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अटल हत्याकांड : तीन दोषियों को उम्रकैद और एक-एक लाख का अर्थ दंड, पांच अभियुक्त अब भी फरार - Atal Pandey murder case - ATAL PANDEY MURDER CASE

life imprisonment गोपालगंज में 2 दिसंबर 2021 को भूमि विवाद में अटल पांडेय नामक छात्र की हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में 19 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. आज इस मामले में फैसला आ गया. कोर्ट ने तीन दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनायी है. पढ़ें, विस्तार से क्या था यह मामला.

हत्याकांड के दोषी.
हत्याकांड के दोषी. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 6, 2024, 7:17 PM IST

गोपालगंजः बिहार के गोपालगंज के चर्चित अटल पांडेय हत्याकांड मामले में एडीजे-10 मानवेंद्र मिश्र की कोर्ट ने शनिवार को तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. तीनों पर एक-एक लाख रूपए का अर्थ दंड भी लगाया गया है. सजा सुनाये जाने के बाद तीनों अभियुक्तों को चनावे मंडल कारा भेज दिया गया है. जिन अभियुक्तों को सजा सुनायी गयी है उनमें प्रेम खरवार, राजकुमार खरवार व अंगद विश्वकर्मा शामिल है.

"19 लोगों पर प्राथमिक की दर्ज की गई थी जिसमें तीन लोगों पर सेशन ट्रायल चल रहा था. जिसमें क्वांटम आफ पनिशमेंट में 302 और 307 अदर सेक्शन में दोषी पाते हुए सजा सुनाया गया है. इसको लेकर हम लोग अपील में जायेंगे."- ब्रजभूषण शर्मा, बचाव पक्ष के अधिवक्ता

अटल पांडेय (फाइल फोटो)
अटल पांडेय. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

क्या है मामलाः विजयीपुर थाना क्षेत्र के कोरेयां गांव में 2 दिसंबर 2021 को जमीन पर कब्जा करने के मामले में दो पक्षों में मारपीट हुई थी. इस दौरान संजय पांडेय, सिन्टू पांडेय, जगदंबा पांडेय, अटल पांडेय पर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया गया था. अटल पांडेय की इलाज के दौरान मौत हो गयी थी. अटल पांडेय के चाचा नागेंद्र पांडेय के बयान पर माले नेता जितेंद्र पासवान सहित 19 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.

गुरुवार को दोषी पाया गया थाः जांच के बाद पुलिस ने तीन अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट सौंपी. जिसके बाद करीब 49 महीने की सुनवाई के बाद गुरुवार को एडीजे-10 मानवेंद्र मिश्र की कोर्ट में सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. बचाव पक्ष की ओर अधिवक्ता ब्रजभूषण शर्मा एवं अजय मिश्र, जबकि अभियोजन की ओर से अनिल कुमार शर्मा, अजय कुमार मिश्र, विनोद कुमार पांडेय और विनय शंकर राय ने दलील पेश की. कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया. आज सजा सुनायी गयी.

गोपालगंज कोर्ट परिसर.
गोपालगंज कोर्ट परिसर. (ETV Bharat)

क्या कहा कोर्ट नेः कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए कहा कि अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह में फंसा कर आदर्श पांडेय उर्फ अटल पांडेय की हत्या कर दी गयी. अभिमन्यु की तरह अटल पांडेय भी अपने मां-बाप की इकलौता संतान था. जिस तरह अभिमन्यु को उसके चाचा भीम, नकुल, सहदेव नहीं बचा पाये स्वयं घायल हो गये उसी तरह इस मामले मे अटल पांडे के चाचा, भाई, संजय पांडे, जगदम्बा पांडे, सिंटू पांडे उसे नहीं बचा पाये. कोर्ट ने कहा कि हत्या व रेप जघन्य अपराध की श्रेणी में आते हैं.

दोनों सजाएं साथ चलेंगीः अभियोजन पक्ष के वकील अनिल शर्मा ने बताया कि विजयपुर के कोरेया गांव में अटल पांडे की हत्या हुई थी, जिस मामले में एडीजे दस मानवेंद्र मिश्रा के कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. जिसमें सजा की बिंदु पर सुनवाई के लिए आज रखा गया था. तीनों अभिक्तों को आईपीसी 302 के तहत आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपये और दंड के साथ आईपीसी की धारा 307 के तहत 10 साल की सजा और 50-50 हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया गया है. दोनों सजा साथ-साथ चलेगी.

हाइकोर्ट के आदेश पर स्पीडी ट्रायलः पटना हाइकोर्ट ने इस कांड में आपराधिक विविध वाद संख्या-18053/2024 में सुनवाई के बाद 26 अप्रैल को विचारण न्यायालय को छह माह के अंदर वाद निस्तारण का आदेश दिया था. 19 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. पांच को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जबकि नौ लोगों ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था. इस मामले में प्रभु खरवार, बबई खरवार, संजय यादव, अनिल यादव एवं अशोक यादव आज भी फरार चल रहे हैं. पिछले सप्ताह पुलिस ने प्रभु खरवार एवं बबई खरवार के घर की कुर्की जब्ती की.

