भरतपुर : ठंड के मौसम ने केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान (घना पक्षी विहार) और भरतपुर के पर्यटन व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है. इस बार पांचना बांध से मिले पानी, नियमों में संशोधन और पक्षियों की बढ़ी हुई आवक के चलते इस साल पर्यटकों की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है. नवंबर माह में बीते तीन साल में सर्वाधिक पर्यटक घना में पहुंचे हैं. वहीं, जिले के सभी होटल फरवरी तक फुल हो गए हैं.
नवंबर में रिकॉर्ड पर्यटक पहुंचे : घना पक्षी विहार के निदेशक मानस सिंह ने बताया कि इस साल नवंबर महीने में उद्यान में बीते तीन सालों में सर्वाधिक पर्यटक आए हैं. मानस सिंह ने बताया कि यह वृद्धि पांचना बांध से मिले भरपूर पानी और नेचर गाइड की अनिवार्यता वाले नियम में बदलाव का परिणाम है.
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पर्यटन व्यवसाय में उछाल : होटल व्यवसायी देवेंद्र सिंह ने बताया कि इस सीजन में लगभग सभी बड़े होटल फुल हो चुके हैं. फरवरी के शुरुआती सप्ताह तक की एडवांस बुकिंग करीब करीब फुल हैं. होटलों के साथ-साथ होमस्टे भी पूरी तरह बुक हैं. पर्यटकों की बढ़ती संख्या से भरतपुर की स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा होने की संभावना है. होटलों, रेस्टोरेंट और गाइड सेवाओं की मांग में तेजी आई है.
पक्षियों की संख्या में बढ़ोतरी : मानस सिंह ने बताया कि इस साल घना में पक्षियों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है. घना में सारस, ई ग्रेट, स्पूनबिल, बार-हेडेड गीज़, लार्ज कार्मोनेंट, पेंटेड स्टार्क आदि समेत कई प्रजाति के हजारों की संख्या में पक्षी यहां पहुंचे हैं. निदेशक ने बताया कि पक्षियों की कुल संख्या में इस बार लगभग 20% वृद्धि होने की संभावना है.
नियम में बदलाव से बढ़ा आकर्षण : इस बार घना में आने वाले पर्यटकों के लिए नेचर गाइड की अनिवार्यता हटाते हुए नियम में संशोधन कर दिया गया. अब घना में 10 या 10 से अधिक पर्यटकों के दल को ही नेचर गाइड लेना अनिवार्य है. इस नियम संशोधन के बाद भी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है. होटल व्यवसाई देवेंद्र सिंह ने बताया कि नियम में संशोधन के बाद पर्यटकों ने होटलों में रुकने की अवधि बढ़ा दी है, जो पर्यटक पहले एक रात के लिए रुक रहे थे वो अब कई रातों के लिए रुकने के लिए बुकिंग करा रहे हैं. ऐसे में इस बार नवंबर में गत वर्ष की तुलना में करीब 26% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. घना प्रशासन ने पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कई सुविधाएं शुरू की हैं. पार्क में साइकिल, ई-रिक्शा जैसी सुविधा उपलब्ध हैं. साथ ही क्यूआर कोड से टिकट बुकिंग की सुविधा भी शुरू की गई है.
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आकर्षण का केंद्र बना घना : निदेशक मानस सिंह ने बताया कि घना पक्षी विहार पक्षी प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए स्वर्ग बन गया है. साइबेरिया, मंगोलिया और यूरोप से आए प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर रही है. जैव विविधता से भरपूर घना स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र भी बना हुआ है. भरतपुर के पर्यटन व्यवसायियों को उम्मीद है कि फरवरी तक यह रुझान जारी रहेगा, जिससे शहर की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.