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किशोरावस्था में किया था नाबालिग से दुष्कर्म, बालिग होते ही न्यायालय ने माना दोषी, दो आरोपियों को 20 साल की सजा - Punishment for raping a minor - PUNISHMENT FOR RAPING A MINOR

नाबालिग बालिका से 7 साल पहले हुए दुष्कर्म के मामले में न्यायालय ने दो आरोपियों को दोषी माना है. कोर्ट ने दोनों को 20 साल का कठोर कारावास और अलग-अलग धाराओं में 1.10 लाख का जुर्माना लगाया है.

नाबालिग बालिका से दुष्कर्म
कोर्ट ने दो आरोपियों को 20 साल की सजा सुनाई (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 29, 2024, 9:12 PM IST

बारां : जिले के कवाई थाना इलाके में नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के मामले में न्यायालय ने दो आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोनों को 20 साल के कारावास से दंडित किया है. इसके साथ ही अलग-अलग धाराओं में 1.10 लाख का जुर्माना भी प्रत्येक आरोपी पर लगाया गया है. दोनों में से एक आरोपी घटना के समय नाबालिग था और किशोरावस्था में उसने यह अपराध किया था. उसके वयस्क होते ही न्यायालय ने आरोपी के बराबर ही उसे सजा दी है.

विशिष्ट लोक अभियोजक हरिनारायण सिंह ने बताया कि एक व्यक्ति ने 29 नवंबर 2017 को कवाई थाने में उपस्थित होकर मुकदमा दर्ज कराया था. उसने बताया कि वह खेत पर काम के लिए गया था. उसकी पत्नी ने फोन पर जानकारी दी की बेटी घर पर नहीं है. उसने यह भी बताया कि कुछ दिन पहले उसकी बेटी एक नाबालिग किशोर से बात कर रही थी. शिकायत में उसने बताया कि उसे शक है कि वह नाबालिग बेटी को बहला फुसला कर लेकर गया है.

इसे भी पढ़ें- नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा - Ajmer POCSO Court

पुलिस ने संबंध में मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी. मामले में नाबालिग व अन्य आरोपी महेंद्र के शामिल होने का मामला सामने आया. दोनों ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म भी किया था. इस मामले में 29 जनवरी 2018 को पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ किशोर न्यायालय में चालान पेश किया था, जिसे बाद में व्यस्क के रूप विचारण की आवश्यकता होने से पत्रावली पॉक्सो कोर्ट में अंतरित कर दी गई, आरोपी महेंद्र के खिलाफ पहले ही पॉक्सो कोर्ट में चालान पेश किया गया. कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए दो आरोपियों को बीस साल की सजा सुनाई है.

बारां : जिले के कवाई थाना इलाके में नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के मामले में न्यायालय ने दो आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोनों को 20 साल के कारावास से दंडित किया है. इसके साथ ही अलग-अलग धाराओं में 1.10 लाख का जुर्माना भी प्रत्येक आरोपी पर लगाया गया है. दोनों में से एक आरोपी घटना के समय नाबालिग था और किशोरावस्था में उसने यह अपराध किया था. उसके वयस्क होते ही न्यायालय ने आरोपी के बराबर ही उसे सजा दी है.

विशिष्ट लोक अभियोजक हरिनारायण सिंह ने बताया कि एक व्यक्ति ने 29 नवंबर 2017 को कवाई थाने में उपस्थित होकर मुकदमा दर्ज कराया था. उसने बताया कि वह खेत पर काम के लिए गया था. उसकी पत्नी ने फोन पर जानकारी दी की बेटी घर पर नहीं है. उसने यह भी बताया कि कुछ दिन पहले उसकी बेटी एक नाबालिग किशोर से बात कर रही थी. शिकायत में उसने बताया कि उसे शक है कि वह नाबालिग बेटी को बहला फुसला कर लेकर गया है.

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पुलिस ने संबंध में मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी. मामले में नाबालिग व अन्य आरोपी महेंद्र के शामिल होने का मामला सामने आया. दोनों ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म भी किया था. इस मामले में 29 जनवरी 2018 को पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ किशोर न्यायालय में चालान पेश किया था, जिसे बाद में व्यस्क के रूप विचारण की आवश्यकता होने से पत्रावली पॉक्सो कोर्ट में अंतरित कर दी गई, आरोपी महेंद्र के खिलाफ पहले ही पॉक्सो कोर्ट में चालान पेश किया गया. कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए दो आरोपियों को बीस साल की सजा सुनाई है.

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