देवघर: जलेबी भारत की प्रसिद्ध मिठाइयों में से एक है. जलेबी को राष्ट्रीय मिठाई का भी दर्जा दिया गया है. यह खास मिठाई झारखंड, बिहार के साथ-साथ पूरे उत्तर भारत में प्रसिद्ध है. खासकर मेला और बाजारों में यह मिठाई अधिक मिलती है और लोग बड़े ही चाव से इस मिठाई को खाना पसंद करते हैं. आम तौर पर जलेबी मैदा और अन्य तरह के खाद्य पदार्थ से तैयार की जाती है, लेकिन सावन के महीने में देवघर में खास तरह की जलेबी तैयार की जाती है. देवघर की अनोखी जलेबी को व्रती फलाहार के रूप में प्रयोग करते हैं, क्योंकि इसे मैदे से तैयार नहीं की जाती है. देवघर श्रावणी मेला और खास मौकों पर यह जलेबी बनाई जाती है.
आलू और सिंघाड़े के आटे से तैयार की जाती है जलेबी
देवघर की अनोखी जलेबी स्वादिष्ट व्यंजनों में शुमार है. दरअसल, यह खास तरह की जलेबी सिर्फ देवघर में ही मिलती है. इस जलेबी की खासियत यह है कि इसमें मैदा का इस्तेमाल नहीं होता है. यह पूरी तरह से आलू, पानी फल का आटा (सिंघाड़ा) और अरारोट के मिश्रण से बनाया जाता है. इस कारण उपवास और व्रत करने वाले लोग भी इस मिठाई को खाना पसंद करते हैं.
फलाहार के रूप में भी कर सकते हैं इस खास जलेबी का प्रयोग
देवघर के स्थानीय दुकानदार सावन के महीने में यह खास तरह की जलेबी बनवाते हैं. जिसे श्रद्धालु फलाहार के रूप में उपयोग कर सकते हैं. खासकर सोमवारी के दिन इस जलेबी की काफी बिक्री होती है. धीरे-धीरे यह खास जलेबी देवघर की पहचान बनती जा रही है. सावन में देवघर आने वाले श्रद्धालु इस खास तरह की जलेबी को जरूर खाना पसंद करते हैं.
सावन में देवघर में तैयार की जाती है खास तरह की जलेबी
इस संबंध में बाबा मंदिर स्थित एक होटल संचालक प्रमोद सुमन बताते हैं कि यह जलेबी विशेषकर श्रद्धालुओं के लिए ही बनवाई जाती है. लेकिन इसकी बेहतरीन स्वाद की वजह से आम लोग भी इस जलेबी को खरीदने से खुद को नहीं रोक पाते. उन्होंने बताया कि इस जलेबी की खासियत यह है कि श्रद्धालु व्रत में भी इस जलेबी का सेवन कर सकते हैं. इस जलेबी के बनाने की प्रक्रिया में अनाज का उपयोग नहीं किया जाता है. इसलिए यह जलेबी भक्तों के बीच वितरण भी किया जाता है.
कांवरिया पथ पर खूब हो रही है जलेबी की ब्रिक्री
बता दें कि शिवरात्रि और श्रावणी मेले के दौरान इस जलेबी की मांग पूरे देवघर में बढ़ जाती है. कांवरिया पथ के विभिन्न क्षेत्र में इस खास तरह की जलेबी की बिक्री की जाती है. बाबा धाम आने वाले श्रद्धालु इस जलेबी को बहुत ही चाव से खरीद कर खाते हैं. इस संबंध में जलेबी खरीदने पहुंचे ग्राहकों ने भी बताया कि आलू और सिंघाड़े की आटे की जलेबी का स्वाद आम जलेबी से काफी अलग होता है. यह खाने में काफी स्वादिष्ट होती है. साथ ही इसकी कीमत भी बहुत ज्यादा नहीं होती है. उपवास पर रहने वाले लोग भी इस जलेबी को खा सकते हैं.
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