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प्रदेश से बाहर की विधवा और तलाकशुदा अभ्यर्थियों को दें नियुक्ति-हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2022 में प्रदेश से बाहर की विधवा और तलाकशुदा अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं.

Third Grade Teacher Recruitment,  Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 24, 2024, 9:10 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2022 में प्रदेश से बाहर की विधवा और तलाकशुदा महिला अभ्यर्थियों को एक माह में समस्त परिलाभ सहित नियुक्ति देने को कहा है. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश सुनीता कुमारी व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामप्रताप सैनी और अधिवक्ता आमिर खान ने अदालत को बताया कि कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने 16 दिसंबर, 2022 को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगे. जिसमें याचिकाकर्ताओं ने विधवा कोटे और तलाकशुदा कोटे में आवेदन किया. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता प्रदेश से बाहर की विधवा और तलाकशुदा महिलाएं हैं. उनके अंक सामान्य विधवा और तलाकशुदा अभ्यर्थियों से अधिक आए हैं. इसके बावजूद भी उन्हें नियुक्ति नहीं दी जा रही है, जबकि उनसे कम अंक रखने वाली कई अन्य महिला अभ्यर्थियों को करीब तीन माह पूर्व नियुक्ति दी जा चुकी है.

पढ़ेंः व्याख्याता भर्ती के खाली पद नहीं भरने पर हाईकोर्ट ने अधिकारियों से मांगा जवाब

वहीं, राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश कर कहा कि अधिक अंक लाने वाली ऐसी महिलाएं भी नियुक्ति की हकदार हैं. इस पर अदालत ने कहा कि प्रदेश से बाहर की विधवा व तलाकशुदा महिला अभ्यर्थियों को एक माह में नियुक्ति दी जाए. गौरतलब है कि गत सुनवाई को याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया था कि नोटिस जारी होने के बाद करीब चार पेशियों में भी राज्य सरकार ने अपना जवाब पेश नहीं किया है. वहीं, महाधिवक्ता भी अदालत को आश्वासन दे चुके थे कि ऐसे मामलों में महिला अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने पर विचार किया जाएगा. इस पर अदालत ने गत सुनवाई पर राज्य सरकार से इस संबंध में अपनी मंशा नहीं बताने पर जिम्मेदार अधिकारी को पेश होने को कहा था.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2022 में प्रदेश से बाहर की विधवा और तलाकशुदा महिला अभ्यर्थियों को एक माह में समस्त परिलाभ सहित नियुक्ति देने को कहा है. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश सुनीता कुमारी व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामप्रताप सैनी और अधिवक्ता आमिर खान ने अदालत को बताया कि कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने 16 दिसंबर, 2022 को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगे. जिसमें याचिकाकर्ताओं ने विधवा कोटे और तलाकशुदा कोटे में आवेदन किया. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता प्रदेश से बाहर की विधवा और तलाकशुदा महिलाएं हैं. उनके अंक सामान्य विधवा और तलाकशुदा अभ्यर्थियों से अधिक आए हैं. इसके बावजूद भी उन्हें नियुक्ति नहीं दी जा रही है, जबकि उनसे कम अंक रखने वाली कई अन्य महिला अभ्यर्थियों को करीब तीन माह पूर्व नियुक्ति दी जा चुकी है.

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वहीं, राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश कर कहा कि अधिक अंक लाने वाली ऐसी महिलाएं भी नियुक्ति की हकदार हैं. इस पर अदालत ने कहा कि प्रदेश से बाहर की विधवा व तलाकशुदा महिला अभ्यर्थियों को एक माह में नियुक्ति दी जाए. गौरतलब है कि गत सुनवाई को याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया था कि नोटिस जारी होने के बाद करीब चार पेशियों में भी राज्य सरकार ने अपना जवाब पेश नहीं किया है. वहीं, महाधिवक्ता भी अदालत को आश्वासन दे चुके थे कि ऐसे मामलों में महिला अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने पर विचार किया जाएगा. इस पर अदालत ने गत सुनवाई पर राज्य सरकार से इस संबंध में अपनी मंशा नहीं बताने पर जिम्मेदार अधिकारी को पेश होने को कहा था.

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