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लखनऊ के ग्रामीण इलाकों में घूम रहा बाघ; दहाड़ सुनकर भागे लोग, वन विभाग ने लगाया पिंजरा - TIGER ROAMING LUCKNOW

एक सप्ताह से दहशत में 6 से ज्यादा गांवों के लोग. कॉम्बिंग कर रहीं टीमें.

जंगली जानवरों के कारण दहशत में लोग.
जंगली जानवरों के कारण दहशत में लोग. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 12, 2024, 11:28 AM IST

लखनऊ : ग्रामीण इलाकों में जंगली जानवरों के देखे जाने से लोग दहशत में हैं. उनके पग चिन्ह भी लगातार मिल रहे हैं. ये चिन्ह बाघ के बताए जा रहे हैं. रहमान खेड़ा के जंगल में ग्रामीणों ने दहाड़ भी सुनी. बुधवार को वन विभाग की टीम पिंजरा लेकर रहमान खेड़ा पहुंची. हालांकि उतारते समय यह टूट गया. इसके बाद दूसरा पिंजरा लगाया गया.

बीते 3 दिसंबर को रहमान खेड़ा के खेतों में मिले हिंसक जानवर के पगचिन्ह मिलने के बाद करझन गांव के 3 खेतों में भी मंगलवार को वन विभाग की टीम को नए पगचिह्न मिले थे. वन विभाग की टीम ने बुधवार को रहमानखेड़ा किनारे से गुजरे बेहता नाले के किनारे 5 जगहों पर पग चिन्हों के आधार पर ट्रैप कैमरे लगाए. वहीं रहमानखेड़ा समेत आसपास के 6 से ज्यादा गांवों में करीब एक सप्ताह से लोग दहशत में हैं.

काकोरी के रहमान खेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में खेतों में काम कर रहे मजदूरों ने बाघ के दहाड़ने की आवाज सुनी थी. इससे कई मजदूर भाग खड़े हुए थे. वहीं संस्थान के डायरेक्टर ने मजदूरों व संविदा कर्मियों को छुट्टी दे दी थी.

क्षेत्रीय वनाधिकारी दुबग्गा सोनम दीक्षित ने बताया कि बुधवार सुबह वन कर्मियों के साथ रहमान खेड़ा स्थित केंद्रीय उपोषण बागवानी संस्थान में पिंजरा लेकर गए थे. गाड़ी से नीचे उतारते ही पिंजरा टूट गया. इसे मरम्मत के लिए वापस भेज दिया गया. दूसरा पिंजरा कुकरैल से मंगाकर रहमानखेड़ा जंगल में लगवा दिया गया है.

पगचिन्हों की जांच में कई जगह हिंसक जानवर के पगचिह्न पाए गए. वन विभाग की टीम ने 3 किलोमीटर तक बेहता नाला किनारे कांबिंग की है. इसमें पाया गया कि नाले किनारे कई जगह पगचिह्न दिखाई पड़े हैं. अभी तक मंडौली, रहमानखेड़ा और बीते मंगलवार को करझन गांव में मिले पगचिन्हों की जांच में पंजों के निशान तेंदुआ या फिशिंग कैट पाया गया है.

रेंजर ने बताया बाघ या फिसिंग कैट होने का दावा किया गया है. मंगलवार को ग्रामीणों ने खेतों में चहलकदमी करते हुए एक हिंसक जानवर का वीडियो बनाया. क्षेत्रीय रेंज की टीम के साथ साथ स्पेशल टास्क फोर्स को भी जंगल मे कॉम्बिंग करने के लिए लगाया गया है.

यह भी पढ़ें : फर्रुखाबाद में आतंक का पर्याय बने तेंदुआ पकड़ा गया; कई घंटे तक चला सर्च ऑपरेशन, 8 लोगों को किया था घायल

लखनऊ : ग्रामीण इलाकों में जंगली जानवरों के देखे जाने से लोग दहशत में हैं. उनके पग चिन्ह भी लगातार मिल रहे हैं. ये चिन्ह बाघ के बताए जा रहे हैं. रहमान खेड़ा के जंगल में ग्रामीणों ने दहाड़ भी सुनी. बुधवार को वन विभाग की टीम पिंजरा लेकर रहमान खेड़ा पहुंची. हालांकि उतारते समय यह टूट गया. इसके बाद दूसरा पिंजरा लगाया गया.

बीते 3 दिसंबर को रहमान खेड़ा के खेतों में मिले हिंसक जानवर के पगचिन्ह मिलने के बाद करझन गांव के 3 खेतों में भी मंगलवार को वन विभाग की टीम को नए पगचिह्न मिले थे. वन विभाग की टीम ने बुधवार को रहमानखेड़ा किनारे से गुजरे बेहता नाले के किनारे 5 जगहों पर पग चिन्हों के आधार पर ट्रैप कैमरे लगाए. वहीं रहमानखेड़ा समेत आसपास के 6 से ज्यादा गांवों में करीब एक सप्ताह से लोग दहशत में हैं.

काकोरी के रहमान खेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में खेतों में काम कर रहे मजदूरों ने बाघ के दहाड़ने की आवाज सुनी थी. इससे कई मजदूर भाग खड़े हुए थे. वहीं संस्थान के डायरेक्टर ने मजदूरों व संविदा कर्मियों को छुट्टी दे दी थी.

क्षेत्रीय वनाधिकारी दुबग्गा सोनम दीक्षित ने बताया कि बुधवार सुबह वन कर्मियों के साथ रहमान खेड़ा स्थित केंद्रीय उपोषण बागवानी संस्थान में पिंजरा लेकर गए थे. गाड़ी से नीचे उतारते ही पिंजरा टूट गया. इसे मरम्मत के लिए वापस भेज दिया गया. दूसरा पिंजरा कुकरैल से मंगाकर रहमानखेड़ा जंगल में लगवा दिया गया है.

पगचिन्हों की जांच में कई जगह हिंसक जानवर के पगचिह्न पाए गए. वन विभाग की टीम ने 3 किलोमीटर तक बेहता नाला किनारे कांबिंग की है. इसमें पाया गया कि नाले किनारे कई जगह पगचिह्न दिखाई पड़े हैं. अभी तक मंडौली, रहमानखेड़ा और बीते मंगलवार को करझन गांव में मिले पगचिन्हों की जांच में पंजों के निशान तेंदुआ या फिशिंग कैट पाया गया है.

रेंजर ने बताया बाघ या फिसिंग कैट होने का दावा किया गया है. मंगलवार को ग्रामीणों ने खेतों में चहलकदमी करते हुए एक हिंसक जानवर का वीडियो बनाया. क्षेत्रीय रेंज की टीम के साथ साथ स्पेशल टास्क फोर्स को भी जंगल मे कॉम्बिंग करने के लिए लगाया गया है.

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