भरतपुर: नए पर्यटन सीजन में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान आने वाले पर्यटकों को नई सौगात मिलने वाली है. पर्यटक जल्द ही केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का अब क्यूआर कोड से कहीं से भी टिकट बुक करा सकेंगे. इससे पर्यटकों को टिकट बुक कराने के लिए देर तक लाइन में खड़े होने की परेशानी से निजात मिल जाएगी. इतना ही नहीं इस नई व्यवस्था के लागू होते ही एक सीजन में घना आने वाले पर्यटकों के लाखों रुपए बच जाएंगे. उद्यान प्रशासन क्यूआर से टिकट बुकिंग की ट्रायल कर रहा है और नवंबर के प्रथम सप्ताह में यह सुविधा पर्यटकों के लिए शुरू कर दी जाएगी.
उद्यान निदेशक मानस सिंह ने बताया कि अभी तक केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों को टिकट खिड़की पर जाकर टिकट बुक कराने पड़ते थे. पीक सीजन में पर्यटकों को टिकट के लिए लाइन में खड़े होकर काफी इंतजार भी करना पड़ता था. ऐसे में अब पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए क्यूआर कोड से टिकट बुक करने की व्यवस्था लागू करने जा रहे हैं. फिलहाल इसका ट्रायल चल रहा है. नवंबर के प्रथम सप्ताह तक टिकट बुकिंग की यह नई सुविधा शुरू कर दी जाएगी.
टिकट खिड़की पर जाने की जरूरत नहीं: निदेशक मानस सिंह ने बताया कि नई सुविधा के तहत हम शहर के सभी होटल, घना के मुख्य द्वार, पर्यटन केंद्र पर क्यूआर कोड चस्पा करेंगे. इससे कोई भी पर्यटक कहीं पर भी अपने मोबाइल से क्यूआर कोड स्कैन कर, उसमें अपनी पूरी डिटेल भरकर और आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र की सॉफ्ट कॉपी अपलोड कर टिकट बुक कर सकेंगे. इससे पर्यटकों को टिकट बुकिंग के लिए खिड़की पर जाने की जरूरत नहीं होगी. साथ ही टिकट का प्रिंट लेने की भी जरूरत नहीं होगी.
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चेकिंग भी डिजिटल: निदेशक मानस सिंह ने बताया कि घना में पर्यटकों की टिकट जांच की व्यवस्था भी डिजिटली रखी जाएगी. इसके तहत टिकट जांचने वाले कर्मचारियों को एक डिजिटल मशीन दी जाएगी, जिसमें पर्यटक की टिकट से संबंधित सभी जानकारी पहले से अपलोड रहेंगी. पर्यटक के आने पर सिर्फ नाम बताते ही टिकट की जांच हो जाएगी.
पर्यटकों के बचेंगे लाखों रुपए: घना आने वाले पर्यटक फिलहाल बुकिंग खिड़की से टिकट बुक कराते हैं. खिड़की पर विद्यार्थियों का टिकट 63 रुपए, भारतीय पर्यटक का 155 रुपए और विदेशी पर्यटक का 959 रुपए है. खिड़की पर टिकट बुक कराने पर विद्यार्थियों को 6 रुपए, भारतीयों से 6 रुपए और विदेशी पर्यटक से 21 रुपए ई-मित्र शुल्क के नाम पर वसूले जाते हैं. ऐसे में क्यूआर कोड से टिकट बुकिंग की सेवा शुरू होते ही पर्यटकों का ई-मित्र शुल्क बच जाएगा. वर्ष 2023-24 में घना में कुल 81 हजार से अधिक पर्यटक पहुंचे थे. यदि नए पर्यटन सीजन में हजारों पर्यटक नई सुविधा के तहत टिकट बुक कराएंगे, तो ई-मित्र शुल्क के रूप में दिया जाने वाला लाखों रुपए बच जाएंगे.