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तृतीय श्रेणी लेवल-1 के सफल अभ्यर्थियों ने नियुक्ति आदेश जारी करने को लेकर उठाई आवाज - राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड

तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल- 1 भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों ने यथा स्थिति नियुक्ति की मांग को लेकर सोमवार को अपना विरोध दर्ज कराया. बेरोजगार एकीकृत महासंघ के बैनर तले अभ्यर्थियों ने जयपुर में शहीद स्मारक पर प्रदर्शन किया.

Third Grade Teacher Level 1
नियुक्ति आदेश जारी करने को लेकर प्रदर्शन
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 30, 2024, 8:04 AM IST

नियुक्ति आदेश जारी करने को लेकर प्रदर्शन

जयपुर. राज्य सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों में प्राइमरी एजुकेशन देने के लिए 21 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने करीब 19 हजार पदों पर सफल अभ्यर्थियों की सूची जारी की. इन सफल अभ्यर्थियों में से 16 हजार ने तो स्कूल जॉइन कर लिया, लेकिन करीब 3 हजार अभ्यर्थी आज भी जॉइनिंग लेटर का इंतजार कर रहे हैं. इसके अलावा कुछ प्रश्नों के उत्तर को लेकर मामला हाईकोर्ट में होने के चलते 2 हजार पदों पर रिजल्ट भी पेंडिंग चल रहा है. ऐसे में अभ्यर्थियों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कोर्ट में उचित पैरवी करने और 3 हजार अभ्यर्थियों के नियुक्ति आदेश जारी करने की मांग को लेकर सोमवार को शहीद स्मारक पर धरना दिया.

सरकार नहीं कर रही उचित पैरवी : तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल- 1 भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों ने यथा स्थिति नियुक्ति की मांग को लेकर सोमवार को अपना विरोध दर्ज कराया. बेरोजगार एकीकृत महासंघ के बैनर तले अभ्यर्थियों ने जयपुर में शहीद स्मारक पर प्रदर्शन किया. महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने बताया कि सरकार की ओर से कोर्ट में उचित पैरवी नहीं हो रही और जिन प्रश्नों को लेकर मामला कोर्ट में फंसा हुआ है उनके जवाब भी पेश नहीं किए जा रहे हैं. यही नहीं, ऐसे हजारों अभ्यर्थी हैं जिन्हें स्कूल तक अलॉट हो चुके हैं, लेकिन नियुक्ति आदेश नहीं होने के चलते स्कूल के अंदर एंटर नहीं कर पा रहे.

इसे भी पढ़ें- वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा-2022, विचारित सूचियों में सम्मिलित अभ्यर्थियों का काउंसलिंग कार्यक्रम जारी

नियुक्ति दो या फांसी दो : वहीं, अभ्यर्थियों ने बताया कि विधानसभा चुनाव के चलते प्रदेश में लगी आचार संहिता के कारण बेरोजगार जॉइन नहीं कर पाए और अब तक अटके हुए हैं. इसके अलावा राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से करीब दो हजार पदों पर रिजल्ट रुके हुए हैं. उन्होंने बताया कि कई ऐसे अभ्यर्थी भी हैं जो बोर्ड की ओर से जारी की गई आंसर की से सहमत नहीं थे, और कुछ प्रश्नों को लेकर उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इस संबंध में सचिवालय में अधिकारियों से लेकर शिक्षा मंत्री तक अपनी बात रख चुके हैं, लेकिन जॉइनिंग नहीं हो रही. आलम ये है कि आज अभ्यर्थियों को आर्थिक, सामाजिक और मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है. ऐसे में अभ्यर्थियों ने मांग की कि या तो नियुक्ति दो या फिर फांसी दो.

नियुक्ति आदेश जारी करने को लेकर प्रदर्शन

जयपुर. राज्य सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों में प्राइमरी एजुकेशन देने के लिए 21 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने करीब 19 हजार पदों पर सफल अभ्यर्थियों की सूची जारी की. इन सफल अभ्यर्थियों में से 16 हजार ने तो स्कूल जॉइन कर लिया, लेकिन करीब 3 हजार अभ्यर्थी आज भी जॉइनिंग लेटर का इंतजार कर रहे हैं. इसके अलावा कुछ प्रश्नों के उत्तर को लेकर मामला हाईकोर्ट में होने के चलते 2 हजार पदों पर रिजल्ट भी पेंडिंग चल रहा है. ऐसे में अभ्यर्थियों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कोर्ट में उचित पैरवी करने और 3 हजार अभ्यर्थियों के नियुक्ति आदेश जारी करने की मांग को लेकर सोमवार को शहीद स्मारक पर धरना दिया.

सरकार नहीं कर रही उचित पैरवी : तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल- 1 भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों ने यथा स्थिति नियुक्ति की मांग को लेकर सोमवार को अपना विरोध दर्ज कराया. बेरोजगार एकीकृत महासंघ के बैनर तले अभ्यर्थियों ने जयपुर में शहीद स्मारक पर प्रदर्शन किया. महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने बताया कि सरकार की ओर से कोर्ट में उचित पैरवी नहीं हो रही और जिन प्रश्नों को लेकर मामला कोर्ट में फंसा हुआ है उनके जवाब भी पेश नहीं किए जा रहे हैं. यही नहीं, ऐसे हजारों अभ्यर्थी हैं जिन्हें स्कूल तक अलॉट हो चुके हैं, लेकिन नियुक्ति आदेश नहीं होने के चलते स्कूल के अंदर एंटर नहीं कर पा रहे.

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नियुक्ति दो या फांसी दो : वहीं, अभ्यर्थियों ने बताया कि विधानसभा चुनाव के चलते प्रदेश में लगी आचार संहिता के कारण बेरोजगार जॉइन नहीं कर पाए और अब तक अटके हुए हैं. इसके अलावा राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से करीब दो हजार पदों पर रिजल्ट रुके हुए हैं. उन्होंने बताया कि कई ऐसे अभ्यर्थी भी हैं जो बोर्ड की ओर से जारी की गई आंसर की से सहमत नहीं थे, और कुछ प्रश्नों को लेकर उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इस संबंध में सचिवालय में अधिकारियों से लेकर शिक्षा मंत्री तक अपनी बात रख चुके हैं, लेकिन जॉइनिंग नहीं हो रही. आलम ये है कि आज अभ्यर्थियों को आर्थिक, सामाजिक और मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है. ऐसे में अभ्यर्थियों ने मांग की कि या तो नियुक्ति दो या फिर फांसी दो.

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