पटना : 2025 की सियासी जंग की तैयारी में सभी राजनीतिक दल अभी से जुट गए हैं. चुनाव को लेकर तेजस्वी यादव ने तैयारी शुरू कर दी है. राजद की तरफ से नए नए स्लोगन बनने लगे हैं. पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अब अपने पिता लालू यादव के साये से बाहर निकल कल राजनीति करने चाह रहे हैं. आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार के सामने अपने आपको मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर दिया है.
तेजस्वी को लेकर नया स्लोगन : अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में सभी राजनीतिक दल अपने-अपने हिसाब से रणनीति बनाने में जुट गई है. राजद की तरफ से तेजस्वी यादव को बिहार का अगला मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट कर दिया गया है. राजद के पोस्टर में तरह-तरह के स्लोगन दिए जा रहे हैं.
पार्टियों का स्लोगन तैयार : एक पोस्ट में भोजपुरी में लिखा गया है- ‘जुड़े के बा जीते के बा, 2025 में नियुक्ति में तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनावे के बा’ वहीं आरजेडी के एक अलग पोस्ट में योगी आदित्यनाथ के 'बंटोगे तो कटोगे' नारा के जवाब में लिखा गया है 'ना बंटेंगे, न कटेंगे, तेजस्वी के साथ जुड़ेंगे'
तेजस्वी को CM बनाने की बात : आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ता यह मान कर चल रहे हैं कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव होगा. यही कारण है कि राजद के कार्यकर्ता अभी से तेजस्वी यादव को 2025 का नायक बताने में जुट गए हैं. राजद के कार्यकर्ता तेजस्वी यादव के 17 महीने के उपमुख्यमंत्री के कार्यकाल में हुए कामों का क्रेडिट देने से नहीं चूक रहे हैं.
श्रेय लेने की होड़ : बिहार में 5 लाख से अधिक नौकरियों की बात हो या अन्य विभागों में बेहतर काम करने का क्रेडिट हो वह तेजस्वी यादव को दे रहे हैं. खुद तेजस्वी यादव ने भी कई बार कहा है कि उनके 17 महीने के कार्यकाल में 5 लाख से अधिक नौकरी दी गई एवं तीन लाख से अधिक नौकरियों को प्रक्रियाधीन किया गया. सड़कों के निर्माण की बात हो या अन्य विकास का काम तेजस्वी यादव का कहना था कि 17 महीने के कार्यकाल में जितना काम किया गया उतना कभी नहीं हुआ.
राजद को ए टू जेड की पार्टी बनाने का लक्ष्य : राष्ट्रीय जनता दल का मुख्य वोट बैंक मुस्लिम-यादव यानी MY समीकरण है. पार्टी में जब से तेजस्वी यादव सभी निर्णय लेने लगे हैं, तब से तेजस्वी यादव ने पार्टी के स्वरूप को बदलने का काम किया है. तेजस्वी यादव आरजेडी को MY से ए टू जेड बनाने की बात कहते रहे हैं. तेजस्वी यादव ने पार्टी की छवि बदलने की कोशिश की है.
पार्टी का 'कल्चर' बदल रहे तेजस्वी: तेजस्वी यादव ने राजद में गमछा कल्चर हटाकर टोपी और बैच लगाने की परिपाटी शुरू की. राजद के कार्यकर्ताओं को गमछा लगाने का निर्देश उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने दिया था, लेकिन उन्होंने पार्टी में गमछा कल्चर को हटाने का काम किया. मुस्लिम-यादव समीकरण से बढ़कर उन्होंने सभी जातियों को पार्टी से जोड़ने की मुहिम शुरू की. पिछले लोकसभा चुनाव में कुशवाहा वोटों को अपने पक्ष में लाने के लिए कुशवाहा कैंडिडेट पर उन्होंने दावा खेल, जो बहुत हद तक सफल भी रहा.
MY से A TO Z का ट्रांसफॉर्म : अब तेजस्वी यादव आगामी विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के विकल्प के तौर पर अपने आप को पेश करना शुरू कर दिए हैं. यही कारण है कि वह MY समीकरण को एकजुट करते हुए अन्य जातियों को भी अपने पक्ष में लाने का प्रयास कर रहे हैं.
