छपरा: बिहार के छपरा में एक संस्था और एक निजी स्कूल के द्वारा गर्मी की छुट्टी के दौरान चार दिवसीय मिलिट्री थीम प्रशिक्षण शिविर का अयोजन किया गया. इस प्रशिक्षण शिविर में बच्चों को जिस तरह से सेना के जवानों की ट्रेनिग होती है उसी प्रकार से बच्चों को भी ट्रेनिग दी गई. इस खास ट्रेनिग में काफी बच्चों ने भाग लिया.
बच्चों ने लिया ट्रेनिंग का भरपूर आनंद: इसमें रॉक क्लाइंबिंग, जिप लाइन, कमांडो नेट, वर्मा ब्रिज, वाल क्लाइबिंग, शूटिंग, आर्चरी और अन्य तरह की ट्रेनिंग बच्चों को दी गई. स्थानीय बच्चों ने भी मिलिट्री की तरह इस ट्रेनिंग का भरपूर आनंद लिया. काफी उत्साह से सभी बच्चे इसमें शामिल हुए. बच्चों ने कहा कि "छपरा में हमें सेना की तरह ट्रेनिंग मिली है. कई खतरनाक और रोमांच काम काफी आसानी से सेना के कुशल अधिकारी और जवानों की देखरेख में पूरा किया है."
सेना के तीनों अंगों के अधिकारी रहे मौजूद: बच्चों ने 4 दिन तक सेना के जवानों और अधिकारियों की देखरेख में इस ट्रेनिंग को पूरा किया है. इससे बच्चों में काफी उत्साह है. बच्चे बड़े होकर सेना में जाना चाहते हैं, वहीं कई बच्चे पायलट बनना चाहते हैं. यहां पर सेना के तीनों अंगों के अधिकारी और जवानों के द्वारा बच्चों को ट्रेनिंग के दौरान काफी टिप्स दिए गए. बच्चों ने खतरनाक से खतरनाक ट्रेनिंग को बड़ी आसानी से सेना के कुशल जवानों की देखरेख में पूरा किया.
बच्चों के डर को किया गया दूर: नौसेना के कमांडो राकेश रंजन ने बताया कि ट्रैक से हट कर मिलिट्री थीम पर उन लोगों ने यह ट्रेनिंग कराया है. सबसे पहला उद्देश्य था कि डर को बच्चों से दूर करना. उन्होंने पूरी तरह से जोखिम वाले ट्रेनिंग से सबसे पहले बच्चों को डर से मुक्त किया. अच्छी तरह से मोटिवेट किया गया, उसके बाद बच्चों ने काफी अच्छी तरह से खतरनाक से खतरनाक स्टंट को पूरा किया.
"हम सभी ने बच्चों को पूरी तरह से सुरक्षा के साथ ट्रेनिंग दी है. इस मिलिट्री ट्रेनिंग में बच्चों ने खुद आगे आकर भाग लिया है. इसमें रॉक क्लाइंबिंग, जिप लाइन, कमांडो नेट, वर्मा ब्रिज, वाल क्लाइबिंग, शूटिंग और अन्य कई चीजें शामिल थी."- राकेश रंजन, मरीन कमांडो
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