ETV Bharat / state

चंपई सरकार की वो 10 चुनौतियां जो कर सकती हैं परेशान, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Champai Soren challenges. चंपई सोरेन एक कठिन समय में मुख्यमंत्री बने हैं. उनके सामने कई चुनौतियां हैं, लेकिन 10 ऐसे मसले हैं जो उन्हें परेशान कर सकते हैं.

Champai Soren challenges
Champai Soren challenges
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 9, 2024, 10:04 PM IST

चंपई सरकार की वो 10 चुनौतियां जो कर सकती हैं परेशान

रांची: लंबा राजनीतिक अनुभव और सत्ता के करीब हमेशा रहने वाले मुख्यमंत्री चंपई सोरेन लगातार पूर्ववर्ती हेमंत सरकार की सराहना करते हुए अपनी सरकार को हेमंत पार्ट-2 बता रहे हैं. हेमंत पार्ट-2 बताने के पीछे मुख्यमंत्री की मंशा साफ है. एक तरफ पूर्ववर्ती सरकार में लाई गई योजना को गति देकर जनता के बीच इसे पहुंचाना और दूसरी तरफ सत्ता में शामिल दलों के बीच समन्वय बनाकर शेष बचे समय में शासन प्रशासन चलाना. मगर वर्तमान सरकार के समक्ष कई ऐसी चुनौतियां हैं जिससे मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को जूझना पड़ेगा.

चंपई सोरेन को एक्सीडेंटल मुख्यमंत्री बताते हुए जाने माने पत्रकार बैजनाथ मिश्रा कहते हैं कि कांटों भरा ताज लेकर चलना मुश्किल भरा काम है. पंचम विधानसभा का कार्यकाल महज 11 महीने शेष हैं. इसमें लोकसभा चुनाव, मानसून और फेस्टिवल की वजह से कामकाज प्रभावित होना स्वभाविक है. ऐसे में इस सरकार के पास समय कहां है. लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद आचार संहिता की वजह से विकास कार्य रुकेंगे, राज्य नीतिगत निर्णय नहीं ले सकेगा फिर मानसून और फेस्टिवल का समय आ जायेगा. इन सबके बाद विधानसभा चुनाव की घोषणा नवंबर में हो जायेगा. ऐसे में सरकार के पास काम करने के लिए अंगुली पर गिनती के करीब ढाई महीने हैं.

चंपाई सरकार की 10 चुनौतियां जो डालेगा परेशानी

  1. शासन-प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार
  2. कानून व्यवस्था और नक्सल गतिविधि
  3. सरकार के सहयोगी दल में समन्वय
  4. हेमंत सरकार की कई घोषणा जो नहीं उतर पाई जमीन पर
  5. 1932 आधारित स्थानीय नीति
  6. सरकारी नियुक्ति प्रक्रिया की लचर स्थिति
  7. भ्रष्टाचार से जुड़े केन्द्रीय एजेंसी की कार्रवाई
  8. नगर निकाय चुनाव और ट्रिपल टेस्ट
  9. आय-व्यय में सामंजस्य स्थापित करना
  10. नियोजन नीति

चंपाई सरकार पर सबकी नजर

शांत और धैर्यपूर्वक सबकी बातों को सुनकर निर्णय लेने वाले मुख्यमंत्री चंपई सोरेन पर ना केवल जनजाति समाज की नजर है बल्कि झारखंड में रहने वाले सभी लोगों की उम्मीदें टिकी हैं. जनजाति समाज के जगलाल पाहन कहते हैं कि नई सरकार को जनजाति समाज के लोग एक आशा की नजर से देख रहे हैं कि जल, जंगल की समस्या जो लंबे समय से चल रहा है उसका समाधान करने में यह सरकार सफल होगी, मगर वर्तमान जो हालात हैं वैसे में चंपई सोरेन के लिए चुनौती भरा समय जरूर रहेगा.

बहरहाल इन सारी चुनौतियों के बीच मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के सामने फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती मंत्रिमंडल विस्तार और विभागों का बंटवारा है जिसको लेकर लगातार सहयोगी दलों के साथ मंथन की जा रही है.

ये भी पढ़ें-

अबुआ आवास योजना के तहत प्रमंडल स्तरीय स्वीकृति पत्र वितरण समारोह में शामिल हुए सीएम चंपई, कहा- हेमंत सोरेन के सपने को करेंगे साकार

चंपई सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी, झामुमो या कांग्रेस कहां फंसा है पेंच, विधायक लगा रहे हैं दिल्ली दरबार में हाजिरी

चंपई सोरेन मंत्रिमंडल विस्तार क्यों टला, जानिए कहां फंस गया पेंच

चंपई सरकार की दूसरी अग्नि परीक्षा, कैबिनेट की रेस में कौन है आगे, किसपर मंडरा रहा है खतरा!

