इलाहाबाद: इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में शनिवार को पुरा छात्र सम्मेलन हुआ. इस सम्मेलन में यूनिवर्सिटी में पढ़े हुए करीब डेढ़ हजार से अधिक पाने छात्र-छात्राएं यूनिवर्सिटी कैंपस पहुंचे. यहां पर उन्होंने पुराने साथियों के साथ मिलकर पढ़ाई के दिनों की यादें ताजा की.
इसी के साथ पुरा छात्रों ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पुराने गौरव को वापस लाने के लिए सहायता करने का भी भरोसा दिया. इसके साथ ही यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रो. संगीता श्रीवास्तव सराहना करते हुए उनके प्रयास से शुरू किए गए, पुराछात्र सम्मेलन कराने के लिए धन्यवाद दिया. वहीं, कार्यक्रम के मुख्य अतिथियों में शामिल एक्टर डॉयरेक्टर तिग्मांशु धूलिया ने कहा कि तकनीक और संसाधनों की कमी की वजह से युवाओं के टैलेंट का खून हो रहा है.
दो दिन तक चलेगा पुरा छात्र सम्मेलन
शनिवार से शुरू हुए इस कार्यक्रम में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पढ़कर निकले हुए तमाम पुरा छात्र-छात्राएं शामिल होने पहुंचे थे. इसमें शिक्षा जगत से लेकर कला, साहित्य, फिल्म, न्याय पालिका, चिकित्सा और सिविल सेवा से जुड़ी हुई तमाम हस्तियां भी शामिल हुईं.
इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय में तीन पुरा छात्रों की लिखी हुई पुस्तकों का विमोचन भी किया गया, जिसमें रिटायर डीजीपी ओपी सिंह अनामिका श्रीवास्तव और वीरेंद्र ओझा की पुष्तक शामिल रही है. वहीं, अनामिका श्रीवास्तव ने कहा कि उनकी पुष्तक की कॉपियों को लोकार्पण के बाद कार्यक्रम स्थल पर बिक्री के लिए रखा गया है. जितनी भी पुष्तक इस जगह से बिकेंगी वो उस पैसे को यूनिवर्सिटी के सरोजनी नायडू गर्ल्स हॉस्टल को दान कर देंगी, जिससे उनके हॉस्टल में कुछ विकास कार्य किया जा सके.
युवाओं के टैलेंट का खून हो रहा है
पुरा छात्र सम्मेलन में पहुंचे फिल्म निर्माता निर्देशक और एक्टर तिग्मांशु धूलिया ने कहा कि यहां छात्रों के टैलेंट का खून हो रहा है. सिविल सेवा और बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए जो सुविधाएं छात्रों को मिलनी चाहिए वो सुविधाएं प्रयागराज में नहीं मिल पा रही है. इंटरनेट के इस युग में गरीब घरों से आने वाले छात्र जमीन पर बैठकर पढ़ रहे हैं. ऐसे में उनकी प्रतिभा का कत्ल हो रहा है. इस कारण भी यूनिवर्सिटी का स्तर गिर रहा है. आज समाज का स्तर भी गिर रहा है और यह भी बड़ा कारण है कि लोग तरक्की नहीं कर पा रहे हैं.
तिग्मांशु धूलिया ने कहा कि छात्रों को पढ़ने के लिए बेहतर माहौल उपलब्ध करवाया जाए, तो आज भी छात्र बेहतर करके बड़े लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं, लेकिन उसके लिए शिक्षा का जो माहौल होना चाहिए वो अब प्रयागराज जिले में नहीं दिख रहा है, जिस कारण भी यहां पढ़ाई करने वाले छात्र छोटी नौकरियां भी कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा सिर्फ इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में ही नहीं, बल्कि पूरे प्रयागराज में ऐसे ही हालात हैं.
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