रुद्रप्रयाग: केदारपुरी के रक्षक भुकुंट भैरवनाथ के कपाट विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं. इस अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भुकुंट भैरवनाथ का आशीर्वाद लिया. केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने से पूर्व भैरवनाथ के कपाट मंगलवार या शनिवार को बंद करने की परंपरा है, जिसका पालन सदियों से किया जा रहा है.
भुकुंट भैरवनाथ मंदिर के कपाट बंद: बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि भैयादूज पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. बाबा केदारनाथ के कपाट बंद होने से पूर्व केदारपुरी के रक्षक भुकुंट भैरवनाथ के कपाट बंद करने की परंपरा है. उन्होंने कहा कि केदारनाथ मंदिर से पुजारी और बीकेटीसी के अधिकारी भगवान शंकर की शिवलिंग लेकर भुकुंट भैरवनाथ मंदिर पहुंचे और जलाभिषेक कर उनकी पूजा अर्चना की. इसके बाद प्रसाद लगाकर दोपहर डेढ़ बजे भगवान केदारनाथ के द्वारपाल रक्षक भुकुंट भैरवनाथ के कपाट बंद कर दिए गए.
केदारनाथ धाम में उमड़ रही भक्तों की भीड़: जैसे-जैसे बाबा केदारनाथ के कपाट बंद होने की तिथि नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे बाबा केदार के दरबार में भक्तों का हुजूम उमड़ रहा है. इन दिनों 19 से 20 हजार के करीब तीर्थयात्री बाबा के दरबार में पहुंचकर मत्था टेक रहे हैं. ऐसे में व्यापारियों के चेहरों पर भी मुस्कान देखने को मिल रही है. अब तक यात्रा का आंकड़ा साढ़े 15 लाख के पार हो चुका है.
भैयादूज को बंद होंगे बाबा केदार के कपाट: केदारनाथ मंदिर के वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल ने बताया कि केदारनाथ कपाट बंद होने में कम दिन रह गए हैं. ऐसे में बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा केदार का आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं. उन्होंने बताया कि भैयादूज (तीन नवंबर) को बाबा केदारनाथ के कपाट बंद हो रहे हैं. एक नवंबर को बाबा केदारनाथ धाम में लक्ष्मी पूजन के साथ दीपावली का पर्व भी धूमधाम से मनाया जाएगा.
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