बीजेपी का हिंदुत्व कार्ड : बीजेपी अब खुलकर हिंदुत्व का कार्ड खेलना शुरू कर दिया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में एक स्लोगन दिया था 'बंटोगे तो कटोगे, एक रहोगे तो सेफ रहोगे' उनके इस नारा को बीजेपी के सभी बड़े नेताओं ने भी कहना शुरू कर दिया है. उत्तर प्रदेश से निकला या नारा अब पूरे देश में लगने लगा है.
सीमांचल में हिन्दुत्व कार्ड : बिहार में गिरिराज सिंह सीमांचल में हिंदू स्वाभिमान यात्रा निकालकर हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण को पहले ही हवा दे चुके हैं. भागलपुर से निकला उनका यह यात्रा सीमांचल के किशनगंज में खत्म हुआ. उनके इस यात्रा पर जदयू को आपत्ति थी फिर भी गिरिराज सिंह ने यात्रा पूरी की और स्पष्ट कर दिया कि आगामी विधानसभा चुनाव में भी भाजपा अपना हिंदुत्व के एजेंडे को नहीं छोड़ रही है.
मुस्लिम वोटर में बिखराव का डर : आगामी विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटों को अपने पक्ष में लाने के लिए प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज और AIMIM पूरी तैयारी कर रही है. प्रशांत किशोर 40 मुस्लिम प्रत्याशियों को खड़ा करने की बात कह रहे हैं, तो AIMIM सीमांचल के अलावे पूरे बिहार में अपने प्रत्याशी देने की तैयारी कर रहा है. ऐसे में मुस्लिम वोटरों के बिखराव की स्थिति होती है तो इसका सीधा नुकसान आरजेडी को होगा. इसीलिए तेजस्वी यादव ने गिरिराज सिंह की यात्रा एवं अररिया के सांसद के बयान पर खुलकर कहा था कि 'मुसलमानों को यदि कोई आंख दिखाने का काम करेगा तो ईंट से ईंट बजा देंगे.'
बिहार बीजेपी भी योगी के नारा के साथ : भाजपा प्रवक्ता कुंतल कृष्ण का मानना है कि राष्ट्रीय जनता दल और लालू प्रसाद यादव ने बिहार में माय समीकरण की बात की. MY का मतलब ही है मुस्लिम और यादव. भाजपा प्रवक्ता ने तेजस्वी यादव को राजद के अतीत की बात याद दिलाते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव ने बिहार में कहा था 'भूरा बाल साफ करो'.
''आपके पिताजी, आपका दल और आप लोग बिहार में समाज को बांटने में विश्वास रखते हैं. आपके पिताजी आपका पूरा परिवार बिहार में 120 से ज्यादा नरसंहार के लिए जिम्मेदार है. यह सत्य है की "एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे बटेंगे तो कटेगें". इस मुद्दे पर सभी एक होंगे क्योंकि संघ शक्ति कलियुगे का नारा शुरू से लगता आया है. इससे सभी को इत्तेफाक है.''- कुंतल कृष्ण, प्रवक्ता, बीजेपी
'आरजेडी के लिए मुस्लिम वोट से आगे कुछ नहीं' : भाजपा प्रवक्ता का कहना है कि इन उपरोक्त बातों से सिर्फ एक ही दल को इत्तेफाक नहीं होगा, तो वह है राष्ट्रीय जनता दल. क्योंकि, लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव एवं उनके परिवार के लिए मुस्लिम वोट से आगे कुछ भी नहीं है.
आरजेडी का जदयू से सवाल : योगी आदित्यनाथ के 'बंटोगे तो कटोगे' नारा के बहाने राजद ने बीजेपी और जेडीयू दोनों पर निशाना साधा है. पूर्व विधायक एवं आरजेडी प्रवक्ता ऋषि मिश्रा ने योगी आदित्यनाथ के स्लोगन पर तंज करते हुए कहा कि योगी जी यह कहना भूल गए कि बीजेपी से जो सटेगा वह कटेगा. 2014 से भारत के समाज को देश के समाज को बांटने और काटने की कोशिश करते हैं.