चंपई सरकार की वो 10 चुनौतियां जो कर सकती हैं परेशान

रांची: लंबा राजनीतिक अनुभव और सत्ता के करीब हमेशा रहने वाले मुख्यमंत्री चंपई सोरेन लगातार पूर्ववर्ती हेमंत सरकार की सराहना करते हुए अपनी सरकार को हेमंत पार्ट-2 बता रहे हैं. हेमंत पार्ट-2 बताने के पीछे मुख्यमंत्री की मंशा साफ है. एक तरफ पूर्ववर्ती सरकार में लाई गई योजना को गति देकर जनता के बीच इसे पहुंचाना और दूसरी तरफ सत्ता में शामिल दलों के बीच समन्वय बनाकर शेष बचे समय में शासन प्रशासन चलाना. मगर वर्तमान सरकार के समक्ष कई ऐसी चुनौतियां हैं जिससे मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को जूझना पड़ेगा.

चंपई सोरेन को एक्सीडेंटल मुख्यमंत्री बताते हुए जाने माने पत्रकार बैजनाथ मिश्रा कहते हैं कि कांटों भरा ताज लेकर चलना मुश्किल भरा काम है. पंचम विधानसभा का कार्यकाल महज 11 महीने शेष हैं. इसमें लोकसभा चुनाव, मानसून और फेस्टिवल की वजह से कामकाज प्रभावित होना स्वभाविक है. ऐसे में इस सरकार के पास समय कहां है. लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद आचार संहिता की वजह से विकास कार्य रुकेंगे, राज्य नीतिगत निर्णय नहीं ले सकेगा फिर मानसून और फेस्टिवल का समय आ जायेगा. इन सबके बाद विधानसभा चुनाव की घोषणा नवंबर में हो जायेगा. ऐसे में सरकार के पास काम करने के लिए अंगुली पर गिनती के करीब ढाई महीने हैं.

चंपाई सरकार की 10 चुनौतियां जो डालेगा परेशानी

  1. शासन-प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार
  2. कानून व्यवस्था और नक्सल गतिविधि
  3. सरकार के सहयोगी दल में समन्वय
  4. हेमंत सरकार की कई घोषणा जो नहीं उतर पाई जमीन पर
  5. 1932 आधारित स्थानीय नीति
  6. सरकारी नियुक्ति प्रक्रिया की लचर स्थिति
  7. भ्रष्टाचार से जुड़े केन्द्रीय एजेंसी की कार्रवाई
  8. नगर निकाय चुनाव और ट्रिपल टेस्ट
  9. आय-व्यय में सामंजस्य स्थापित करना
  10. नियोजन नीति

चंपाई सरकार पर सबकी नजर

शांत और धैर्यपूर्वक सबकी बातों को सुनकर निर्णय लेने वाले मुख्यमंत्री चंपई सोरेन पर ना केवल जनजाति समाज की नजर है बल्कि झारखंड में रहने वाले सभी लोगों की उम्मीदें टिकी हैं. जनजाति समाज के जगलाल पाहन कहते हैं कि नई सरकार को जनजाति समाज के लोग एक आशा की नजर से देख रहे हैं कि जल, जंगल की समस्या जो लंबे समय से चल रहा है उसका समाधान करने में यह सरकार सफल होगी, मगर वर्तमान जो हालात हैं वैसे में चंपई सोरेन के लिए चुनौती भरा समय जरूर रहेगा.

बहरहाल इन सारी चुनौतियों के बीच मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के सामने फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती मंत्रिमंडल विस्तार और विभागों का बंटवारा है जिसको लेकर लगातार सहयोगी दलों के साथ मंथन की जा रही है.

ये भी पढ़ें-

अबुआ आवास योजना के तहत प्रमंडल स्तरीय स्वीकृति पत्र वितरण समारोह में शामिल हुए सीएम चंपई, कहा- हेमंत सोरेन के सपने को करेंगे साकार

चंपई सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी, झामुमो या कांग्रेस कहां फंसा है पेंच, विधायक लगा रहे हैं दिल्ली दरबार में हाजिरी

चंपई सोरेन मंत्रिमंडल विस्तार क्यों टला, जानिए कहां फंस गया पेंच

चंपई सरकार की दूसरी अग्नि परीक्षा, कैबिनेट की रेस में कौन है आगे, किसपर मंडरा रहा है खतरा!

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.