जयपुर. पूर्वांचल के राज्यों में फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट बनवाकर बड़े पैमाने पर वाहनों की खरीद-फरोख्त का खेल चल रहा है. जांच में इस संबंध में एटीएस की जांच में बड़ी गड़बड़ियां सामने आने के बाद राजस्थान एसओजी ने अंतरराज्यीय गिरोह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इस गिरोह द्वारा फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के आधार पर राजस्थान में भी वाहन बेचने की जानकारी सामने आई है. अब राजस्थान एसओजी इस गिरोह से जुड़े बदमाशों पर एक्शन लेकर बड़ा खुलासा कर सकती है.
एसओजी-एटीएस के एडीजी वीके सिंह के अनुसार, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर के परिवहन कार्यालय में वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट तैयार होने और इन वाहनों को राजस्थान सहित देश के अन्य राज्यों में बेचे जाने की जानकारी मिली थी. एटीएस ने जब इस मामले की जांच की तो सामने आया की फर्जी आरसी के जरिए इन ऐसे वाहनों को राजस्थान के नंबरों पर ट्रांसफर करवाया गया. जांच में 23 वाहनों का रजिस्ट्रेशन फर्जी होने की जानकारी सामने आई है. अब एसओजी ने फर्जी रजिस्ट्रेशन करवाकर वाहनों की खरीद-फरोख्त करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. जिसमें अनुसंधान किया जा रहा है. जल्द उस मामले में खुलासा किया जाएगा.
इंजन और चेचिस नंबर भी बदले, कंपनी में नहीं रिकॉर्ड : एटीएस की प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया है कि गिरोह से जुड़े शातिर बदमाश चोरी या फाईनेंसशुदा वाहनों के इंजन नंबर और चेचिस नंबर बदलकर नगालैंड, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के परिवहन कार्यालयों में फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर बनवा रहे हैं. इसके बाद उन वाहनों को फर्जी आरसी के जरिए दूसरे राज्यों में ट्रांसफर किया जाता है. ऐसे में जब जांच की गई तो इन वाहनों का वाहन निर्माता कंपनी के पास भी कोई रिकॉर्ड नहीं मिला.
टेरर फंडिंग की आशंका, सामने आएगा सच : राजस्थान एटीएस ने वाहनों का फर्जी रजिस्ट्रेशन करवाने और उन्हें दूसरे राज्यों में ट्रांसफर करवाने के मामले में जांच के बाद टेरर फंडिंग की आशंका जताई है. इन वाहनों का उपयोग राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में उपयोग की भी आशंका है. इस खेल में अलग-अलग राज्यों के शातिर बदमाश शामिल हैं. एटीएस की इस रिपोर्ट के बाद राजस्थान एसओजी ने अंतरराज्यीय गिरोह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. एसओजी के अनुसंधान में इस पूरे खेल का सच जल्द सामने आने की संभावना है.