''केंद्रीय मंत्री हो या आप लोग हों, हर रोज कुछ ना कुछ जहरीला बयान देते हैं. 2014 से भाजपा देश के लोगों को किसी न किसी रूप में काटने का काम कर रही है, चाहे वह महंगाई के बहाने हो या नोटबंदी के बहाने."- ऋषि मिश्रा, प्रवक्ता, आरजेडी
'काटने का काम करती आ रही बीजेपी' : आरजेडी प्रवक्ता ऋषि मिश्रा ने जेडीयू से भाजपा के नया नारा को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की. समाज के लोगों को काटने और बांटने की बात बीजेपी कर रही है उससे जदयू सहमत है या नहीं? हर दिन बीजेपी देश में किसी न किसी रूप में काटने का काम ही करती आ रही है.
नीतीश कुमार के साथ लोगों का जुड़ाव : बीजेपी के हिंदुत्व के एजेंडे से जदयू को कोई मतलब नहीं है. जदयू प्रवक्ता अंजुम आरा का कहना है कि कोई भी रहे उन्हें यह समझना होगा कि नारा और स्लोगन से देश या सरकार नहीं चलता है. जनता के लिए कमिटमेंट किसका है, जिसने वादा किया, वह वादा किसने निभाया? इस पर सरकार चलती है.
''बंटोगे, कटोगे या जुड़ोगे इस पर सरकार नहीं चलती है. बिहार में यह सब बातें नहीं चलती हैं, क्योंकि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार चल रही है. बिहार की सरकार सामाजिक सौहार्द एवं विकास के लिए जानी जाती है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास की लंबी लकीर बिहार ने खींची है. बिहार में फेविकोल से भी यदि मजबूत जोड़ यदि किसी नेता का है तो बिहार के नेता नीतीश कुमार और यहां की जनता के बीच का गठजोड़ है. बिहार में बंटोगे कटोगे का स्लोगन नहीं चलने वाला है."- अंजुम आरा, प्रवक्ता, जेडीयू
क्या मानते हैं राजनीति के जानकर : वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का मानना है कि राष्ट्रीय जनता दल का मुख्य वोट बैंक MY समीकरण है जिसका बिहार में 32% वोट पर पकड़ है. 100 वैसे यदि 32% वोट हटा दें फिर भी 68 फ़ीसदी वोट बचता है. भाजपा किसी भी कीमत पर नहीं चाहती है कि हिंदू के वोटों में बिखराव हो. यदि जाति के वोट भी खराब होता है तो हिंदू ध्रुवीकरण नहीं हो पाएगा, जिसका नुकसान चुनाव में उठाना पड़ सकता है.
''लोकसभा चुनाव में मुस्लिम यादव समीकरण पूरी तरीके से तेजस्वी यादव के पक्ष में था फिर भी उनके अनुकूल परिणाम नहीं आया. मधुबनी लोकसभा चुनाव एवं अररिया लोकसभा चुनाव का परिणाम राजद के पक्ष में नहीं जा सका. जहां पर मुस्लिम कैंडिडेट राजद की तरफ से दिए गए थे. भाजपा ने हिंदुत्व कार्ड खेला तो अररिया एवं मधुबनी दोनों जगह पर बीजेपी को लाभ मिला. हिंदुत्व के एजेंडे से बीजेपी कभी पीछे नहीं"- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
वोटों के बिखराव का डर सभी को : बीजेपी को मुस्लिम वोटों से कोई लेना-देना नहीं है. यही कारण है कि बीजेपी खुलकर हिंदुत्व का कार्ड बिहार में खेलने लगी है. नीतीश कुमार भी बहुत ही चालाकी से सब कुछ देख रहे हैं. नीतीश कुमार चाहते हैं कि अल्पसंख्यक वोट उनसे जुड़े, लेकिन वह यह भी नहीं चाहते कि हिंदू समाज या खासकर पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वोट में बिखरब हो. इसी का लाभ नीतीश कुमार को बिहार में अब तक मिलता रहा है. आरजेडी भले ही दवा करें कि वह MY से ए टू जेड की पार्टी बन गई है लेकिन हकीकत यही है कि वह लोगों का भरोसा नहीं जीत पाये हैं. जिसका पूरा लाभ नीतीश कुमार लेते रहे हैं.
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