर से आदेश मिलने की बात कर्मचारियों ने कही लेकिन किसी के भी पास ऑर्डर कॉपी नहीं मिला.
हरा भरा महुआ का पेड़ काट दिया: धमतरी शहर के रत्नाबांधा रोड स्थित तीन पुराने पेड़ों को नगर निगम की टीम काटने निकली. इस बीच यह खबर उड़ी कि बिना अनुमति के पेड़ों को काटा जा रहा है. शहरी क्षेत्र में पेड़ों को काटने के लिए वन विभाग के अनुशंसा और एसडीएम की अनुमति के बाद ही पेड़ों को काटा जा सकता है. लेकिन निगम के पास कटाई के लिए दस्तावेज और अनुमति कागज नहीं मिले.
नाली के लिए पेड़ काटा जा रहा है. परमिशन है. अभी परमिशन ऑर्डर साथ नहीं रखे हैं. निगम से इंजीनियर कमलेश ठाकुर ने ऑर्डर दिया है. हम तो मजदूर है. -नगर निगम कर्मचारी
किसने दी पेड़ काटने की अनुमति: इस मामले पर बवाल मचने के बाद कटाई भले ही रोक दी गई. लेकिन फिर भी एक पेड़ काटा जा चुका था. एक तरफ निगम का कर्मचारी पेड़ काटने का आदेश मिलने की बात कह रहा है दूसरी तरफ उपायुक्त का कहना है कि मीडिया से उन्हें पेड़ काटने की जानकारी मिली है.
इसी प्रक्रिया में हम भी लगे हैं. परमिशन के लिए अप्लाई किए थे तो क्या परमिशन मिल गया है. ये वन विभाग और एसडीएम के अधिकार क्षेत्र में रहता है. जांच के बाद ही पता चल पाएगा. -पीसी सार्वा, डिप्टी कमिश्नर, नगर निगम
मामले में विवाद के बाद अब जांच: निगम के डिप्टी कमिश्नर का कहना है कि अगर बिना अनुमति के कटाई की गई है तो उसकी जांच कराई जाएगी. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर किसके आदेश से निगम का कटाई दस्ता निकल गया और पेड़ को काट दिया.