भोपाल। अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की आस्था का उत्सव एमपी में शिल्पकार अपने तरीके से मना रहे हैं. इन शिल्पकारों ने चार महीने दिन रात मेहनत करके पांच धातूओं से भगवान राम के साथ राम दरबार की मूर्तियों कलम कारी से जीवंत रुप में उतारी है. हर मूर्ति यूं जान पड़ती है कि बोल पड़ेगी. राम भगवान समेत राम दरबार की अस्सी से ज्यादा कलाकृतियां लेकर भोपाल आए हैं. शिल्पकार कि घर-घर राम विराजे, खास बात ये है कि इन मूर्तियों में से कई में इन शिल्पकारों ने हु ब हू अयोध्या में विराजे भगवान राम का रुप उतारा है.
क्यों अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से पहले बनाए राम
अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा से पहले इन मूर्तियों के को तराशने का टारगेट लेकर शिल्पकार जुटे थे. टीकमगढ जिले में पीतल के प्रसिध्द शिल्पकार लाला राम सोनी और रजनीश सोनी की दिन रात की मेहनत है. चार महीने में इन्होंने अस्सी से ज्यादा राम दरबार और भगवान राम की मूर्तियां तैयार की हैं. लाला राम सोनी बताते हैं हम ये चाहते थे कि जब अयोध्या में राम लला विराजें तब घर-घर में भी भगवान राम का दरबार सजे, इसलिए हमने चार महीने जुटकर ये राम दरबार और मूर्तियां तैयार की है.
पीतल के अलावा किन पांच धातूओं का इस्तेमाल
मध्य प्रदेश हस्तशिल्प हथकरघा विभाग की ओर से इस प्रदर्शनी का प्रबंधक एमएल शर्मा बताते हैं ये मूर्तियां इसलिए भी विशिष्ट हैं, क्योंकि ये पांच धातुओँ से बनी है. कलम की जो कारीगरी होती है, उससे ये मूर्तियां तैयार की गई है. आपको दिखाई केवल पीतल दे रहा है, लेकिन इसमें सतकुट के अलावा सोना, चांदी और तांबा भी मिला हुआ है. दूसरी खास बात ये है कि ये मूर्तियां तैयार करने पहले राम राजा की मिट्टी ओरछा से लाई जाती है. तभी कारीगर फिर मूर्ति को गढ़ते हैं.
250 ग्राम से 25 किलोग्राम की है मूर्ति
राम दरबार की ये मूर्तियां 250 ग्राम से 25 किलोग्राम तक की हैं. उसी हिसाब से इनकी कीमत भी है. आठ सौ रुपए से लेकर 41 हजार रुपए की कीमत में ये मूर्तियां शिल्पकार बेचने लाए हैं. शर्मा बताते हैं असल में ये हस्तशिल्प हथकरघा विकास निगम की हमारी कमिश्नर सुफिया फारुकी वली का प्रयास था कि किस तरह से जब पूरे देश में राम मय माहौल है, तब इस राम दरबार प्रदर्शनी के जरिए इन धातू शिल्पियों को भी प्लेटफार्म दिया जा सके.
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