इसे भी पढ़ेंः अटल हत्याकांड: आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने समाहरणलय के समक्ष सैकड़ों लोगों ने किया प्रदर्शन

गोपालगंजः बिहार के गोपालगंज के चर्चित अटल पांडेय हत्याकांड मामले में एडीजे-10 मानवेंद्र मिश्र की कोर्ट ने शनिवार को तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. तीनों पर एक-एक लाख रूपए का अर्थ दंड भी लगाया गया है. सजा सुनाये जाने के बाद तीनों अभियुक्तों को चनावे मंडल कारा भेज दिया गया है. जिन अभियुक्तों को सजा सुनायी गयी है उनमें प्रेम खरवार, राजकुमार खरवार व अंगद विश्वकर्मा शामिल है.

"19 लोगों पर प्राथमिक की दर्ज की गई थी जिसमें तीन लोगों पर सेशन ट्रायल चल रहा था. जिसमें क्वांटम आफ पनिशमेंट में 302 और 307 अदर सेक्शन में दोषी पाते हुए सजा सुनाया गया है. इसको लेकर हम लोग अपील में जायेंगे."- ब्रजभूषण शर्मा, बचाव पक्ष के अधिवक्ता

अटल पांडेय (फाइल फोटो)
अटल पांडेय. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

क्या है मामलाः विजयीपुर थाना क्षेत्र के कोरेयां गांव में 2 दिसंबर 2021 को जमीन पर कब्जा करने के मामले में दो पक्षों में मारपीट हुई थी. इस दौरान संजय पांडेय, सिन्टू पांडेय, जगदंबा पांडेय, अटल पांडेय पर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया गया था. अटल पांडेय की इलाज के दौरान मौत हो गयी थी. अटल पांडेय के चाचा नागेंद्र पांडेय के बयान पर माले नेता जितेंद्र पासवान सहित 19 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.

गुरुवार को दोषी पाया गया थाः जांच के बाद पुलिस ने तीन अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट सौंपी. जिसके बाद करीब 49 महीने की सुनवाई के बाद गुरुवार को एडीजे-10 मानवेंद्र मिश्र की कोर्ट में सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. बचाव पक्ष की ओर अधिवक्ता ब्रजभूषण शर्मा एवं अजय मिश्र, जबकि अभियोजन की ओर से अनिल कुमार शर्मा, अजय कुमार मिश्र, विनोद कुमार पांडेय और विनय शंकर राय ने दलील पेश की. कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया. आज सजा सुनायी गयी.

गोपालगंज कोर्ट परिसर.
गोपालगंज कोर्ट परिसर. (ETV Bharat)

क्या कहा कोर्ट नेः कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए कहा कि अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह में फंसा कर आदर्श पांडेय उर्फ अटल पांडेय की हत्या कर दी गयी. अभिमन्यु की तरह अटल पांडेय भी अपने मां-बाप की इकलौता संतान था. जिस तरह अभिमन्यु को उसके चाचा भीम, नकुल, सहदेव नहीं बचा पाये स्वयं घायल हो गये उसी तरह इस मामले मे अटल पांडे के चाचा, भाई, संजय पांडे, जगदम्बा पांडे, सिंटू पांडे उसे नहीं बचा पाये. कोर्ट ने कहा कि हत्या व रेप जघन्य अपराध की श्रेणी में आते हैं.

दोनों सजाएं साथ चलेंगीः अभियोजन पक्ष के वकील अनिल शर्मा ने बताया कि विजयपुर के कोरेया गांव में अटल पांडे की हत्या हुई थी, जिस मामले में एडीजे दस मानवेंद्र मिश्रा के कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. जिसमें सजा की बिंदु पर सुनवाई के लिए आज रखा गया था. तीनों अभिक्तों को आईपीसी 302 के तहत आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपये और दंड के साथ आईपीसी की धारा 307 के तहत 10 साल की सजा और 50-50 हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया गया है. दोनों सजा साथ-साथ चलेगी.

हाइकोर्ट के आदेश पर स्पीडी ट्रायलः पटना हाइकोर्ट ने इस कांड में आपराधिक विविध वाद संख्या-18053/2024 में सुनवाई के बाद 26 अप्रैल को विचारण न्यायालय को छह माह के अंदर वाद निस्तारण का आदेश दिया था. 19 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. पांच को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जबकि नौ लोगों ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था. इस मामले में प्रभु खरवार, बबई खरवार, संजय यादव, अनिल यादव एवं अशोक यादव आज भी फरार चल रहे हैं. पिछले सप्ताह पुलिस ने प्रभु खरवार एवं बबई खरवार के घर की कुर्की जब्ती की.

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