रुद्रप्रयाग: नगर उद्योग व्यापार मंडल ऊखीमठ ने उप जिलाधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर अगस्त्यमुनि से सोनप्रयाग शटल सेवा का विरोध करते हुए जिला प्रशासन के इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है। ऐसा नहीं करने पर व्यापारियों ने आंदोलन की चेतावनी दी है.
उप जिलाधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को भेजे ज्ञापन में नगर उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने कहा तीर्थ यात्री केदारनाथ यात्रा से लौटने के बाद भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर, सिद्धपीठ कालीमठ, द्वितीय केदार मदमहेश्वर, तृतीय केदारनाथ तुंगनाथ धामों के दर्शन करने के साथ ही तुंगनाथ घाटी व पर्यटक स्थल देवरिया ताल के चारों ओर फैले भूभाग के प्राकृतिक सौन्दर्य से रूबरू होकर बद्रीनाथ के लिए रवाना होता हैं. यात्रा काल के दौरान तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों, सैलानियों व प्रकृति प्रेमियों की आवाजाही होने से ऊखीमठ सहित तुंगनाथ घाटी व मदमहेश्वर घाटी में रौनक रहती है. स्थानीय व्यापारियों के व्यवसाय में भी खासा इजाफा होता है. उन्होंने कहा यात्रा काल के दौरान तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों की आवाजाही ऊखीमठ, मदमहेश्वर व तुंगनाथ धामों में होने से मन्दिर समिति की आय में वृद्धि होने के साथ युवाओं, घोड़े-खच्चर संचालकों, वाहन संचालकों की आय में भी वृद्धि होती है. हिल स्टेशन ऊखीमठ, पठालीधार, सिरसोली, ताला, मस्तूरा दुगलबिट्टा, बनियाकुंड, चोपता, तुंगनाथ धाम, देवरिया ताल, रासी, गौंडार व मदमहेश्वर धाम गुलजार रहते हैं.
तीर्थ यात्री केदारनाथ दर्शन करने के बाद सोनप्रयाग-अगस्त्यमुनि शटल सेवा से अगस्त्यमुनि पहुंचने के बाद बदरीनाथ के लिए रवाना होता है. तीर्थ यात्री ओंकारेश्वर मन्दिर, मदमहेश्वर धाम तथा तुंगनाथ धाम की धार्मिक महत्ता के साथ तुंगनाथ घाटी के प्राकृतिक सौंदर्य से रूबरू होने से वंचित रहने के साथ ही ऊखीमठ, मदमहेश्वर व तुंगनाथ घाटी का तीर्थाटन व पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो जायेगा. इन स्थानों पर व्यवसाय कर रहे युवाओं के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो जायेगा. जनहित व युवाओं के भविष्य को देखते हुए अगस्त्यमुनि से सोनप्रयाग शटल सेवा के निर्णय को वापस लिया जाए. अन्यथा नगर उद्योग व्यापार मंडल, तुंगनाथ घाटी व मदमहेश्वर घाटी के व्यापारियों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.