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उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में जल्द आरपार होगी ड्रिफ्ट टनल, 52 मीटर की खुदाई पूरी, 8 मीटर शेष - Silkyara Tunnel Excavation

Uttarkashi Silkyara Drift Tunnel Excavation उत्तराखंड में उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में 12 नवंबर 2023 को हुआ हादसा पूरे देश दुनिया को याद होगा. 17 दिन तक 41 श्रमिक जिंदगी के लिए मौत से लड़ते हुए जीतकर अंधेरी सुरंग से बाहर आए थे. तब से सिलक्यारा टनल के अंदर आए मलबे को हटाने का काम जारी है. अत्याधुनिक तकनीक से सुरंग के अंदर ड्रिफ्ट टनलों का निर्माण हो रहा है. बताया जा रहा है कि एक ड्रिफ्ट टनल को सुरंग के आरपार करने के लिए सिर्फ 8 मीटर की खुदाई करनी शेष है. इस 8 मीटर की ड्रिलिंग में कितना समय लगेगा, जानिए इस खबर में.

Uttarkashi Silkyara Drift Tunnel Excavation
सिलक्यारा टनल समाचार (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 20, 2024, 10:28 AM IST

उत्तरकाशी: सब कुछ ठीक रहा तो सिलक्यारा सुरंग निर्माण में बाधा बने भूस्खलन के मलबे के आरपार जल्द आवाजाही शुरू हो जाएगी. इसके लिए सुरंग के अंदर मलबे में बनाई जा रही दो ड्रिफ्ट टनल में से एक की खुदाई 52 मीटर तक पूरी कर ली गई है. अब केवल 8 मीटर खुदाई शेष है, जिसे पूरा होने में एक से दो माह का समय लग सकता है.

जल्द आरपार होगी सिलक्यारा सुरंग: गौरतलब है कि बीते साल 12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर चारधाम सड़क परियोजना में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन हुआ था. इसके चलते सुरंग के अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे. 17 दिन तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी को सकुशल निकाला गया था. तभी से सुरंग के सिलक्यारा छोर से भूस्खलन का मलबा सुरंग निर्माण में बाधा बना हुआ है.

विशेषज्ञों की निगरानी में हो रहा ड्रिफ्ट टनलों का निर्माण: कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड) सुरंग के अंदर आए मलबे को हटाने के लिए विशेषज्ञों की निगरानी में ड्रिफ्ट टनलों का निर्माण कर रही है. इसके तहत सुरंग के अंदर तीन छोटी सुरंग बनाई जानी हैं. इनमें से वर्तमान में दो की खुदाई की जा रही है. इन दो में से एक की खुदाई का काम लगभग 52 मीटर तक पूरा कर लिया गया है. अब केवल 8 मीटर खुदाई शेष है. यह पूरी होने के बाद मलबे के आरपार आवाजाही संभव हो जाएगी. वहीं, सिलक्यारा छोर से भी सुरंग की खुदाई के साथ निर्माण में बाधा बने मलबे को हटाने के लिए मलबे के दूसरे छोर से भी कार्य किया जा सकेगा.

दो महीने में आरपार होगी टनल: निर्माण कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश पंवार ने बताया कि मलबे को ठोस में बदलने के बाद बेहद सावधानी के साथ ड्रिफ्ट टनल की खुदाई का काम किया जा रहा है. पंवार ने बताया कि सब कुछ ठीक रहा तो एक से दो माह में मलबे के आरपार आवाजाही संभव हो जाएगी. मलबे को काट-काट कर हटाने में मदद मिलेगी.

कार्यदायी संस्था और निर्माण कंपनी के अधिकारी उत्साहित: हादसे के बाद सुरंग का निर्माण लंबे समय तक प्रभावित रहा. अब धीरे-धीरे सुरंग निर्माण कार्य में तेजी देखने को मिल रही है. सुरंग के बड़कोट छोर से भी खुदाई का काम जारी है. वहीं, सिलक्यारा छोर से भी ड्रिफ्ट टनल निर्माण में उम्मीद के अनुसार कार्य होने से निर्माण कंपनी के साथ ही कार्यदायी संस्था के अधिकारी भी उत्साहित हैं.
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उत्तरकाशी: सब कुछ ठीक रहा तो सिलक्यारा सुरंग निर्माण में बाधा बने भूस्खलन के मलबे के आरपार जल्द आवाजाही शुरू हो जाएगी. इसके लिए सुरंग के अंदर मलबे में बनाई जा रही दो ड्रिफ्ट टनल में से एक की खुदाई 52 मीटर तक पूरी कर ली गई है. अब केवल 8 मीटर खुदाई शेष है, जिसे पूरा होने में एक से दो माह का समय लग सकता है.

जल्द आरपार होगी सिलक्यारा सुरंग: गौरतलब है कि बीते साल 12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर चारधाम सड़क परियोजना में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन हुआ था. इसके चलते सुरंग के अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे. 17 दिन तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी को सकुशल निकाला गया था. तभी से सुरंग के सिलक्यारा छोर से भूस्खलन का मलबा सुरंग निर्माण में बाधा बना हुआ है.

विशेषज्ञों की निगरानी में हो रहा ड्रिफ्ट टनलों का निर्माण: कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड) सुरंग के अंदर आए मलबे को हटाने के लिए विशेषज्ञों की निगरानी में ड्रिफ्ट टनलों का निर्माण कर रही है. इसके तहत सुरंग के अंदर तीन छोटी सुरंग बनाई जानी हैं. इनमें से वर्तमान में दो की खुदाई की जा रही है. इन दो में से एक की खुदाई का काम लगभग 52 मीटर तक पूरा कर लिया गया है. अब केवल 8 मीटर खुदाई शेष है. यह पूरी होने के बाद मलबे के आरपार आवाजाही संभव हो जाएगी. वहीं, सिलक्यारा छोर से भी सुरंग की खुदाई के साथ निर्माण में बाधा बने मलबे को हटाने के लिए मलबे के दूसरे छोर से भी कार्य किया जा सकेगा.

दो महीने में आरपार होगी टनल: निर्माण कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश पंवार ने बताया कि मलबे को ठोस में बदलने के बाद बेहद सावधानी के साथ ड्रिफ्ट टनल की खुदाई का काम किया जा रहा है. पंवार ने बताया कि सब कुछ ठीक रहा तो एक से दो माह में मलबे के आरपार आवाजाही संभव हो जाएगी. मलबे को काट-काट कर हटाने में मदद मिलेगी.

कार्यदायी संस्था और निर्माण कंपनी के अधिकारी उत्साहित: हादसे के बाद सुरंग का निर्माण लंबे समय तक प्रभावित रहा. अब धीरे-धीरे सुरंग निर्माण कार्य में तेजी देखने को मिल रही है. सुरंग के बड़कोट छोर से भी खुदाई का काम जारी है. वहीं, सिलक्यारा छोर से भी ड्रिफ्ट टनल निर्माण में उम्मीद के अनुसार कार्य होने से निर्माण कंपनी के साथ ही कार्यदायी संस्था के अधिकारी भी उत्साहित हैं.
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