जयपुर : प्रदेश का एक विभाग ऐसा भी है, जहां बीते 15 सालों से हजारों कर्मचारी ट्रांसफर की बाट जोह रहे हैं. सरकारें बदलती रहीं, लेकिन इन कर्मचारियों का इंतजार खत्म नहीं हुआ. हम बात कर रहे हैं शिक्षा विभाग की, जहां करीब 2 लाख 35 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षक कार्यरत हैं. इनमें से 85 हजार से ज्यादा शिक्षक ट्रांसफर को लेकर अर्जी लगा चुके हैं, लेकिन इनकी सुनवाई नहीं हो रही है. इसे लेकर शिक्षा मंत्री ने कांग्रेस को झूठ की फैक्ट्री बताते हुए कहा कि अब भाजपा के कार्यकाल में एक अच्छी ट्रांसफर पॉलिसी बनाकर धरातल पर उतारी जाएगी.
राज्य सरकार जनवरी 2025 में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए पात्रता परीक्षा रीट का आयोजन कराने जा रही है, लेकिन महकमे में सालों से काम कर रहे हजारों तृतीय श्रेणी शिक्षकों की सालों से सुनवाई नहीं हो रही है. राजस्थान प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद तृतीय श्रेणी शिक्षकों को उम्मीद थी कि उनके स्थानांतरण सरकार करेगी. बावजूद इसके सरकार ने अब तक इसे लेकर कोई कदम नहीं उठाया है. हर सरकार आती है, ट्रांसफर पॉलिसी की बात करती है, लेकिन तृतीय श्रेणी शिक्षक सालों से खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं.
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पिछली सरकार ने भी आवेदन लिए थे. करीब 85 हजार शिक्षकों ने आवेदन किया, लेकिन उनका स्थानांतरण सरकार नहीं कर पाई. अब भाजपा सरकार से उम्मीद है कि वो स्थानांतरण पॉलिसी लेकर आएंगे और ट्रांसफर करेंगे. उन्होंने बताया कि हाल ही में प्रशासनिक अधिकारियों ने शिक्षक संगठनों से इस संबंध में चर्चा भी की. शिक्षा विभाग में करीब डेढ़ लाख पद रिक्त पड़े हैं. पदोन्नतियां नहीं हुई है. यदि सरकार खाली पदों पर भर्ती करने से पहले तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण कर दे तो उचित स्थान पर रिक्त पदों का आकलन लगाया जा सकेगा.
वहीं, राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत के प्रदेश महामंत्री डॉ. रनजीत मीणा ने कहा कि लंबे समय से तृतीय श्रेणी अध्यापक अपने ट्रांसफर की बाट जोह रहे हैं. इस सरकार को भी लगभग 1 वर्ष पूरा होने को है. लेकिन सरकार अब तक ट्रांसफर करने की मूड में दिख नहीं रही. हर वर्ग के ट्रांसफर किए जाते हैं, लेकिन तृतीय श्रेणी शिक्षकों के ट्रांसफर नहीं किए जाते हैं. कई शिक्षकों को अपने घर से कोसों दूर रहते हुए 20 से 25 साल हो चुके हैं. लेकिन सरकार उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रही है. इसलिए एक बार फिर शिक्षक एकजुट हो रहे हैं और 5 नवंबर को शहीद स्मारक की ओर कूच करेंगे.
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उधर, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि सभी को पता है कि लगभग 15 साल से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के ट्रांसफर नहीं हुए. इसका कारण ये है कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों का जिले के बाहर ट्रांसफर नहीं होता. इसी तरह सेकंड ग्रेड के ट्रांसफर संभाग के बाहर नहीं होते और फर्स्ट ग्रेड के ट्रांसफर राजस्थान के किसी भी कोने में हो सकते हैं. लेकिन फिर भी जिस तरह का शिक्षकों का दर्द है, उससे मुख्यमंत्री भी परिचित हैं. जैसे ही वो निर्देश देंगे ट्रांसफर खोल दिए जाएंगे.
मुख्यमंत्री भी चाहते हैं कि शिक्षकों के ट्रांसफर हों. इस संबंध में जल्द मंत्रिमंडल में चर्चा की जाए. वहीं पूर्ववर्ती सरकार की ओर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर आवेदन लिए जाने पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस एक झूठ की फैक्ट्री है. गोविंद सिंह डोटासरा से बड़ा झूठा व्यक्ति दुनिया में नहीं देखा. झूठ, फरेब, धोखाधड़ी ये कांग्रेस के खून में है. उन्होंने सिर्फ लोगों को बेवकूफ बनाने का काम किया है. यदि आवेदन मांगे थे तो ट्रांसफर करने चाहिए थे, क्यों नहीं किए. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि निश्चित रूप से इस कार्यकाल में एक अच्छी ट्रांसफर पॉलिसी बनाकर धरातल पर उतारी जाएगी. फिलहाल इस संबंध में एक्सपर्ट से चर्चा की जा रही है.