जयपुर. विधानसभा में सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की गई. इस दौरान राम के नाम पर सदन में हंगामा हुआ. बूंदी से कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा और संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल के बीच तीखी नोंक-झोंक भी हुई.
सदन में कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि "आज राम मंदिर और राम राज्य की बात हो रही है. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का हम स्वागत करते हैं, लेकिन आपने राम का ट्रेडमार्क अपने नाम करवा लिया है. आप यह मानते हैं कि जब तक पीएम मोदी के भक्त नहीं होंगे, तब तक हम राम के भक्त नहीं होंगे. इस तरह से तो राम का उपयोग मत करो. आजादी की लड़ाई लड़ने वाले महात्मा गांधी और अन्य लोगों ने राम राज्य की अवधारणा रखी थी. संविधान पीठ में गांधी के दर्शन के आधार पर राम राज्य की बात कही गई है. चैप्टर 3 में गांधी दर्शन और राम राज्य के आधार पर समानता के अधिकार की बात कही गई है. संविधान के चैप्टर 3 में भगवान राम के साथ सीता और लक्ष्मण का चित्र उसी समय लगाया गया है." उन्होंने कहा कि "राम राज्य की कल्पना आप नहीं कर रहे हो, आपका तो योगदान ही नहीं था आजादी की लड़ाई में."
हरिमोहन शर्मा ने भाजपा नेता शाहनवाज खान के एक बयान का हवाला दिया तो सत्ता पक्ष के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया. इस पर सभापति वासुदेव देवनानी को दखल देना पड़ा. हरिमोहन शर्मा ने राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव के बयान का जिक्र किया तो संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल उठकर बीच में बोलने लगे. उन्होंने कहा कि "यह कौनसा विषय है, कौनसा अभिभाषण है." उन्होंने इसे सदन की कार्यवाही से हटाने की भी मांग की. इसके बाद दोनों पक्षों के सदस्य खड़े होकर बोलने लगे. भीम से सत्ता पक्ष के सदस्य हरिसिंह रावत की एक टिप्पणी पर भी दोनों पक्षों ने हंगामा किया.
लाल डायरी पर पीएम से झूठ बुलवाया : बायतू विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि, "चुनाव प्रचार में पीएम नरेंद्र मोदी ने हर सभा में दो मुद्दे उठाए. पहला पेपर लीक और लाल डायरी. पेपर लीक के संदर्भ में पिछली सरकार ने एसआईटी बनाई हुई थी. इस सरकार ने भी सिर्फ एसआईटी ही बनाई. दो महीने हो गए. अब आपकी जिम्मेदारी सिर्फ आरोप लगाने की नहीं है. राजस्थान और केंद्र में सरकार है. कार्रवाई करने का अधिकार आपको है. सिर्फ बातें करने के लिए नहीं." उन्होंने आरोप लगाया कि एक षड्यंत्र के तहत लाल डायरी नाम दिया गया और प्रधानमंत्री के मुंह से लगातार झूठ बुलवाया गया.
जसवंत यादव और डोटासरा ने आपस में ली चुटकी : बहरोड़ विधायक जसवंत सिंह यादव ने कहा, "अभी सरकार बने डेढ़ महीना ही हुआ है. विपक्ष के जो हालात देख रहा हूं, शायद यह बात आपके पच नहीं रही है. आप पांच साल कैसे निकालेंगे. आपका पांच साल में क्या होगा." इस पर विपक्ष के सदस्य गोविंद डोटासरा ने चुटकी लेते हुए कहा कि "हमें भी दुख है कि आपको मंत्री नहीं बनाया गया. ऐसे वरिष्ठ और इतने अनुभवी व्यक्ति को मंत्री नहीं बनाया गया." जसवंत सिंह यादव ने कहा कि "जरा-जरा सी बात पर विपक्ष वैल में आ जाता है. आप ईआरसीपी पर हंगामा मचा रहे थे. सीएम डेढ़ महीने में समझौता करवा लाए, अब बजाओ ताली."
राम मंदिर के निर्माण में कांग्रेस का भी योगदान : राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक हनुमान बेनीवाल ने कहा, "मुख्यमंत्री जब अचानक रात को निरीक्षण करने थाने पहुंचे तो जयपुर में होने के बाद भी प्रदेश के गृह सचिव, मुख्य सचिव और डीजीपी वहां नहीं पहुंचे. यह दर्शाता है कि वे गंभीर नहीं हैं. साल 2000 के बाद से राजस्थान में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का भी राम मंदिर के निर्माण में योगदान रहा है. सत्ताधारी पार्टी ने चुनाव से पहले आरपीएससी को भंग करने और सीबीआई जांच की की मांग की थी, इसे पूरा करवाया जाना चाहिए. ईडी किसी के यहां जाती है तो सबूत के साथ गिरफ्तारी भी होनी चाहिए."
आक्या ने पेट्रोल-डीजल पर वेट का मुद्दा उठाया : चित्तौड़गढ़ से निर्दलीय विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने कहा कि, "सबसे बड़ा मुद्दा डीजल-पेट्रोल पर वेट कम करने का है. राजस्थान में महंगाई आसमान छू रही है. भाजपा ने वादा किया था कि सरकार बनने पर हम वेट भी कम करेंगे और दूसरे राज्यों के बराबर राजस्थान में डीजल-पेट्रोल की कीमतें रहेंगी. महंगाई तभी घटेगी जब हम डीजल-पेट्रोल पर वेट कम करेंगे." उन्होंने सभी को 450 रुपए में घरेलू गैस सिलेंडर दिलवाने की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अवैध खनन के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का बड़े माफिया पर असर नहीं हो रहा है. गरीब और किसान को इसका नुकसान हो रहा है.